Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ की संवादात्मक बैठक, राज्य की सांख्यिकीय प्रणाली का लिया अवलोकन

Document Thumbnail

लखनऊ- राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (NSC) ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ एक संवादात्मक बैठक का आयोजन किया, जिसमें राज्य की सांख्यिकीय प्रणाली का अवलोकन किया गया। इस बैठक का उद्देश्य आधिकारिक सांख्यिकी की गुणवत्ता, समयबद्धता और पद्धतिगत स्थिरता को सुधारना तथा राज्य के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) के अनुमानों में पारदर्शिता और मजबूती सुनिश्चित करना था।

बैठक में प्रो. राजीव लक्ष्मण करंडिकर, अध्यक्ष, NSC, प्रो. ए. गणेश कुमार, प्रो. देबासीस कुंडु, और आशित कुमार साधु, आयोग के सदस्य, के साथ-साथ डॉ. सौरभ गर्ग, सचिव, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) एवं सदस्य सचिव, NSC उपस्थित रहे। बैठक में MoSPI के वरिष्ठ अधिकारी और उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख अधिकारी भी शामिल हुए। आयोग ने सांख्यिकी की विश्वसनीयता और प्रामाणिकता बढ़ाने के लिए पद्धतिगत विकास और क्षमता निर्माण के महत्व पर बल दिया।

बैठक का शुभारंभ अल्का बहुगुणा धौंड़ियाल, निदेशक, अर्थशास्त्र एवं सांख्यिकी निदेशालय (DES), द्वारा स्वागत भाषण के साथ हुआ। उन्होंने विकसित उत्तर प्रदेश और भारत @2047 की दृष्टि को प्राप्त करने में सटीक, विस्तारपूर्ण और समयोचित डेटा की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विश्वसनीय सांख्यिकी योजना बनाने, निगरानी और विकासात्मक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अनिवार्य है।

अलोक कुमार, प्रमुख सचिव (योजना), उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था (OTD) मिशन की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने मुख्यमंत्री की दृष्टि साझा की, जिसमें उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अग्रणी योगदानकर्ता बनाने की दिशा पर जोर दिया गया। उन्होंने समर्थ यूपी पोर्टल, फैमिली आईडी डेटाबेस और महिला आर्थिक सशक्तिकरण (WEE) सूचकांक जैसी कई पहलें साझा कीं, जो डेटा-आधारित निर्णय लेने और संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हैं।

DES टीम द्वारा प्रस्तुतियाँ राज्य में सांख्यिकीय अवसंरचना मजबूत करने में प्रगति को दर्शाती हैं। तकनीकी सत्रों में GSDP अनुमान, जिला घरेलू उत्पाद (DDP) की तैयारी, प्रशासनिक और सर्वेक्षण डेटा के उपयोग से बॉटम-अप दृष्टिकोण शामिल थे। महाकुंभ जैसे बड़े पैमाने की घटनाओं से आर्थिक गतिविधियों का मूल्यांकन और Periodic Labour Force Survey (PLFS) तथा All-India Survey on Unincorporated Sector Enterprises (ASUSE) के पायलट सर्वेक्षण पर भी प्रस्तुति दी गई।

डॉ. सौरभ गर्ग, सचिव, MoSPI ने प्रशासनिक डेटा के एकीकरण, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के अपनाने और सांख्यिकीय प्रक्रिया में पद्धतिगत पारदर्शिता बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि डेटा स्रोतों का समन्वय, आधुनिक उपकरणों जैसे GIS और डैशबोर्ड का उपयोग, और डेटा की उपयोगकर्ताओं के लिए सुलभता प्रभावी शासन और साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण के लिए आवश्यक हैं।

NSC के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश सरकार की सांख्यिकीय प्रणाली को आधुनिक बनाने और विभागों में डेटा सिस्टम को एकीकृत करने की पहल की सराहना की। उन्होंने राज्य को अनुमानों की विधियों को सुधारने, सैम्पलिंग डिज़ाइन मजबूत करने और MoSPI के सहयोग से मानकीकृत मानकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। आयोग ने राज्य को पद्धतिगत कठोरता बढ़ाने और सांख्यिकीय संकलन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में निरंतर तकनीकी मार्गदर्शन और समर्थन देने का आश्वासन दिया।

MoSPI और राज्य योजना विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने GSDP, वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण (ASI), औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP), राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (NSS) और मूल्य सांख्यिकी जैसे महत्वपूर्ण सांख्यिकीय क्षेत्रों पर विचार साझा किए। दोनों पक्षों ने जिला स्तर पर डेटा की विस्तारशीलता सुधारने और रीयल-टाइम निगरानी और प्रसार के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ाने के महत्व पर बल दिया।

बैठक में WEE सूचकांक, फैमिली आईडी पहल और शिकायत निवारण एवं कार्यक्रम निगरानी डैशबोर्ड जैसी सर्वोत्तम प्रथाओं और नवाचारों पर भी चर्चा हुई। इन पहलों को संपूर्ण डेटा प्रबंधन और बेहतर सेवा वितरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम के रूप में मान्यता दी गई। NSC के सदस्यों ने इन प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि डेटा को प्रभावी ढंग से समावेशिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

समापन सत्र में डॉ. के. वी. राजू, आर्थिक सलाहकार, माननीय मुख्यमंत्री और अवनीश कुमार अवस्थी, सलाहकार, माननीय मुख्यमंत्री ने राज्य की साक्ष्य-आधारित योजना और डेटा-आधारित शासन के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई और राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग तथा MoSPI द्वारा प्रदान किए गए मूल्यवान मार्गदर्शन और तकनीकी समर्थन की सराहना की।

बैठक का समापन NSC के अध्यक्ष, प्रो. राजीव लक्ष्मण करंडिकर के अभिभाषण के साथ हुआ, जिन्होंने मजबूत और पारदर्शी सांख्यिकीय प्रणाली बनाने के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने संस्थागत क्षमता निर्माण में दृश्यमान प्रगति की है और GSDP अनुमानों में पद्धतिगत सुधार जारी रखने के महत्व पर जोर दिया, ताकि वास्तविक और साक्ष्य-आधारित रुझानों को परिलक्षित किया जा सके।


Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.