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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का दौरा किया, बहु-आकस्मिक प्रारंभिक चेतावनी निर्णय समर्थन प्रणाली (DSS) की समीक्षा की

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का दौरा किया और विभाग द्वारा विकसित वेब-जीआईएस आधारित बहु-आकस्मिक प्रारंभिक चेतावनी निर्णय समर्थन प्रणाली (Multi-Hazard Early Warning Decision Support System – DSS) की समीक्षा की।

मंत्री ने विभाग द्वारा स्वदेशी, तकनीक-आधारित और नागरिक-केंद्रित मौसम पूर्वानुमान प्रणालियों के विकास में हुई उल्लेखनीय प्रगति की सराहना की, जिससे आपदा प्रबंधन की तैयारी और जनसुरक्षा को मजबूती मिली है। उन्होंने बताया कि इस DSS प्रणाली के माध्यम से विदेशी विक्रेताओं पर निर्भरता समाप्त होने और ₹5.5 करोड़ के वार्षिक रखरखाव व्यय से बचाव के कारण लगभग ₹250 करोड़ की लागत बचत हुई है, जो “आत्मनिर्भर भारत” पहल को सशक्त बनाता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने “मौसमग्राम” (हर हर मौसम, हर घर मौसम) नामक नागरिक-केंद्रित प्लेटफ़ॉर्म की भी समीक्षा की, जो गाँव स्तर तक हाइपर-लोकल और स्थान-विशिष्ट मौसम पूर्वानुमान प्रदान करता है। यह प्रणाली अगले 36 घंटे तक प्रति घंटे का पूर्वानुमान, अगले 5 दिनों तक हर 3 घंटे का पूर्वानुमान और अगले 10 दिनों तक हर 6 घंटे का पूर्वानुमान देती है। नागरिक अपने क्षेत्र का मौसम विवरण पिन कोड, स्थान नाम या राज्य, ज़िला, ब्लॉक और ग्राम पंचायत के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। यह सभी भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे देश के प्रत्येक हिस्से में नागरिकों को सटीक और समय पर मौसम जानकारी मिल सके।

IMD ने अपने पूर्वानुमान और चेतावनी निर्माण प्रक्रिया को पूरी तरह से पुनर्गठित किया है, जिससे वास्तविक समय में अलर्ट जारी किए जा सकें। अब पूर्वानुमान की सटीकता में 15–20% की वृद्धि हुई है, तैयारी समय 3 घंटे घटा है, और लीड अवधि 5 से बढ़कर 7 दिन तक हो गई है।

IMD अधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान डॉ. जितेंद्र सिंह ने “मौसमग्राम” को और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने के लिए इसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित तंत्र शामिल करने का सुझाव दिया। उन्होंने यह भी कहा कि बहु-आकस्मिक प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली को और विकसित किया जाए ताकि नागरिकों को स्पष्ट, क्रियाशील और समय पर अलर्ट मिल सकें, जिससे आपदाओं को रोका जा सके और पर्याप्त तैयारी की जा सके।

मंत्री ने IMD टीम को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार 2025 जीतने पर बधाई दी, जो विशाखापट्टनम में आयोजित 28वें राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन के दौरान DSS के माध्यम से सार्वजनिक सेवा में डिजिटल तकनीक के उत्कृष्ट उपयोग के लिए प्रदान किया गया। उन्होंने विशेष स्वच्छता कार्यक्रम के तहत पुराने फ़ाइलों और ई-वेस्ट के निपटान से ₹30 लाख की आय और 600 वर्ग मीटर कार्यालय क्षेत्र खाली करने के लिए भी विभाग की सराहना की।

इससे पहले, मंत्री ने नई दिल्ली स्थित IMD मुख्यालय “मौसम भवन” में आयोजित विशेष स्वच्छता कार्यक्रम 5.0 में भाग लिया।

“एक पेड़ मां के नाम” पहल के तहत, डॉ. जितेंद्र सिंह ने IMD परिसर में पौधारोपण किया और स्वच्छता कार्यों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले 50 सफाई मित्रों को सम्मानित किया।

मिशन मौसम के अंतर्गत आधुनिक मौसम उपकरणों की स्थापना और कमीशनिंग जारी है, जो 2030 तक IMD की पूर्वानुमान क्षमता को सशक्त बनाएगा। इससे 5x5 किलोमीटर स्तर तक गंभीर मौसम पूर्वानुमान, डायनेमिक इम्पैक्ट-आधारित फोरकास्टिंग और जोखिम-आधारित प्रारंभिक चेतावनियां संभव होंगी। इसका उद्देश्य है कि 2030 तक हर घर तक समय पर मौसम अलर्ट पहुँचे, जिससे “हर हर मौसम, हर घर मौसम” का विज़न साकार हो सके।

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