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‘रिपेरेबिलिटी इंडेक्स के माध्यम से उपभोक्ता सशक्तिकरण’ पर लोगो डिजाइन प्रतियोगिता का शुभारंभ

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मरम्मत के मिशन में जनसहभागिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, उपभोक्ता मामले विभाग ने MyGov और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली के उपभोक्ता विधि अध्यक्ष (Chair on Consumer Law) के सहयोग से ‘रिपेरेबिलिटी इंडेक्स के माध्यम से उपभोक्ता सशक्तिकरण’ विषय पर लोगो डिजाइन प्रतियोगिता प्रारंभ की है। इस पहल का उद्देश्य नागरिकों से रचनात्मक विचार प्राप्त करना और इस मिशन में व्यापक सार्वजनिक भागीदारी सुनिश्चित करना है।

पहले, उपभोक्ता मामले विभाग ने उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने और ई-कचरे को कम करने के लिए ‘राइट टू रिपेयर थ्रू रिपेरेबिलिटी इंडेक्स फ्रेमवर्क’ विकसित किया था, जिससे उपभोक्ताओं को पारदर्शी और सूचित उत्पाद चयन में सहायता मिल सके। यह ढांचा उपभोक्ताओं को नए उत्पाद खरीदने के बजाय अपने उत्पादों की मरम्मत उचित लागत पर कराने का अवसर प्रदान करेगा।

इस लोगो के उद्देश्य:

  1. किसी उत्पाद की रिपेरेबिलिटी इंडेक्स रेटिंग को स्पष्ट रूप से दर्शाना।

  2. “राइट टू रिपेयर” और “सर्कुलर इकोनॉमी” के मूल सिद्धांतों का प्रतीक बनना।

  3. उपभोक्ताओं द्वारा आसानी से पहचाने जाने योग्य एक प्रमाणन चिह्न के रूप में कार्य करना।

यह प्रस्तावित लोगो भारत के सर्कुलर इकोनॉमी की ओर संक्रमण का दृश्य प्रतीक होगा, जो जिम्मेदार उपभोग और उपभोक्ता सशक्तिकरण को बढ़ावा देगा।

रिपेरेबिलिटी इंडेक्स फ्रेमवर्क के प्रारंभिक फोकस क्षेत्र हैं — कृषि उपकरण, मोबाइल फोन एवं टैबलेट, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं, ऑटोमोबाइल एवं ऑटोमोबाइल उपकरण। उपभोक्ता मामले विभाग ने उपभोक्ता अधिकारों को सुदृढ़ करने, सतत उपभोग को प्रोत्साहित करने और सर्कुलर इकोनॉमी को मजबूत करने के लिए बहु-आयामी रणनीति अपनाई है। यह उपभोक्ताओं के धन की बचत करेगा और उपकरणों की आयु, रखरखाव, पुन: उपयोग, अपग्रेड, पुनर्चक्रण एवं अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार के माध्यम से सर्कुलर इकोनॉमी के उद्देश्यों को आगे बढ़ाएगा।

इस पहल का उद्देश्य उपभोक्ताओं को उनके खरीदे गए उत्पादों पर वास्तविक “स्वामित्व” प्रदान करना और व्यापार एवं मरम्मत पारिस्थितिकियों को LiFE (Lifestyle for Environment) आंदोलन के “सतर्क एवं सोच-समझकर उपयोग” के आह्वान के अनुरूप बनाना है। इन उद्देश्यों को क्रियान्वित करने हेतु “राइट टू रिपेयर पोर्टल इंडिया” 24 दिसंबर 2022 को राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस के अवसर पर प्रारंभ किया गया था। यह पोर्टल उपभोक्ताओं, निर्माताओं और तृतीय पक्ष मरम्मतकर्ताओं के लिए एकीकृत डिजिटल मंच के रूप में कार्य करता है।

जब यह ढांचा लागू होगा, तो यह निर्धारित मुख्य मानकों पर आधारित होगा, जिनके आधार पर उत्पादों की मरम्मत-सुलभता का आकलन, रेटिंग और तुलना की जाएगी। इस पहल को दृश्य रूप में प्रस्तुत करने और जनता के बीच पहचान एवं विश्वास बढ़ाने के लिए यह लोगो डिजाइन प्रतियोगिता शुरू की गई है।

प्रतियोगिता की प्रमुख जानकारी:

  • प्रतियोगिता में भारत के सभी नागरिक (1 नवंबर 2025 तक 16 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले) भाग ले सकते हैं।

  • प्रतिभागियों को मौलिक (original) लोगो डिजाइन प्रस्तुत करना होगा, साथ में एक संक्षिप्त अवधारणा नोट (concept note) भी देना होगा जिसमें डिजाइन विचार और विषय से उसका संबंध स्पष्ट किया गया हो।

  • प्रविष्टियाँ निर्धारित प्रारूप में MyGov पोर्टल (Empowering consumers through Repairability Index | MyGov.in) पर 30 नवंबर 2025 (रात 11:45 बजे IST) तक अपलोड की जानी चाहिए।

  • विजेता प्रविष्टि को ₹25,000/- का नकद पुरस्कार दिया जाएगा और चयनित लोगो को रिपेरेबिलिटी इंडेक्स फ्रेमवर्क का आधिकारिक प्रतीक (emblem) के रूप में अपनाया जा सकता है।

उपभोक्ता मामले विभाग पूरे देश के रचनात्मक नागरिकों, डिजाइनरों, छात्रों और नवप्रवर्तकों को इस राष्ट्रीय प्रयास में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है, ताकि भारत के जिम्मेदार उपभोग और सतत जीवन शैली की दिशा में हो रहे परिवर्तन को एक सशक्त दृश्य पहचान दी जा सके।

पृष्ठभूमि:

जुलाई 2022 में विभाग ने एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था ताकि “राइट टू रिपेयर” के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय ढांचा तैयार किया जा सके। इसी के अंतर्गत 24 दिसंबर 2022 को “राइट टू रिपेयर पोर्टल इंडिया” का शुभारंभ किया गया।

मार्च 2024 में, विभाग ने चार प्रमुख क्षेत्रों — ऑटोमोबाइल, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं, मोबाइल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, और कृषि उपकरण — की कंपनियों के साथ एक बैठक आयोजित की ताकि उन्हें पोर्टल पर शामिल किया जा सके। बैठक में सीमित स्पेयर पार्ट्स उपलब्धता, मरम्मत मैनुअल की अनुपलब्धता और उच्च मरम्मत लागत जैसे मुद्दों को उपभोक्ता अधिकारों के लिए प्रमुख बाधाओं के रूप में रेखांकित किया गया।

जुलाई 2024 में, ऑटोमोबाइल संघों और साझेदार कंपनियों के साथ विशेष बैठक आयोजित की गई जिसमें मरम्मत मैनुअल और वीडियो को सभी के लिए सुलभ बनाने, तृतीय पक्ष मरम्मतकर्ताओं को सक्षम करने और ऑटोमोटिव उत्पादों के लिए रिपेरेबिलिटी इंडेक्स विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

अगस्त 2024 में, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में “राइट टू रिपेयर” पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य उद्योग हितधारकों के बीच रिपेरेबिलिटी इंडेक्स के प्रमुख मापदंडों पर सहमति बनाना था ताकि उत्पादों की आयु बढ़ाई जा सके, मरम्मत जानकारी तक पहुंच को बढ़ावा दिया जा सके और उपभोक्ताओं को अपने उपकरणों को पुन: उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

इसके बाद, समिति ने 3 मई 2025 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें स्मार्टफोन और टैबलेट को रिपेरेबिलिटी इंडेक्स फ्रेमवर्क के तहत शामिल किए जाने वाले पहले उत्पाद श्रेणी के रूप में अनुशंसित किया गया। समिति ने “प्राथमिक पुर्जे” जैसे बैटरी, डिस्प्ले असेंबली, बैक कवर असेंबली, कैमरे, चार्जिंग पोर्ट, बटन, माइक्रोफोन, स्पीकर, हिंज/फोल्डिंग मैकेनिज्म और ऑडियो कनेक्टर को चिन्हित किया।

रिपेरेबिलिटी इंडेक्स (RI) का मूल्यांकन छह प्रमुख मानकों पर किया जाएगा:

  1. डिसअसेंबली की गहराई,

  2. मरम्मत जानकारी की उपलब्धता,

  3. स्पेयर पार्ट्स की समय पर उपलब्धता,

  4. सॉफ़्टवेयर अपडेट,

  5. टूल्स और

  6. फास्टनर्स (प्रकार एवं उपलब्धता)।

इस योजना के तहत, मूल उपकरण निर्माता (OEMs) मानकीकृत स्कोरिंग मानदंड के आधार पर RI को स्वयं घोषित करेंगे और इसे बिक्री बिंदु, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तथा पैकेजिंग पर QR कोड के माध्यम से प्रदर्शित करेंगे ताकि उपभोक्ता सूचित निर्णय ले सकें।

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