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आफत भरी भारी बारिश- बस्तर में दो की मौत

रायपुर। छत्तीसगढ़ के अधिकांश हिस्सों में पिछले तीन-चार दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नदी-नाले उफान पर होने की वजह से कई गांवों का सड़क संपर्क जिला मुख्यालयों से कट गया है। बस्तर जिले में लगातार बारिश के कारण हालात काफी बिगड़े हुए हैं। यहां अलग-अलग जगहों पर नदी और नाले में बह जाने के कारण दो लोगों की मौत हो गई। इनमें से एक ग्रामीण चितरंगी और मारकंडी नदी के तेज बहाव में बह गया। वहीं, आड़ावाल के पास माड़पाल मार्ग पर गोरियाबहार नाले में बाढ़ आ गई है।


इस नाले में बहने से एक अन्य युवक की मृत्यु हो गई। भारी बारिश से इंद्रावती नदी के आसपास रिहायशी इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई है। निचली बस्तियों के साथ पॉश कॉलोनियों और गणपति रिसॉर्ट में भी पानी भर गया है। रिसॉर्ट के पास एक चारपहिया वाहन पानी में डूब गया। बाढ़ प्रभावितों के लिए जगदलपुर में चार राहत शिविर खोले गए हैं
, जहां ठहरे लोगों के लिए जिला प्रशासन की ओर से भोजन की व्यवस्था की गई है। जिला कलेक्टर चंदन कुमार और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र मीणा ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। ऐहतियात के तौर पर जिला कलेक्टर ने आज भी जिले में संचालित सभी निजी और शासकीय विद्यालयों के लिए अवकाश घोषित कर दिया।

राजधानी रायपुर में इन इलाकों में भरा पानी                    राजधानी रायपुर में दो दिन तक हुई तेज बारिश के बाद कई सड़कों पर पानी जमा होने के कारण आवाजाही बंद है। सेजबहार और  टाटीबंध इलाके में सड़क पर पानी भरने की वजह से आम लोगों की मुश्किलें बढ़ी हैं। रायपुर से बिलासपुर के रास्ते धनेली में सड़क पर यातायात बंद है। इसी तरह, बलौदाबाजार मार्ग पर सारागांव के आगे कोल्हान नाले का पानी सड़क पर होने के कारण यहां भी आवाजाही प्रभावित हुई।

 शिवनाथ नदी उफान पर

राजनांदगांव जिले में शिवनाथ नदी उफान पर है और यहां के तीन बैराज- मोंगरा, घूमरिया और सूखानाला से अब तक बासठ हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। अंबागढ़ चौकी ब्लॉक के महाराष्ट्र की सीमा से लगे चिल्हाटी, मरारटोला और दककोटोला गांव में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। ये गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। यहां खेतों में लगी हुई फसल भी डूब चुकी है। दुर्ग जिले में बीते करीब पंद्रह घंटों से बारिश के कारण निचले इलाकों और सड़कों पर पानी भर गया है। शिवनाथ नदी खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बह रही है।

खतरे की स्थिति से निपटने के लिए महमरा एनीकट में पुलिस बल तैनात किया गया है। नदी से लगे दुर्ग और धमधा ब्लॉक के हजारों एकड़ खेतों में पानी भर गया है। वहीं, निचले इलाकों में बसे गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री सुरेश पांडेय ने बताया कि बैराज से लगातार पानी छोड़ने के कारण नदी का जलस्तर और अधिक बढ़ने की संभावना है। दुर्ग शहर में सुपेला सहित अन्य सभी जगहों पर पानी भरने से लोग परेशान है। भिलाई के कई क्षेत्रों में नालियों का गंदा पानी सड़कों के ऊपर से बह रहा है। शहर के तीनों अंडर ब्रिज और सिरसा गेट में भी पानी भर गया है। 

भिलाई इस्पात संयंत्र के ऑक्सीजन प्लांट-दो के गेट पर तीन से चार फीट पानी भर गया है। प्लांट के अन्य हिस्सों में भी जलजमाव हुआ है। इसके चलते कर्मचारी यहां फंसे हुए हैं। वहीं, बेमेतरा जिले में भी शिवनाथ, सकरी और हाफ नदी के साथ अन्य नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इसके कारण दाढ़ी तहसील के सुनहरा, भैया और आमचो सहित कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। नवागढ़ नगर पंचायत में लोगां के घरों में पानी घुस गया है। जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन के अधिकारी रिहायशी इलाकों से पानी निकालने की कवायद में जुटे हुए हैं। वहीं, जिले के तेंदूभाटा गांव में आकाशीय बिजली गिरने से खेत में काम कर रही एक महिला की मृत्यु हो गई। 

गरज-चमक के साथ भारी बारिश की चेतावनी

इधर, कोरबा जिले में भी लगातार बारिश की वजह से जनजीवन प्रभावित हुआ है। हसदेव नदी से जुडे़ नहर का तटबंध आज सुबह टूट गया। यहां से तेज बहाव के साथ पानी इमलीडुग्गू, बंसोड़ और भैयालाल मोहल्ला के साथ आसपास के अन्य रिहायशी इलाकों में घुस गया। जिला प्रशासन की टीम राहत और बचाव कार्य में लगी हुई है। वहीं, टूटे हुए तटबंध को सुधारने का काम जारी है। इस बीच, एक चिन्हित निम्न दाब का क्षेत्र पूर्वी मध्यप्रदेश के आसपास सक्रिय है। मौसम विभाग के अनुसार राज्य के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने या गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। इस दौरान एक-दो जगहों पर गरज-चमक के साथ भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।

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