रायपुर। राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित राज्योत्सव के साथ ही इन दिनों राजधानी में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव भी विशेष आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। इसमें देश के विभिन्न राज्यों के आदिवासी कलाकारों के साथ विदेशों के भी आदिवासी कलाकार रंगारंग नृत्य प्रस्तुत कर रहे हैं। इन नृत्यों में विभिन्न देशों और प्रदेशों की संस्कृति की झलक भी दिखाई दे रही है। इसी कड़ी में आज दूसरे दिन सिक्किम के आदिवासी कलाकारों ने तमांगशेलो नृत्य प्रस्तुत किया। यह नृत्य सिक्किम में नये साल के आगमन के अवसर पर विशेष रूप से किया जाता है। आज की एक अन्य प्रस्तुति में तेलंगाना के कलाकारों ने लंबाडी नृत्य पेश किया। इसके अलावा असम,
महाराष्ट्र, मेघालय, त्रिपुरा और मणिपुर के कलाकारों ने भी आकर्षक शैली में अपनी कला का प्रदर्शन किया। वहीं, झारखंड के आदिवासी कलाकारों ने आज संथाली नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। यह नृत्य देवी आराधना से जुड़ा हुआ है। इससे पहले, कल न्यूजीलैंड और मिस्र के कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य से दर्शकों की वाहवाही लूटी। इन कलाकारों ने छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया का नारा लगाकर दर्शकों का भरपूर ध्यान खींचा। इस महोत्सव के अंतिम दिन कल देश के अन्य राज्यों के साथ ही आमंत्रित विदेशी कलाकारों द्वारा पारंपरिक आदिवासी नृत्य प्रस्तुत किए जाएंगे।