रायपुर। आज विश्व आदिवासी दिवस है। इस मौके पर राजधानी रायपुर सहित प्रदेशभर में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज रायपुर में आयोजित सर्व आदिवासी समाज के कार्यक्रम में शामिल हुए। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि पेसा कानून पहले से अस्तित्व में था, लेकिन इसके नियम नहीं बनने के कारण इसका लाभ आदिवासियों को नहीं मिल पा रहा था। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में पेसा अधिनियम को लेकर नियम बन चुका है और इसके लिए आठ अगस्त को राजपत्र में प्रकाशन भी किया जा चुका है।
इससे आदिवासी अपने जल-जंगल-जमीन के बारे में खुद फैसला ले सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पेसा कानून लागू होने से आदिवासियों का ग्राम सभा में अधिकार बढ़ेगा। वहीं, मुख्यमंत्री ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आदिवासियों की संस्कृति को सहेजने और संरक्षित करने का कार्य किया है। कार्यक्रम में उन्होंने अचानकमार, सीतानदी,
और उदंती टाईगर रिजर्व क्षेत्र के गांवों को सामुदायिक वन अधिकार मान्यता पत्र वितरित किए।मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम का जगदलपुर के टाउनहॉल में भी सीधा प्रसारण किया गया। कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री कवासी लखमा और संसदीय सचिव रेखचंद जैन सहित अन्य जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में चार सौ से अधिक हितग्राहियों को वन अधिकार पत्र और शासकीय योजनाओं के तहत विभिन्न सामग्रियां प्रदान की गईं।
वहीं, विश्व आदिवासी दिवस पर मुंगेली में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि इस दिन को मनाने के पीछे मूल रूप से आदिवासियों की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाना है। इस मौके पर उन्होंने आदिवासी समुदाय के लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए चार एंबुलेंस प्रदान की। इसी तरह, पूर्व सांसद रामविचार नेताम ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जनजाति विकास के लिए केन्द्र सरकार में अलग से एक मंत्रालय बनाया, जिसके बाद समाज में विकास की दिशा को नई गति मिली।
इस बीच, कोंडागांव पुलिस द्वारा
विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य में चलाए गए “पोदला उरस्कना“ कार्यक्रम का आज समापन हुआ। इस मौके पर
कोंडागांव की शहीद वाटिका में शहीदों की स्मृति में पौधारोपण किया गया। इधर, आदिवासी समुदाय की विविध और अनूठी संस्कृति पर
केंद्रित तीन दिवसीय फोटो प्रदर्शनी की शुरूआत आज से रायपुर के महंत घासीदास
संग्रहालय में शुरू हुई। संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी का मुख्य
उद्देश्य आदिवासियों की संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन है।