रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश में आरक्षित वर्ग का किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि आवश्यक होने पर आदिवासियों के आरक्षण के मुद्दे को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात के दौरान कहा कि राज्य सरकार आदिवासियों के हित और उनके उत्थान के लिए कृत संकल्पित है। बघेल ने कहा कि आदिवासियों के हित को ध्यान रखते हुए इस मामले में जो भी आवश्यक कदम होगा,
वह उठाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि आरक्षण के संबंध में अध्ययन भ्रमण के लिए आदिवासी समाज के विधायक और समाज प्रमुखों के संयुक्त दल को तमिलनाडु भेजा जाएगा। इस बीच, भाजपा की प्रदेश इकाई ने राज्य सरकार पर प्रदेश की जातियों को आपस में लड़ाने का आरोप लगाया है। आज रायपुर के एकात्म परिसर में मीडिया से बातचीत में भाजपा नेताओं ने कहा कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में अनुसूचित जनजाति के लिए बत्तीस प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ मुख्य पक्षकार को राज्य अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है।
भाजपा नेताओं ने राज्य सरकार पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के छत्तीसगढ़ प्रभारी पी.एल. पुनिया ने कहा है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश और उत्साह है। वे राज्य सरकार की नीतियों और उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए उत्साहित हैं। बस्तर दौरे से वापस लौटने के बाद रायपुर विमानतल पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए पुनिया ने एक सवाल के जवाब में कहा कि आदिवासी हितों की रक्षा के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार नीतिगत फैसला लेगी।