नई दिल्ली-भारत और यूरोपीय संघ (EU) के बीच चल रही व्यापार वार्ताओं ने निवेशकों के विश्वास को नई मजबूती दी है। यूरोपीय निवेश बैंक (EIB) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन वार्ताओं से यह संकेत मिलता है कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच दीर्घकालिक आर्थिक साझेदारी और निवेश का भविष्य बेहद उज्ज्वल है।
अधिकारी ने कहा कि “भारत में नीतिगत स्थिरता, आर्थिक सुधारों की रफ्तार और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बढ़ती भूमिका ने यूरोपीय निवेशकों का भरोसा और गहरा किया है।” उन्होंने बताया कि यूरोप की कई कंपनियाँ भारत में विनिर्माण, हरित ऊर्जा, डिजिटल प्रौद्योगिकी और परिवहन अवसंरचना जैसे क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने की तैयारी में हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, भारत और यूरोपीय संघ के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर तेजी से प्रगति हो रही है। दोनों पक्ष बाजार पहुंच, निवेश संरक्षण, और पर्यावरणीय मानकों पर सहमति के करीब हैं। समझौते के लागू होने के बाद द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है।
अधिकारियों का कहना है कि भारत-ईयू व्यापार समझौता न केवल यूरोप के लिए एशिया में आर्थिक संतुलन को मजबूत करेगा, बल्कि भारत के लिए निर्यात, रोजगार और तकनीकी साझेदारी के नए अवसर खोलेगा।
ईयू वर्तमान में भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, और दोनों के बीच वार्षिक व्यापार मूल्य 130 अरब डॉलर से अधिक का है। भारत की ओर से सरकार ने कहा है कि यह समझौता “विन-विन साझेदारी” का नया अध्याय साबित होगा।