दुर्ग। दुर्ग के कोठारी परिवार की धोखाधड़ी मामले में पिछले दो साल से पीड़ित रजत सुराना पुलिस अफसर और थाना का चक्कर लगाते रहे लेकिन एफ आई आर नहीं हुई जबकि यह मामला लगभग 138 करोड़ की धोखाधड़ी का है। अब न्यायालय ने दुर्ग पुलिस को तत्काल एफआईआर दर्ज करने आदेशित किया है। आज पत्रकारवार्ता में रजत सुराना ने कहा कि दुर्ग पुलिस ने 2020 में शिकायत के आधार पर प्रारंभिक जांच में 10 हजार 689 शेयर कूटरचित दस्तावेज से सुरेश कोठारी द्वारा अपने नाम किया जाना पाया गया था इसके बावजूद पुलिस ने इसे गैर संज्ञेय अपराध बताते हुए कार्रवाई से इंकार कर दिया था। अब न्यायालय द्वारा धारा 420, 467, 468, 471, 406, 120बी व 34 के तहत अपराध दर्ज करने सिटी कोतवाली दुर्ग को आदेश देने के बाद रजत ने न्याय मिलने की उम्मीद जगाई है।
पत्रकारवार्ता में रजत सुराना ने बताया
कि रजत बिल्डकान इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और महावीर आवास दोनों कंपनी में सुरेश
कोठारी वर्ष 2001 से 2018 तक डायरेक्टर
रहे फिर 2018 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया। शुरू से ही
सुरेश के चचेरे भाई सीए श्रीपाल कोठारी कंपनी का एकाउंट देखते रहे हैं। लगभग 250
करोड़
के टर्नओवर की इन कंपनियों में मंजु सुराना, प्रकाश जायसवाल,
रजत
सुराना भी डायरेक्टर रहे हैं। रजत ने बताया कि वर्ष 2020 में पता लगा कि
सुरेश कोठारी ने प्रकाश जायसवाल के 40 हजार शेयर अपने पुत्र सिद्धार्थ और
चचेरे भाई श्रीपाल और स्वयं के नाम किए हैं जिस पर वेस्ट बंगाल पुलिस ने इनके खिलाफ
अपराध दर्ज किया था। उसके बाद पता लगा कि मंजु सुराना के 1564 शेयर
में भी नाम का हेर फेर कर कोठारी परिवार ने अपने नाम किया हुआ है।
रजत के अनुसार कुल 1 लाख 3 हजार 689 शेयर कूटरचना से सुरेश कोठारी ने स्वयं और श्रीपाल, सिद्धार्थ, कुसुम और ममता कोठारी का नाम कर लिया है। इस शेयर की वर्तमान वैल्यू लगभग 138 करोड़ बताई जा रही है। सुराना के मुताबिक उनके आब्जेक्शन से फिलहाल जांच तक कोठारी परिवार उक्त शेयर बेच नहीं सकेगा। उन्होंने बताया कि कोलकाता पुलिस 54 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में जब जब आरोपियों को पकड़ने छत्तीसगढ़ आई वो नहीं मिले जबकि सभी आरोपी दुर्ग में ही घूमते रहे हैं। अब जबकि दुर्ग पुलिस को अपराध दर्ज करने निर्देश मिला है तो जल्द न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। इससे पूर्व दो साल से एसपी, आईजी, डीआईजी तक उन्होंने शिकायत की लेकिन पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर नहीं दर्ज की थी। अंततः न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष 156(3) में याचिका प्रस्तुत करने पर दुर्ग पुलिस को धारा 420, 467, 468, 406, 471, 120बी, 34 के तहत अपराध दर्ज कर 28 जनवरी 2023 तक प्रतिवेदन प्रस्तुत करने आदेश दिया गया है।