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भारत–ऑस्ट्रेलिया रक्षा मंत्रियों की वार्ता: रक्षा सहयोग के नए अध्याय की शुरुआत

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कैनबरा- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स के साथ द्विपक्षीय बैठक की। यह बैठक दोनों देशों के बीच पहली ऑस्ट्रेलिया–भारत रक्षा मंत्रियों की वार्ता (Australia–India Defence Ministers’ Dialogue) के रूप में आयोजित की गई।

वार्ता के दौरान दोनों मंत्रियों ने रक्षा सहयोग में अभूतपूर्व प्रगति और भविष्य की दिशा पर चर्चा की। बैठक ने 2020 में भारत–ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी (Comprehensive Strategic Partnership) के बाद से चार उच्चस्तरीय बैठकों के आधार पर द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दोहराया।

साझा दृष्टिकोण और सहयोग

दोनों नेताओं ने अपने प्रधानमंत्रियों की दीर्घकालिक दृष्टि को आगे बढ़ाते हुए क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए सामूहिक सहयोग पर बल दिया। उन्होंने संयुक्त समुद्री सुरक्षा सहयोग रोडमैप (Joint Maritime Security Collaboration Roadmap) पर चर्चा की और रक्षा व सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा को और सशक्त करने की उम्मीद जताई।

महत्वपूर्ण समझौते

बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनमें शामिल हैं:

  • वार्षिक रक्षा मंत्रियों की वार्ता आयोजित करने का निर्णय

  • परस्पर पनडुब्बी खोज और बचाव सहयोग समझौता (Mutual Submarine Rescue Support and Cooperation) पर हस्ताक्षर

  • एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग व्यवस्था (Air-to-Air Refuelling Arrangement) के क्रियान्वयन में प्रगति

  • संयुक्त स्टाफ वार्ता (Joint Staff Talks) की स्थापना, जो संयुक्त सैन्य अभ्यास और परिचालन सहयोग को बढ़ावा देगी

सैन्य अभ्यास और प्रशिक्षण

दोनों देशों ने विभिन्न स्तरों पर बढ़ते सैन्य अभ्यासों और जटिल अभियानों की सराहना की।

  • ऑस्ट्रेलिया ने 2025 के Talisman Sabre अभ्यास में भारत की भागीदारी का स्वागत किया।

  • भारत ने ऑस्ट्रेलिया की Exercise Black Carillon में शामिल होने के आमंत्रण को सराहा।

  • 2026 में ऑस्ट्रेलियाई रक्षा कॉलेज में अधिक भारतीय छात्रों को शामिल किया जाएगा, और 2027 में पहली बार एक स्थान ऑस्ट्रेलियाई रक्षा बल अकादमी में भी दिया जाएगा।

रक्षा उद्योग और तकनीकी सहयोग

दोनों देशों ने रक्षा उद्योग सहयोग को मजबूत करने पर सहमति जताई।

  • ऑस्ट्रेलिया के पहले रक्षा व्यापार मिशन (Defence Trade Mission) को भारत में आयोजित किया जाएगा।

  • भारत ने ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के जहाजों की मरम्मत और रखरखाव के लिए भारतीय शिपयार्ड की पेशकश की।

  • दोनों देशों ने संयुक्त कार्य समूह (Joint Working Group) के माध्यम से रक्षा अनुसंधान और आधुनिक तकनीकों में सहयोग बढ़ाने पर भी जोर दिया।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग

मंत्रियों ने एक मुक्त, समावेशी और स्थिर हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने समुद्री कानूनों के पालन, निर्बाध व्यापार और नौवहन की स्वतंत्रता का समर्थन किया।

चतुष्कोणीय सहयोग (Quad)

भारत और ऑस्ट्रेलिया ने भारत–ऑस्ट्रेलिया–जापान–अमेरिका (Quad) के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग का स्वागत किया। उन्होंने Exercise Malabar 2025 के दौरान समुद्री निगरानी सहयोग को और बढ़ाने पर सहमति जताई।

थलसेना सहयोग

दोनों देशों की सेनाओं के बीच बढ़ते जुड़ाव पर संतोष व्यक्त किया गया। उन्होंने Exercise Austrahind और Exercise Puk Puk को और विस्तारित करने पर सहमति जताई, साथ ही सुरक्षित संचार, ड्रोन तकनीक और विशेष अभियानों में साझा विशेषज्ञता के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने का निर्णय लिया।

राजनयिक और सांस्कृतिक सहयोग

ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय नौसेना पोत कदमत की पापुआ न्यू गिनी की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ में भागीदारी की सराहना की और भारत को ऑपरेशन रेंडर सेफ में शामिल होने का निमंत्रण दिया।

बैठक के अंत में रिचर्ड मार्ल्स ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आमंत्रण को स्वीकार करते हुए 2026 में भारत आने की सहमति दी।


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