बीते 10 वर्षों से भागवत प्रवचन कर रही भगवताचार्य यामिनी देवी के प्रवचन का अब कतिपय असामाजिक तत्वों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। इसमें दो जाति समाज के परस्पर 'समर्थन और विरोध' से सामाजिक सदभावना बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है। विवाद बढ़ने पर मामला पुलिस और सामाजिक संगठनों तक पहुंच गया है। बहरहाल, लगातार मिल रही धमकियों के बीच 20 मार्च से यामिनी देवी का प्रवचन सिरगिडी (महासमुंद) में आयोजित है। यह पहला मौका है जब भागवत प्रवचन जैसे धार्मिक कार्य में सुरक्षा व्यवस्था की मांग की गई है।
इस वजह से तूल पकड़ा मामला
कोरोना काल मे सिरगिडी (महासमुंद) का साहू परिवार भागवत प्रवचन कराना चाहते थे। लॉक डाउन हो जाने से अनुमति नहीं मिली। तब कथावाचक पुरोहित से आग्रह करके स्थगित कर दिया गया। बाद में आयोजक ने 20 से 27 मार्च 2022 को भागवत कथा वाचन का अनुरोध किया। इस बीच संबंधित पुरोहित ने इस तिथि में व्यस्त होने की बात कहकर कथा वाचन से इंकार कर दिया। तब आयोजक परिवार ने गायत्री परिवार से जुड़ी और बीते 10 साल से प्रवचन कर रही यामिनी देवी से संपर्क कर कार्यक्रम तय किया। इसका आमंत्रण पत्र में त्रुटिवश आयोजक ने प्रवचनकर्ता को 'साध्वी' लिखा दिया। जिसे बाद में सुधारकर नया कार्ड बंटवाया गया है। कथा वाचन को परंपरागत एकाधिकार मानने वाले कुछ लोगों ने पुरोहित के भड़कावे में आकर यामिनी देवी को चेतावनी देते हुए प्रवचन नहीं करने की धमकियां दी। इससे उद्वेलित होकर यामिनी देवी ने 17 मार्च को खल्लारी थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई है। 9 मोबाइल नंबर भी दिए हैं जिनसे उन्हें धमकियां दी गई है। पुलिस संबंधित लोगों की पतासाजी कर रही है।