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छत्तीसगढ़ में अब नहीं बढ़ेगी धान खरीदी की तारीख, किसान सिर्फ 7 फरवरी तक बेच सकेंगे धान

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने धान खरीदी को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनके मुताबिक छत्तीसगढ़ में अब धान खरीदी की तारीख को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। इसे लेकर मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है धान खरीदी की अंतिम तारीख 7 फरवरी से ज्यादा नहीं बढ़ाई जाएगी। बता दें कि किसानों की परेशानी को देखते हुए CM भूपेश बघेल ने धान खरीदी की तारीख को 7 दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया था, जिसके बाद 7 फरवरी अंतिम तारीख निर्धारित की गई थी। इस बीच BJP ने विरोध प्रदर्शन करते हुए धान खरीदी की तारीख बढ़ाने की मांग की है।  

छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के चालू सीजन में अब तक 97.71 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हो चुकी है। प्रदेश में अब तक 21.74 लाख किसानों ने उपार्जन केंद्रों में धान बेचा है। धान खरीदी के एवज में अब तक किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 19,000.46 करोड़ रूपए जारी कर दिए गए हैं।  राज्य सरकार ने इस साल 24 लाख से ज्यादा किसानों से 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है। चालू सीजन में बाकी सभी पंजीकृत किसानों को धान बेचने के लिए टोकन की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गई है।


मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप धान खरीदी के साथ ही समांतर रूप से कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव तेजी से किया जा रहा है।मुख्यमंत्री के आह्वान पर अब तक मिलर्स द्वारा डीओ और टीओ के माध्यम से 61.10 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है। छत्तीसगढ़ राज्य केन्द्रीय पूल में चावल जमा कराने के मामले में भी नया रिकॉर्ड बनाया है। अब तक 16.38 लाख मीट्रिक टन केंद्रीय पूल में गुणवत्तापूर्ण चावल जमा करा चुके हैं। इनमें भारतीय खाद्य निगम में 9.04 लाख मीट्रिक टन और नागरिक आपूर्ति निगम में 7.33 लाख मीट्रिक टन जमा चावल शामिल है।   

खाद्य सचिव टोपेश्वर वर्मा ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री की पहल पर इस साल धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए धान का तेजी से उठाव भी किया जा रहा है। अब तक डीओ और टीओ के माध्यम से 61.10 लाख मीट्रिक टन धान का रिकॉर्ड उठाव हो चुका है। वर्मा ने बताया कि 51 लाख 17 हजार मीट्रिक टन धान का डीओ जारी कर दिया गया है। उपार्जन केंद्रों से मिलर्स द्वारा 45 लाख 02 हजार मीट्रिक धान का उठाव कर लिया गया है। इसी प्रकार 20 लाख 67 हजार मीट्रिक टन धान के परिवहन के लिए टीओ जारी किया गया है, जिसके विरूद्ध समितियों से 16 लाख 08 हजार मीट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है। 

बता दें कि छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीदी की शुरुआत 1 दिसंबर 2021 से हुई है। धान खरीदी के समांतर ही खरीदी केन्द्रों से धान का उठाव और कस्टम मिलिंग भी युद्ध स्तर पर जारी है। इस साल धान बेचने के लिए रिकॉर्ड 24 लाख से  ज्यादा किसानों ने पंजीयन कराया है। पंजीकृत धान का रकबा भी 30 लाख 15 हजार हेक्टेयर से ज्यादा है। खाद्य विभाग के सचिव वर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ को इस साल केंद्रीय पूल में 61.65 लाख मीट्रिक टन अरवा चावल जमा कराना है। 

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