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हिमाचल प्रदेश में मौसम पूर्वानुमान और आपदा प्रबंधन अवसंरचना सुदृढ़ करने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की बैठक

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हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और राज्य में मौसम पूर्वानुमान एवं आपदा तैयारी अवसंरचना को सुदृढ़ करने पर चर्चा की।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया कि हिमाचल प्रदेश में डॉप्लर वेदर रडार की स्थापना की गई है, जिससे प्रदेश में मौसम पूर्वानुमान और प्रारंभिक चेतावनी की सटीकता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

हाल के बादल फटने और अचानक आई बाढ़ की घटनाओं के मद्देनज़र, मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी जिलों, विशेष रूप से आपदा-प्रवण क्षेत्रों में अतिरिक्त डॉप्लर रडार और स्वचालित मौसम स्टेशन (AWS) स्थापित करने का अनुरोध किया ताकि भविष्य में मौसम से संबंधित चुनौतियों का बेहतर ढंग से सामना किया जा सके।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री के इस सक्रिय दृष्टिकोण की सराहना की और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार जलवायु लचीलापन और आपदा न्यूनीकरण के लिए राज्यों के प्रयासों को पूर्ण सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय लगातार देश के मौसम विज्ञान नेटवर्क का विस्तार कर रहा है, विशेषकर पहाड़ी और दूरदराज के क्षेत्रों में, ताकि आम जनता और स्थानीय प्रशासन तक समय पर मौसम से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी पहुंच सके।

प्रधानमंत्री मोदी की शासन नीति का उल्लेख करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2014 से सहकारी संघवाद की भावना को निरंतर सशक्त किया है और हर राज्य को समान व न्यायसंगत सहयोग प्रदान किया है, चाहे वह किसी भी क्षेत्र या राजनीतिक दल से संबंधित हो। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण राज्यों की वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमताओं को सुदृढ़ कर उन्हें स्थानीय स्तर पर उभरती चुनौतियों का शीघ्र और प्रभावी ढंग से सामना करने में सक्षम बनाना है।

डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि डॉप्लर रडार और AWS जैसे उन्नत मौसम संबंधी उपकरण न केवल आपदा तैयारी में बल्कि कृषि, जलविद्युत और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। उन्होंने यह आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार इन अवसंरचनाओं के विस्तार में पूर्ण सहयोग देगी ताकि संवेदनशील क्षेत्रों को कवर किया जा सके और जन सुरक्षा को सुदृढ़ किया जा सके।

बैठक ने केंद्र और राज्य सरकार के बीच वैज्ञानिक ढांचे को मजबूत करने की साझा प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया, जिससे हिमाचल प्रदेश में विकास जलवायु जोखिमों के प्रति अधिक सुदृढ़ और टिकाऊ बनेगा। दोनों नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और राज्य प्राधिकरणों के बीच घनिष्ठ समन्वय हिमाचल प्रदेश की चरम मौसम घटनाओं से निपटने की क्षमता को और बढ़ाएगा।

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