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भारत–यूएई सीईपीए संयुक्त समिति की तीसरी बैठक में व्यापार वृद्धि और सहयोग पर जोर

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भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने भारत–यूएई व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) के तहत संयुक्त समिति की तीसरी बैठक नई दिल्ली में सफलतापूर्वक आयोजित की। बैठक की सह-अध्यक्षता वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त सचिव अजय भाडू और यूएई के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मामलों के सहायक अवर सचिव ह.E. जुमा अल कैत ने की। दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार में तेज वृद्धि का स्वागत किया, जो वित्त वर्ष 2024–25 में 100.06 अरब अमेरिकी डॉलर को पार कर गया, जो 19.6% की मजबूत बढ़ोतरी को दर्शाता है और भारत के प्रमुख व्यापारिक साझेदार के रूप में यूएई की स्थिति की पुन: पुष्टि करता है। भारत-यूएई संयुक्त आयोग सीईपीए के कार्यान्वयन, प्रगति की समीक्षा और चुनौतियों के समाधान के लिए प्रमुख संस्थागत तंत्र के रूप में कार्य करता है।

दोनों पक्षों ने सीईपीए के तहत हुई प्रगति की व्यापक समीक्षा की और बाजार पहुंच संबंधी मुद्दों, डेटा साझाकरण, गोल्ड TRQ आवंटन, एंटी-डंपिंग मामलों, सेवाओं, मूल नियम (Rules of Origin), बीआईएस लाइसेंसिंग आदि पर विस्तृत चर्चा की। भारतीय पक्ष ने यूएई को गोल्ड TRQ को पारदर्शी प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से आवंटित करने के अपने हालिया निर्णय की भी जानकारी दी।

दोनों पक्षों ने हाल के उच्च-स्तरीय संपर्कों की समीक्षा की, जिनमें मुंबई और दुबई में माननीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ह.E. डॉ. थानी के बीच हुई बैठकें शामिल थीं। उन्होंने 2030 तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर के लक्ष्य की दिशा में गैर-तेल/ गैर-कीमती धातु व्यापार के विस्तार के प्रति अपनी साझा प्रतिबद्धता दोहराई। चर्चाओं में औषधि क्षेत्र में नियामक सहयोग, मूल प्रमाणपत्र (Certificates of Origin) से संबंधित मुद्दों के समाधान, बीआईएस समन्वय तथा भारत के APEDA और यूएई के MoCCAE के बीच खाद्य सुरक्षा और तकनीकी आवश्यकताओं पर एमओयू के शीघ्र हस्ताक्षर को भी शामिल किया गया।

बैठक का समापन दोनों पक्षों द्वारा व्यापार सुगमता, नियामक सहयोग, डेटा साझाकरण को मजबूत करने और सेवाओं की उपसमिति की बैठक बुलाने पर सहमति के साथ हुआ। यूएई प्रतिनिधिमंडल ने वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल से भी मुलाकात की, जहां सीईपीए के सर्वोत्तम उपयोग से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई। यूएई प्रतिनिधिमंडल की यह यात्रा व्यापार संतुलन को गहरा करने, बाजार अवसरों के विस्तार और सीईपीए के तहत सामरिक साझेदारी को और सुदृढ़ करने के प्रति दोनों देशों की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।


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