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भारत-जर्मनी सहयोग: आयुष मंत्रालय की पारंपरिक और एकीकृत चिकित्सा पर तीसरी संयुक्त कार्य समूह बैठक बर्लिन में संपन्न

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भारत सरकार के आयुष मंत्रालय और जर्मनी के संघीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच वैकल्पिक चिकित्सा पर तीसरी संयुक्त कार्य समूह (JWG) बैठक 18 से 20 नवंबर 2025 को बर्लिन में आयोजित की गई, जो पारंपरिक और एकीकृत स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में भारत-जर्मनी सहयोग को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मोनालिशा दाश, संयुक्त सचिव, आयुष मंत्रालय ने किया। इसमें प्रो. (डॉ.) रबिनारायण आचार्य, महानिदेशक, CCRAS; डॉ. सुभाष कौशिक, महानिदेशक, CCRH; डॉ. कौस्तभ उपाध्याय, सलाहकार, आयुष मंत्रालय; और डॉ. काशीनाथ समागंदी, निदेशक, MDNY शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने सहयोग को और मजबूत बनाने के लिए प्रमुख जर्मन संस्थानों के साथ वार्ता की।

जर्मनी की ओर से कार्यक्रम का नेतृत्व पॉल जुबाइल, हेड ऑफ डिवीजन यूरोपियन एंड इंटरनेशनल हेल्थ पॉलिसी, जर्मन स्वास्थ्य मंत्रालय; प्रो. डॉ. मेड. गियोर्ग सिफ़र्ट, हेड ऑफ कॉम्पिटेंस सेंटर फॉर ट्रेडिशनल एंड इंटीग्रेटिव मेडिसिन, चारिटी बर्लिन; आंद्रेया गैले, सीईओ, BKK mkk (स्टैच्यूटरी हेल्थ इंश्योरेंस फंड); और डॉ. जैकलीन वीसनर, हेड ऑफ डिपार्टमेंट फॉर विटामिन्स, मिनरल्स, स्पेशल थेरेप्यूटिक अप्रोचेज, फेडरल इंस्टिट्यूट फॉर ड्रग्स एंड मेडिकल डिवाइसेज (BfArM) ने किया।

वार्ता के तीन मुख्य स्तंभ रहे—

  1. पारंपरिक चिकित्सा को सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों में समाहित करना।

  2. रोगियों की पहुँच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिपूर्ति (reimbursement) मार्ग स्थापित करना।

  3. नियामक अनुमोदन तंत्र को मजबूत करना।

इन विषयों में दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता पर बल दिया गया कि वे सबूत-आधारित और नागरिक-केंद्रित पारंपरिक चिकित्सा प्रथाओं को बढ़ावा देंगे।

मुख्य कार्यक्रम में निम्नलिखित शामिल थे:

  • कॉम्पिटेंस सेंटर फॉर ट्रेडिशनल एंड इंटीग्रेटिव मेडिसिन, चारिटी यूनिवर्सिटी, जहां सहयोगी अनुसंधान के अवसरों की खोज और आयुष मंत्रालय के साथ प्रस्तावित एमओयू को आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई।

  • कम्युनिटी हॉस्पिटल हावेल्होहे – क्लिनिक फॉर एन्थ्रोपोसॉफिक मेडिसिन, जहां एकीकृत देखभाल और अनुसंधान प्रथाओं की समीक्षा की गई।

  • फेडरल जॉइंट कमिटी (G-BA), जहां पारंपरिक चिकित्सा से संबंधित बीमा और प्रतिपूर्ति तंत्र पर विस्तृत चर्चा हुई।

यह मिशन आयुष मंत्रालय के रणनीतिक प्रयासों को दर्शाता है, जिसमें आयुष प्रणालियों का वैश्विकरण, सबूत-आधारित एकीकरण के लिए मजबूत ढांचे का निर्माण, और उच्च-मूल्य वाले अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को मजबूत करना शामिल है, जिससे भारत का वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र में प्रभाव बढ़े।

मंत्रालय ने पुष्टि की कि जर्मनी के साथ सतत सहयोग अनुसंधान, नियामक समन्वय, और रोगियों की पहुँच को सुरक्षित, गुणवत्तापूर्ण और वैज्ञानिक प्रमाण पर आधारित एकीकृत स्वास्थ्य देखभाल समाधान प्रदान करने में तेजी लाएगा।

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