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अमित शाह ने पटना में सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती और राष्ट्रीय एकता दिवस 2025 के आयोजन पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया

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गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज पटना, बिहार में आयोजित एक प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय एकता दिवस–2025 और सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती वर्ष के अवसर पर होने वाले उत्सवों की जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने स्वतंत्रता के बाद देश को एकजुट करने, आज के भारत की नींव रखने और एक अखंड राष्ट्र के निर्माण में अमूल्य योगदान दिया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर वर्ष 31 अक्टूबर को केवड़िया में सरदार पटेल की भव्य प्रतिमा “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” के समक्ष आयोजित परेड में शामिल होते हैं। इस वर्ष सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर विशेष आयोजन किया जा रहा है और गृह मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि हर वर्ष 31 अक्टूबर को यह भव्य परेड आयोजित की जाएगी।

अमित शाह ने कहा कि यह परेड केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) और राज्यों की पुलिस बलों के सम्मान में आयोजित की जाती है, जिससे देश की एकता और अखंडता के संकल्प को दोहराया जाता है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष “रन फॉर यूनिटी” कार्यक्रम को और भी बड़े स्तर पर आयोजित किया जा रहा है, जो देशभर के सभी राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों, जिलों, पुलिस थानों, विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में आयोजित होगा। इसके पश्चात् सभी नागरिक “राष्ट्रीय एकता प्रतिज्ञा” भी लेंगे।

गृह मंत्री ने कहा कि सरदार पटेल केवल एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक विचारधारा हैं। वे न केवल स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नेता थे, बल्कि महात्मा गांधी के साथ मिलकर उन्होंने आंदोलन को संगठित ढांचा भी प्रदान किया। उन्होंने बताया कि 1928 का बारडोली सत्याग्रह किसानों के शोषण के खिलाफ था और इसी आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी ने उन्हें “सरदार” की उपाधि दी थी।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के समय ब्रिटिशों ने भारत को 562 रियासतों में विभाजित कर दिया था, और पूरी दुनिया को यह असंभव लग रहा था कि इन रियासतों को एक देश में जोड़ा जा सके। लेकिन सरदार पटेल ने अपने अद्भुत कौशल और दूरदर्शिता से बहुत कम समय में इन सभी रियासतों का भारत में विलय कर आधुनिक भारत का नक्शा तैयार किया।

अमित शाह ने कहा कि सरदार पटेल ने हैदराबाद, जूनागढ़, भोपाल, काठियावाड़, त्रावणकोर और जोधपुर जैसे राज्यों की जटिल समस्याओं का समाधान किया और पाकिस्तान की साजिशों को भी नाकाम किया। उन्होंने कहा कि जब 15 अगस्त 1947 को देश आज़ादी मना रहा था, तब सरदार पटेल नौसेना के अधिकारियों के साथ नियंत्रण कक्ष में मौजूद थे, ताकि लक्षद्वीप भारत का हिस्सा बन सके।

गृह मंत्री ने कहा कि सरदार पटेल जैसे महान व्यक्तित्व को स्वतंत्रता के बाद भुलाने का प्रयास किया गया और उन्हें भारत रत्न मिलने में 41 वर्ष की देरी हुई। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने, तब उन्होंने सरदार पटेल की स्मृति में “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” की परिकल्पना की और मात्र 57 महीनों में 182 मीटर ऊँची यह प्रतिमा निर्मित हुई।

इस प्रतिमा के निर्माण में देशभर के किसानों के औज़ारों से इकट्ठा किया गया लोहा प्रयोग हुआ। 90,000 घन मीटर कंक्रीट और 1,700 टन कांसे से निर्मित यह प्रतिमा आज भारत की अभियांत्रिकी क्षमता का प्रतीक बन चुकी है। अब तक 2.5 करोड़ से अधिक लोग यहाँ आ चुके हैं और प्रतिदिन लगभग 15,000 लोग इस स्थल का भ्रमण करते हैं।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अक्टूबर की सुबह एकता नगर में आयोजित भव्य परेड में सलामी लेंगे। इस परेड में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, राज्य पुलिस बलों, महिला पुलिस अधिकारियों, वीरता पदक प्राप्त जवानों और भारतीय वायुसेना की “सूर्य किरण” टीम का शानदार एयर शो शामिल होगा। 900 से अधिक कलाकार भारत की विविध सांस्कृतिक धरोहर प्रस्तुत करेंगे।

अमित शाह ने कहा कि सरदार पटेल की 150वीं जयंती के उपरांत हर वर्ष 31 अक्टूबर को यह परेड आयोजित की जाएगी, जो युवाओं को प्रेरित करेगी और देश में एकता व अखंडता की भावना को और मजबूत करेगी।

उन्होंने अंत में कहा कि हमें मिलकर सरदार पटेल के आदर्शों पर चलकर “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” का सशक्त वातावरण निर्मित करना है।

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