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उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने लीगल मेट्रोलॉजी (सरकार द्वारा अनुमोदित परीक्षण केंद्र) नियम, 2013 में महत्वपूर्ण संशोधन किए

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उपभोक्ता मामले विभाग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने लीगल मेट्रोलॉजी (सरकार द्वारा अनुमोदित परीक्षण केंद्र) नियम, 2013 में महत्वपूर्ण संशोधनों की अधिसूचना जारी की है। ये संशोधन भारत की भार एवं माप सत्यापन अवसंरचना को विस्तार देने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं, जिससे व्यापार में पारदर्शिता, सटीकता और निष्पक्षता सुनिश्चित होगी। संशोधित नियम उपभोक्ता संरक्षण को सशक्त करने, Ease of Doing Business को बढ़ावा देने और भारत की सत्यापन प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम मानकों के अनुरूप लाने का उद्देश्य रखते हैं।

संशोधित नियमों के तहत सरकार द्वारा अनुमोदित परीक्षण केंद्रों (GATCs) के दायरे को काफी बढ़ाया गया है, जिसमें अब 18 प्रकार के भार और माप यंत्र शामिल किए गए हैं, जैसे — जल मीटर, ऊर्जा मीटर, गैस मीटर, नमी मापी (Moisture Meter), फ्लो मीटर, स्फिग्मोमैनोमीटर (रक्तचाप मापक यंत्र) और नॉन-ऑटोमैटिक वज़न मापक उपकरण आदि। ये 18 श्रेणियाँ हैं:

  1. जल मीटर

  2. स्फिग्मोमैनोमीटर

  3. नैदानिक थर्मामीटर

  4. स्वचालित रेल वेब्रिज

  5. टेप माप

  6. नॉन-ऑटोमैटिक वज़न मापक (क्लास III) (150 किग्रा तक)

  7. नॉन-ऑटोमैटिक वज़न मापक (क्लास IIII)

  8. लोड सेल

  9. बीम स्केल

  10. काउंटर मशीन

  11. सभी श्रेणियों के वज़न

  12. गैस मीटर

  13. ऊर्जा मीटर

  14. नमी मापक यंत्र (Moisture Meter)

  15. वाहनों के लिए गति मापक (Speed Meter)

  16. ब्रेथ एनालाइज़र

  17. बहुआयामी मापन यंत्र

  18. फ्लो मीटर

नए यंत्रों जैसे फ्लो मीटर, ब्रेथ एनालाइज़र, बहुआयामी मापन यंत्र और स्पीड गन को शामिल किया जाना यह दर्शाता है कि सरकार बदलती प्रौद्योगिकियों और औद्योगिक आवश्यकताओं के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है। ये उपकरण स्वास्थ्य सेवा, परिवहन, ऊर्जा और बुनियादी ढाँचे जैसे क्षेत्रों में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जहाँ सटीक माप सुरक्षा, गुणवत्ता और उपभोक्ता विश्वास से सीधे जुड़ा होता है।

Radar equipment  

निजी प्रयोगशालाओं और उद्योगों की भागीदारी को सरकार द्वारा अनुमोदित परीक्षण केंद्र (GATC) के रूप में मान्यता देना सत्यापन क्षमता को बढ़ाएगा, उपलब्धता में सुधार करेगा और उद्योगों के लिए प्रतीक्षा समय को कम करेगा।

Gas Meter

यह पहल आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण का समर्थन करती है, क्योंकि इससे देश में स्वदेशी परीक्षण सुविधाओं को बढ़ावा मिलेगा और सार्वजनिक–निजी भागीदारी (PPP) के माध्यम से राष्ट्रीय सत्यापन नेटवर्क का विस्तार होगा। साथ ही, रीजनल रेफरेंस स्टैंडर्ड लेबोरेटरी (RRSL) और नेशनल टेस्ट हाउस (NTH) को deemed GATC के रूप में मान्यता देने से उपभोक्ता-संबंधी यंत्रों के सत्यापन के लिए देशव्यापी नेटवर्क सुनिश्चित होगा।

  Moisture Meter  

\नियमित और विकेन्द्रित सत्यापन से वज़न मापक, जल मीटर, ऊर्जा मीटर आदि की सटीकता बनी रहेगी, जिससे उपभोक्ताओं को उनके पैसे का पूरा मूल्य मिलेगा। इन संशोधनों से राज्य विधिक मापविज्ञान विभागों (State Legal Metrology Departments) की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी, क्योंकि GATCs के सत्यापन कार्य संभालने से राज्य अधिकारी निरीक्षण, प्रवर्तन और उपभोक्ता शिकायत निवारण पर अधिक ध्यान दे सकेंगे।

संशोधनों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि GATCs को जिला स्तर और राज्य भर में सत्यापन करने की अनुमति होगी। साथ ही, एक नया पंचम अनुसूची (Fifth Schedule) जोड़ा गया है, जिससे सत्यापन शुल्कों का एकरूपीकरण किया गया है। अब GATC मान्यता के लिए आवेदन उपभोक्ता मामले विभाग के संयुक्त सचिव को निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत करना होगा। इसमें निरीक्षण, कर्मचारियों की योग्यता, तकनीकी आवश्यकताओं और शुल्क भुगतान के लिए डिजिटल माध्यम जैसी स्पष्ट प्रक्रियाएँ तय की गई हैं। यह पारदर्शी और संरचित व्यवस्था अनुपालन बोझ को कम करेगी, सेवा वितरण में तेजी लाएगी और उद्योग जगत में विश्वास बढ़ाएगी।

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उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी ने 25 अक्टूबर 2025 को गोवा में आयोजित राष्ट्रीय नियंत्रक सम्मेलन (National Controller’s Conference) में कहा —

“लीगल मेट्रोलॉजी (सरकार द्वारा अनुमोदित परीक्षण केंद्र) नियमों में संशोधन भारत की विधिक मापन प्रणाली के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह उद्योग भागीदारी को सशक्त बनाता है, उपभोक्ताओं के लिए सटीक माप सुनिश्चित करता है और हमारे प्रवर्तन अधिकारियों को मज़बूत बनाता है। इस सुधार से भारत एक पारदर्शी, तकनीक-संचालित और आत्मनिर्भर सत्यापन प्रणाली की ओर अग्रसर है, जो व्यापार में निष्पक्षता को बढ़ावा देगी और उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा करेगी।”

इन सुधारों के माध्यम से भारत ने यह दिखाया है कि वह एक वैज्ञानिक और पारदर्शी मापन प्रणाली के प्रति प्रतिबद्ध है, जो अंतरराष्ट्रीय विधिक माप संगठन (OIML) की अनुशंसाओं के अनुरूप है। ये संशोधन न केवल मापन-आधारित लेनदेन में सटीकता और जवाबदेही सुनिश्चित करेंगे, बल्कि वैश्विक व्यापार में भारत की साख और मानक अनुपालन को भी मज़बूत करेंगे।

एक OIML प्रमाणन प्राधिकरण (Certification Authority) के रूप में, अब भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य OIML प्रमाणपत्र जारी करने में सक्षम है। इससे भारतीय निर्माता अब देश में ही वैश्विक स्तर पर मान्य प्रमाणन प्राप्त कर सकेंगे, जिन्हें पहले विदेशी प्राधिकरणों पर निर्भर रहना पड़ता था। इससे लागत और समय दोनों की बचत होगी तथा भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता वैश्विक मापन उपकरण बाज़ार में बढ़ेगी।

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