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शांति शिखर रिट्रीट सेंटर: नवा रायपुर में शांति और आध्यात्मिकता का प्रतीक

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नवा रायपुर के सेक्टर-20 में स्थित ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान का “शांति शिखर रिट्रीट सेंटर – एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड” आज छत्तीसगढ़ में शांति और आध्यात्मिकता का नया प्रतीक बनकर खड़ा है। यह भव्य केंद्र राजयोगी ओम प्रकाश भाईजी और राजयोगिनी कमला दीदी के पवित्र संकल्पों से साकार हुआ है। इस भवन का निर्माण 15 जनवरी 2018 को प्रारंभ हुआ और सात वर्षों की निष्ठापूर्ण साधना के बाद यह स्वप्न हकीकत में बदला। 105 फीट ऊँचा, 150 फीट चौड़ा और 225 फीट लंबा यह पाँच मंजिला शांति-धाम राजस्थानी महल की शैली में जोधपुर के कारीगरों ने विशिष्ट पिंक स्टोन से तैयार किया। निर्माण हेतु 150 से अधिक ट्रकों में यह गुलाबी पत्थर विशेष रूप से जोधपुर से लाया गया था। यह न केवल ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान की पहली पिंक स्टोन इमारत है, बल्कि छत्तीसगढ़ की पहली ऐसी संरचना भी है जो प्रेसटेंसाइल बीम तकनीक से निर्मित हुई है—जो आमतौर पर बड़े पुलों में प्रयुक्त होती है।

भवन की प्रमुख विशेषताएँ 

  1. 2000 लोगों की क्षमता वाला आधुनिक एलईडी स्क्रीनयुक्त एसी ऑडिटोरियम
  2. 400 लोगों हेतु दो उन्नत सेमिनार हॉल
  3. 100 साधकों के लिए विशाल ध्यान कक्ष
  4. 25 व्यक्तियों की क्षमता वाली आध्यात्मिक व नैतिक साहित्य से समृद्ध लाइब्रेरी
  5. 100 अतिथियों के लिए आरामदायक विश्राम कक्ष
  6. 300 लोगों का डायनिंग हॉल
  7. 200 से अधिक लोगों का वीडियो थिएटर, जहाँ संस्था की प्रेरक फिल्में प्रदर्शित होंगी

दो एकड़ में बना है शांति शिखर 

लगभग दो एकड़ भूमि में फैले इस केंद्र को ब्रह्माकुमारीज़ के देश-विदेश के रिट्रीट केंद्रों में अद्वितीय माना जा रहा है। रायपुर क्षेत्र की संचालिका राजयोगिनी बीके सविता दीदी के अनुसार, “शांति शिखर” में समाज के प्रत्येक वर्ग को ध्यान में रखकर विविध आध्यात्मिक कार्यक्रम संचालित होंगे। यहाँ आने वाला हर व्यक्ति आत्मशांति, पवित्रता और सकारात्मकता का अनुभव करेगा।

11 हजार लोगों का योगदान 

इस केंद्र के निर्माण में ब्रह्माकुमारीज़ के 50 सेवाकेंद्रों और 500 उपसेवाकेंद्रों से जुड़े लगभग 11 हजार सदस्यों का सहयोग रहा। वर्ष 2018 से प्रत्येक सदस्य ने प्रतिदिन एक रुपया देकर इस दिव्य धरोहर को साकार किया। यह सामूहिक सेवाभाव आने वाले समय में न जाने कितने जीवनों में शांति, एकता और सद्भाव की ज्योति प्रज्वलित करेगा।“शांति शिखर” केवल एक इमारत नहीं, बल्कि मानवता में शांति और सकारात्मकता का जीवंत मंदिर है—जो आने वाली पीढ़ियों को ‘आत्मबल से विश्व-कल्याण’ का संदेश देगा।

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