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जनजातीय शिक्षा को सशक्त बनाने हेतु NESTS की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला संपन्न

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राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति छात्र शिक्षा समाज (NESTS) ने 21–22 नवंबर 2025 को आकाशवाणी भवन, नई दिल्ली में “जनजातीय शिक्षा के लिए गुणवत्तापूर्ण ढाँचा निर्माण” विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया। यह कार्यशाला सरकार द्वारा जनजातीय समुदायों की शैक्षणिक संरचना को मज़बूत करने और एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (EMRS) के माध्यम से सतत एवं प्रभावी शिक्षण वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल माननीय प्रधानमंत्री के “शिक्षा द्वारा जनजातीय परिवर्तन” के विज़न को साकार करने पर केंद्रित है।

जनजाति कार्य मंत्रालय की सचिव ने कार्यशाला का उद्घाटन किया, इंजीनियर्स हैंडबुक जारी

कार्यक्रम का उद्घाटन रंजन चोपड़ा, सचिव, जनजाति कार्य मंत्रालय ने किया। उन्होंने EMRS इंजीनियर्स हैंडबुक भी जारी की।
सचिव ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य NESTS, परियोजना टीमों और EMRS निर्माण स्थलों पर कार्यरत इंजीनियरों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है।

उन्होंने कहा कि EMRS जनजातीय छात्रों और उनके परिवारों में आत्मविश्वास और सम्मान की भावना जगाते हुए सामाजिक परिवर्तन का माध्यम हैं।

उन्होंने विद्यालयों के निर्माण में सुरक्षा, संरचनात्मक मजबूती और सौंदर्य को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि ये विद्यालय आशा और अवसर के प्रतीक हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि यद्यपि स्थलों से संबंधित चुनौतियाँ हैं, फिर भी परिश्रम, पारदर्शी संवाद और समान अपेक्षाएँ उच्च गुणवत्ता वाले EMRS कैंपस बनाने में सहायक होंगे। यह कार्यशाला तकनीकी सवालों को हल करने, सूचना की खाई को पाटने और समन्वित प्रयासों को प्रोत्साहित करेगी।

NESTS के आयुक्त का संबोधन

शुरुआत में NESTS के आयुक्त अजीत के. श्रीवास्तव ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया।
अपने संबोधन में उन्होंने बताया:

  • वर्तमान में 499 EMRS स्कूल संचालित हैं,

  • 397 स्कूल भवन पूर्ण हो चुके हैं,

  • शेष विद्यालय निर्माण या पूर्व-निर्माण चरणों में हैं।

उन्होंने समय पर गुणवत्तापूर्ण निर्माण के महत्व पर जोर देते हुए कहा:

“अच्छी गुणवत्ता वाले EMRS का समय पर पूरा न होना मतलब है कि जनजातीय बच्चे स्कूल नहीं जा पाएँगे—जो बिल्कुल स्वीकार्य नहीं।”

कार्यशाला के बारे में

कार्यशाला में PSUs, CPWD, राज्य सरकारों और विभिन्न निर्माण एजेंसियों के इंजीनियरों ने भाग लिया।
यह कार्यक्रम क्षमता-विकास पर केंद्रित था ताकि EMRS निर्माण कार्य को तेजी और गुणवत्ता के साथ आगे बढ़ाया जा सके।

सत्रों में निम्न विषय शामिल थे:

  • परियोजना योजना व निगरानी

  • भू-तकनीकी जांच

  • सामग्री परीक्षण

  • अर्थवर्क और रिइनफोर्समेंट

  • जनजातीय क्षेत्रों की चुनौतियों के अनुरूप निर्माण प्रथाएँ

प्रतिभागियों ने भौगोलिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों के अनुरूप निर्माण मॉडल अपनाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।

गुणवत्तापूर्ण निर्माण के लिए विशेषज्ञों का मार्गदर्शन

IIT, NIT, CBRI, SAI सहित प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञों ने निम्न विषयों पर मार्गदर्शन दिया:

  • गुणवत्ता आश्वासन प्रणाली

  • सामग्री परीक्षण तकनीक

  • प्रभावी परियोजना प्रबंधन

  • क्षेत्रीय चुनौतियों के समाधान

इंटरैक्टिव सत्रों में इंजीनियरों ने अपने अनुभव साझा किए और व्यावहारिक समाधान खोजे।

यह कार्यशाला जनजातीय छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और मजबूत विद्यालय अवसंरचना सुनिश्चित करने की दिशा में NESTS के मिशन का महत्वपूर्ण कदम है। यह जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा के परिदृश्य को बदलने की सरकारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है।


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