प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (TDB), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST), भारत सरकार ने पुणे स्थित एम/एस कपिह डीप टेक प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता किया है। यह समझौता “शहरी जल वितरण प्रणालियों के लिए अनुकूली डिजिटल ट्विन फ्रेमवर्क: भारतीय अवसंरचना हेतु एक संकल्पनात्मक कार्यान्वयन रणनीति” नामक परियोजना के लिए किया गया है।
इस पहल के तहत, TDB कुल परियोजना लागत ₹5.82 करोड़ में से ₹4.07 करोड़ की सशर्त अनुदान सहायता प्रदान करेगा। यह परियोजना भारत-इज़राइल औद्योगिक अनुसंधान एवं तकनीकी नवाचार कोष (I4F) कॉल फॉर प्रपोज़ल के अंतर्गत, इज़राइली साझेदार एम/एस रियाली टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के सहयोग से समर्थित है।
इस परियोजना का फोकस एक AI-आधारित अनुकूली डिजिटल ट्विन फ्रेमवर्क विकसित करना है, जो शहरी जल वितरण प्रणालियों के प्रदर्शन को वास्तविक समय में सिमुलेट, मॉनिटर और प्रेडिक्ट कर सके। इस समाधान में RealiteQ क्लाउड-आधारित SCADA प्लेटफॉर्म को उन्नत एनालिटिक्स के साथ एकीकृत किया गया है, ताकि भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप एक स्केलेबल और किफायती उपकरण विकसित किया जा सके।
डिजिटल ट्विन समाधान के कार्यान्वयन में जोखिम निवारण रणनीतियों को शामिल करके, यह परियोजना भारत के जल क्षेत्र की प्रमुख चुनौतियों को हल करने का प्रयास करेगी, जैसे कि:
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पुराना और दबावग्रस्त बुनियादी ढांचा
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नॉन-रेवेन्यू वॉटर (NRW) की उच्च हानियाँ
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खंडित और सीमित मॉनिटरिंग सिस्टम
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शहरी आपूर्ति श्रृंखलाओं में संसाधनों की अक्षमताएँ
इसकी व्यापक उपयोगिता सुनिश्चित करने के लिए, परियोजना के तहत कई पायलट परिनियोजन किए जाएंगे। इसके माध्यम से यह प्रदर्शित किया जाएगा कि भारतीय शहर किस प्रकार धीरे-धीरे AI-सक्षम मॉनिटरिंग और नियंत्रण प्रणालियाँ अपना सकते हैं। यह चरणबद्ध दृष्टिकोण शुरुआती लागत को कम करने और पुरानी अवसंरचना के साथ एकीकरण को आसान बनाने की उम्मीद है।
समझौते पर बोलते हुए, टीडीबी के सचिव राजेश कुमार पाठक ने कहा: