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स्पेशलिटी स्टील के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना के तीसरे चरण (PLI 1.2) का शुभारंभ

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नई दिल्ली- भारत सरकार का इस्पात मंत्रालय "स्पेशलिटी स्टील के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना" के तीसरे चरण (पीएलआई 1.2) की शुरुआत करने जा रहा है। यह कार्यक्रम भारत सरकार की “आत्मनिर्भर भारत” दृष्टि के तहत एक प्रमुख पहल है। इस अवसर पर माननीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारी एवं इस्पात क्षेत्र से जुड़े अन्य हितधारक भी उपस्थित रहेंगे।

स्पेशलिटी स्टील के लिए पीएलआई योजना को जुलाई 2021 में केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ₹6,322 करोड़ की कुल लागत के साथ स्वीकृति दी गई थी। इस योजना का उद्देश्य भारत को उच्च मूल्य एवं उन्नत श्रेणी के इस्पात उत्पादन के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है। योजना का लक्ष्य निर्धारित उत्पाद श्रेणियों में उत्पादन और निवेश को प्रोत्साहन देना है, जिससे देश में वैल्यू एडिशन बढ़े और रक्षा, ऊर्जा, एयरोस्पेस एवं अवसंरचना जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आयात पर निर्भरता कम हो।

अब तक इस योजना के अंतर्गत ₹43,874 करोड़ का निवेश प्रतिबद्ध किया गया है, जिसमें से ₹22,973 करोड़ का निवेश पहले ही किया जा चुका है, और पहले दो चरणों में 13,000 से अधिक रोजगार सृजित किए जा चुके हैं।

यह योजना 22 उप-श्रेणियों को कवर करती है, जिनमें सुपर अलॉय, सीआरजीओ, अलॉय फोर्जिंग्स, स्टेनलेस स्टील (लॉन्ग और फ्लैट), टाइटेनियम अलॉय और कोटेड स्टील शामिल हैं। इस योजना के अंतर्गत 4% से 15% तक की प्रोत्साहन दरें निर्धारित की गई हैं, जो वित्त वर्ष 2025–26 से पांच वर्षों के लिए लागू होंगी, जबकि भुगतान वित्त वर्ष 2026–27 से शुरू होगा। इसके साथ ही मूल्य निर्धारण का आधार वर्ष भी अद्यतन कर वित्त वर्ष 2024–25 किया गया है ताकि वर्तमान रुझानों को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित किया जा सके।

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