सांकरा। महासमुंद में आयोजित होने वाले किसान महाबइठका को सफल बनाने सांकरा के किसानों ने छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य जागेश्वर जुगनू चन्द्राकर की उपस्थिति में कृषि उपज मंडी सांकरा में बैठक की। उपस्थिति किसानों ने बताया कि दिल्ली सीमाओं पर चले ऐतिहासिक किसान आंदाेलन की दो प्रमुख मांगे थी। पहली मांग किसान, कृषि और आम उपभोक्ता विराेधी तथा कार्पाेरेट समर्थक कानूनो को निरस्त करना और दूसरी मांग स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सभी कृषि उपजो के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देना।
जिससे किसानाें काे बारह माह अपनी फसल का समुचित दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल सके। केन्द्र की माेदी सरकार, उत्तरप्रदेश और हरियाणा की भाजपा सरकाराें की सक्रिय भागीदारी से थाेपे गये राज्य आतंक के जरिये शुरू से ही आंदाेलन काे बाधित करने की पूरी काेशिश की थी। माेदी सरकार द्वारा राज्य आतंक और गाेदी मिडिया की मदद से गलत सूचना व फर्जी अभियान आंदाेलन के दाैरान जारी रहा। लेकिन साहसी किसानाें की बहादुरी एवं दृढ़ संकल्प के आगे माेदी सरकार के सारे मंसूबे ध्वस्त हाे गये। परन्तु आज भी किसानाें के उपर दमनकारी नीतियाें की तलवार लटकी हुई है।
कानून वापस लेने के बाद आज तक न्यूनतम समर्थन में ङ्ख सल खरीदी की कानूनी गारंटी बाकी है।केन्द्र एवं राज्य सरकाराें द्वारा मेहनतकश मजदूर किसान और आम जनता काे चुनावी वायदाें में उलझाया गया है उनके द्वारा किये गये वादे आज तक अधूरे हैं किसानाें काे राहत मिलने के बजाय उनके सामने फसल उत्पादन करने से लेकर अपनी फसल का वाजिब दाम पाने के लिए लगातार संकट गहराते जा रहा है।
खाद, दवाईयाें के दामाें मे बढ़ाेत्तरी ने किसानाें की आर्थिक हालत बद से बदत्तर कर दिया है। ऐसी परिस्थिति में कृषि और किसानाें की वर्तमान हालत और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी जरूरी क्याें है, इस संबंध में व्यापक चर्चा तथा किसानाें की एकजुटता, और आगामी रणनीति के लिए छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ (संयुक्त किसान माेर्चा, दिल्ली) के बैनर तले 21 अक्टूबर 2022, दिन शुक्रवार काे सुबह 10 बजे से शाम 05 बजे तक कृषि उपज मण्डी महासमुन्द में किसान महाबइठका का आयाेजन किया गया है। जिसमें सभी किसान, मजदूर, बुद्धिजीवियाें, आम नागरीकाें काे आमंत्रित किया गया है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में उपस्थित हाेकर किसानों की एकजुटता काे मजबूती प्रदान करें।
केन्द्र सरकार से मांगे हैं-
- स्वामीनाथन आयाेग की सिफारिशाें के अनुसार सभी फसलों के लागत से डेढ़ गुणा न्यूनतम समर्थन मूल्य तय हाे।
- सभी कृषि उपजाें काे बारह माह न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीदी की कानूनी गारंटी दाे।
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान राशि का लाभ सभी किसानाें काे अनिवार्य रूप से प्रदान किया जाये।
- प्रधानमंत्री आवास याेजना का लाभ सभी पात्र हितग्राहीयाें काे प्रदान किया जाये तथा सभी बकाया किस्त की राशि तत्काल प्रदान की जाये। ताकि अधूरे आवास का निर्माण पूरा किया जा सके तथा याेजना से वंचित गरीब किसान मजदूराें काे आवास हेतु स्वीकृती प्रदान किया जाये।
राज्य सरकार से मांग हैः-
- सहकारी समितियाें के माध्यम से किसानाें का दाना-दाना धान खरीदी किया जाये।
- भाजपा सरकार की लंबित 2 साल के धान का बकाया बाेनस प्रदान किया जाये।
- चिट फंड कम्पनीयाें से किसान, मजदूर व आमजन काे राशि वापस दिलाया जाये।
- छत्तीसगढ़ में किसान आयाेग का गठन किया जाये।
- ऋणी एवं अऋणी सभी किसानाें काे सहकारी समितियाें में खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जाये।
- राईस मिलराें द्वारा खरीदे गये धान का बकाया भुगतान किया जाये।
- राजधानी एवं जिला स्तर पर किसान भवन का निर्माण किया जाये।
- बारदाना समस्या का स्थायी निराकरण के लिए जूट मिल की स्थापना किया जाये।
- कृषि उपज मण्डीयाें में साैदा पत्रक काे समाप्त किया जाये तथा साैदा पत्रक के नाम से अब तक हुए भ्रष्टाचार की जांच किया जाये।
- कर्ज माफी से वंचित सभी किसानाें का कर्ज माफ किया जाये।
- कृषि उपज मण्डी एवं सहकारी समितियाें में आम निर्वाचन द्वारा प्रतिनिधियाें का चुनाव किया जाये।
- जंगली सूअर काे वन्य प्राणी अधिनियम से बाहर किया जाये।
बैठक में मधुसुदन साहू, मोतीलाल भोई, अशोक प्रधान, टिकेश्वर, प्रधान, मदन, प्रधान, नरोत्तम साहू, रशीक, प्रधान, अजय साहू, ब्रजेश खम्हारी, कलेशन, जगतराम, ललित, धनीराम, चुनूलाल, विजय कुमार, मुरलीधर, मोतीलाल पटेल, मनोरंजन, हेमसागर, रामलाल, रंजीत, महेंद्र, धनेश पटेल, बिरेंद्र, उसत, महेंद्र, कुमार बांक, सुखराम,हिरालाल, पुरूषोत्तम, दयानिधि, जगदीश, दुबेलाल आदि उपस्थित रहे।