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पढ़ाई के साथ साथ खेल गतिविधियां भी जरूरी : रश्मि

महासमुंद। कांग्रेस जिला अध्यक्ष डॉ रश्मि चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के मुखिया छत्तीसगढ़िया है और छत्तीसगढ़ में पहले खेले जाने वाले खेल विलुप्त होते जा रहे हैं। आज के बच्चे मोबाइल, क्रिकेट, फुटबॉल को छोड़ बाकी खेलों को नहीं जानते, जबकि पहले मोबाइल नहीं था तब गिल्ली डंडा, भौंरा, गेडी, पिट्टूल, कबड्डी खेलों में ज्यादा रुचि लेते थे और शारीरिक रूप से तंदुरुस्त भी होते थे। छत्तीसगढ़ ओलंपिक खेलों को युवा मितान माध्यम से गांव-गांव में खेलों का आयोजन किया जा रहा है, ताकि हमारे बच्चे इन खेलों को जान सकें। 



खेलोगे कूदोगे होंगे खराबपढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब इस वाक्य से जहाँ हर अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ने की समझाइश देते थे। ऐसी धारणाओं को आज हमारे जीवन मे खेल के महत्व ने गलत साबित किया है। वर्तमान में आज पढ़ाई के साथ खेल जैसे गतिविधियां भी बहुत महत्वपूर्ण है।मुख्यमंत्री के संकल्पों के अनुरूप पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के साथ महासमुंद जिले में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा है। इस ओलंपिक के माध्यम से सभी वर्गों बच्चों से लेकर बुजुर्गों को खेल में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। 

जिनको लगता था कि खेल एक उम्र की सीमा तक ही खेली जा सकती है। आज वे भी इस ओलंपिक में शामिल हो कर खुश हो रहे हैं। भूपेश सरकार द्वारा शुरू की गई छत्तीसगढि़या ओलंपिक ने सभी को अपने बचपन मे खेले गए खेलों को याद दिला दिया। पुरातन समय मे ग्रामीण क्षेत्रों में इन पारंपरिक खेल का काफी महत्व था। जहां बच्चे गली, मोहल्लों में बाटी, फुगड़ी, गिल्ली डंडा, पिट्टूल, लंगड़ी, जैसे विभिन्न खेलों को मनोरंजक माहौल बना देते थे और लोग भी बड़ी आतुरता के साथ खेल का आनंद लेते हुए विजेता का इंतज़ार करते थे। 

लेकिन बदलते परिवेश के साथ ये भी अंधेरों में कहीं धूंध सी नजर आ रही थी या एक तरह से कहा जा सकता है, कि लुप्तता की कगार पर पहुँच चुके थे लेकिन अब छत्तीसगढ़  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रयास ने इस ओलंपिक के माध्यम से विलुप्त हो रहे खेलों को जीवंत कर दिया है। विभिन्न खेल गतिविधियों के आयोजन में सभी बड़े ही उत्साह से शामिल हो रहे हैं। सभी अपनी-अपनी भागीदारी दिखाकर खेलों में रुचि लेते हुए आगे आ रहे हैं। कांग्रेस सरकार के महत्वपूर्ण प्रयासों से आज खेल के क्षेत्रों में काफी सुधार हो रहा है। 

नई पीढ़ी जो आज की तकनीकी संसाधनों के बीच अपने पारंपरिक खेलों से अनभिज्ञ थे आज उन्हें सीखने का अवसर मिल रहा है आने वाले समय में खेलों के क्षेत्र में ये राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले खेलों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में सभी आयु वर्ग के लोग निर्धारित श्रेणी में 14 प्रकार के खेलों में अपनी निपुणता दिखाते हुए विभिन्न स्तरों को पार कर राज्य स्तर पर अपनी लोहा मनवाने व प्रतिभा दिखाने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में शामिल होंगे।


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