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वन नेशन, वन टैक्स ने कर संरचना को सरल बनाया: ओम बिड़ला

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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने आज कहा कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में सुधार तथा “वन नेशन, वन टैक्स” जीएसटी ढांचे ने देश की कर व्यवस्था को सरल और पारदर्शी बनाया है, जिससे भारत की वृद्धि और समृद्धि को गति मिली है। उन्होंने कहा कि राजस्व सेवा अधिकारियों की ज़िम्मेदारी है कि वे इस पारदर्शी प्रणाली को मजबूत बनाए रखें।

ओम बिड़ला संसद भवन परिसर में लोकसभा सचिवालय के पीआरआईडीई (Parliamentary Research and Training Institute for Democracies) द्वारा आयोजित संसदीय प्रक्रियाओं और विधियों के प्रशंसा पाठ्यक्रम में भाग ले रहे भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस–सी एंड आईटी) के 76वें बैच के अधिकारी प्रशिक्षुओं को संबोधित कर रहे थे।

महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर प्रसन्नता

उन्होंने विभिन्न केंद्रीय और अखिल भारतीय सेवाओं में महिलाओं की बढ़ती संख्या पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह देश की प्रगतिशील सोच और आकांक्षाओं का प्रतीक है।

युवा तकनीकी दक्ष और नवाचार के अग्रदूत

 ओम बिड़ला ने कहा कि आज का युवा तकनीक, अनुसंधान और नवाचार में अग्रणी है। उनकी प्रखर सोच, आत्मविश्वास और नई दृष्टि भारत को वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जाएगी। उन्होंने विश्वास जताया कि युवा अधिकारी प्रशिक्षु ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने envisioned किया है।

संसद—लोकतंत्र और नीति-निर्माण का केंद्र

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारत की संसद लोकतांत्रिक प्रक्रिया और नीति निर्माण का केंद्र है। आने वाले समय में आईआरएस अधिकारी देश की आर्थिक शक्ति के महत्वपूर्ण स्तंभ बनेंगे।

उन्होंने कहा कि आईआरएस अधिकारियों की भूमिका केवल कर संग्रहण तक सीमित नहीं है, बल्कि ईमानदार करदाताओं का सम्मान, व्यापार सुगमता, अवैध व्यापार पर रोक, मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करना भी उनकी बड़ी जिम्मेदारियाँ हैं।

कर व्यवस्था को और सरल, पारदर्शी बनाने पर जोर

ओम बिड़ला ने कहा कि सरकार कर प्रणाली को सरल, सुगम और पारदर्शी बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है, ताकि नागरिकों को देश की प्रगति से संबंध महसूस हो। उन्होंने बताया कि पिछले वर्षों में इस दिशा में काफी सुधार हुआ है।

उन्होंने कहा कि आधुनिक डिजिटल कर प्रणालियाँ, एआई आधारित असेसमेंट और डेटा एनालिटिक्स कर प्रशासन को और अधिक निष्पक्ष व पारदर्शी बना रहे हैं। उन्होंने युवा अधिकारी प्रशिक्षुओं से आह्वान किया कि वे अपनी मेहनत और नवाचार से इसमें योगदान दें।

कानून और संसदीय प्रक्रियाओं का गहन अध्ययन करने की सलाह

ओम बिड़ला ने अधिकारियों को कर कानूनों, संसदीय बहसों और नवीनतम विधेयकों का गहन अध्ययन करने की सलाह दी, ताकि वे कानून की भावना और उद्देश्य को अच्छी तरह समझ सकें।

76वें बैच की विशेषताएँ

  • कुल प्रशिक्षु: 79 (जिनमें 5 भूटान से)

  • 40% महिलाएँ

  • 32% ग्रामीण पृष्ठभूमि से

  • औसत आयु: 28 वर्ष

  • 51 प्रशिक्षुओं के पास पूर्व कार्य अनुभव

लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने कार्यक्रम में स्वागत भाषण दिया।

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