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UPSC शताब्दी सम्मेलन में डॉ. जितेंद्र सिंह ने आयोग को बताया ‘भारत की स्टील फ्रेम का संरक्षक’

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केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के ‘शताब्दी सम्मेलन’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए UPSC को “भारत की स्टील फ्रेम ऑफ गवर्नेंस का संरक्षक” बताया।

इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला मुख्य अतिथि के रूप में तथा UPSC के अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार भी उपस्थित रहे।

UPSC—भारत की लोकतांत्रिक यात्रा का विश्वसनीय प्रहरी

डॉ. सिंह ने कहा कि UPSC ने स्वतंत्रता से पहले और बाद में भी ईमानदारी, निष्पक्षता और पारदर्शिता की परंपरा को कायम रखा है। उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल के “स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया” के उल्लेख को दोहराते हुए कहा कि UPSC ने इस दायित्व को पूर्णतः निभाया है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 कई ऐतिहासिक अवसरों का संगम है—

  • सरदार पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती

  • डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती

  • वंदे मातरम् की रचना के 150 वर्ष

और ऐसे ऐतिहासिक वर्ष में UPSC का शताब्दी वर्ष मनाया जाना विशेष गौरव की बात है।

‘प्रतिभा सेतु’ पोर्टल—प्रतिभा और अवसर का अभिनव संगम

डॉ. सिंह ने UPSC की नवीन पहल ‘प्रतिभा सेतु’ की विशेष सराहना की, जो इंटरव्यू तक पहुँचने के बावजूद अंतिम चयन में न चुने गए उम्मीदवारों को निजी एवं संस्थागत अवसरों से जोड़ता है। उन्होंने इसे “प्रतिभा और अवसर के बीच नवाचारी सेतु” बताया।

उन्होंने कहा कि UPSC केवल भर्ती एजेंसी ही नहीं, बल्कि

  • सेवा नियमों का निर्माण,

  • प्रशासनिक सुधार,

  • और लोक सेवा में नैतिक मानकों को विकसित करने
    में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

अंत में उन्होंने कहा, “विकसित भारत 2047 के निर्माता इसी संस्था से उभरेंगे।”

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला का संबोधन—UPSC ने दुनिया में स्थापित किए प्रशासनिक मानक

उद्घाटन सत्र के दौरान लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला ने UPSC को भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की सबसे महत्वपूर्ण संस्थाओं में से एक बताया।

उन्होंने कहा कि पिछले 100 वर्षों में UPSC ने—

  • पारदर्शिता, निष्पक्षता, गोपनीयता, और जवाबदेही के आधार पर
    विश्व स्तर पर एक आदर्श मानक स्थापित किया है।

उन्होंने कहा कि UPSC की भर्ती प्रक्रिया में हर क्षेत्र, भाषा और वर्ग के लोग समान विश्वास के साथ भाग लेते हैं, और यही इसके प्रति जनता के भरोसे का प्रमाण है।

भविष्य की चुनौतियाँ—UPSC की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण

बिड़ला ने आयोग से आह्वान किया कि वह बदलते वैश्विक परिदृश्य—

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता,

  • जलवायु परिवर्तन,

  • साइबर सुरक्षा,

  • तथा राष्ट्रीय सुरक्षा
    जैसे विषयों के अनुरूप अपने सुधार जारी रखे।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि UPSC के अगले 100 वर्ष भारत के सुशासन को नई ऊँचाइयों तक ले जाएंगे।

UPSC अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने दिया स्वागत भाषण

अपने स्वागत वक्तव्य में UPSC अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने इस सम्मेलन को आयोग की एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि UPSC संविधान में निहित मूल्यों—
निष्पक्षता, मेधा और समान अवसर
—के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहेगा।

उन्होंने पूर्व अध्यक्षों और सदस्यों को “UPSC की गौरवशाली परंपरा के मार्गदर्शक” बताया तथा राज्य लोक सेवा आयोगों के साथ UPSC के मजबूत संबंधों पर प्रकाश डाला।

शताब्दी सम्मेलन—देश के प्रशासनिक इतिहास की महत्वपूर्ण उपलब्धि

दो दिवसीय 26–27 नवंबर 2025 का यह समारोह UPSC के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित किया गया। इसमें—

  • UPSC और राज्य लोक सेवा आयोगों के वर्तमान व पूर्व अध्यक्ष/सदस्य,

  • केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी,

  • शिक्षाविद,

  • एवं प्रशासन विशेषज्ञ
    शामिल हुए।


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