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1 दिसंबर से होगी किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी, अवैध धान खरीदी को लेकर जिला प्रशासन सख्त

खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने अपने निवास कार्यालय सरगुजा कुटीर में विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तैयारियों की विस्तारपूर्वक समीक्षा की। मंत्री भगत ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से किसानों की पंजीयन संबंधी शिकायतें आ रही है। राज्य सरकार द्वारा निर्धारित पंजीयन की तिथि तक आवेदन करने वाले नए किसानों का पंजीयन सुनिश्चित करते हुए किसानों के पंजीयन संबंधी तकनीकी त्रुटि को जल्द सुधार कर लिया जाए। 

उन्होंने कहा कि पहले से पंजीकृत किसानों के पंजीयन को कैरी फोरवर्ड कर नए किसानों और रकबा की संख्या सुनिश्चित हो, ताकि किसानों की संख्या और रकबा के अनुरूप आगामी धान की खरीदी की तैयारी की जा सके। खाद्य मंत्री भगत ने बैठक में कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप इस साल 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की खरीदी की जानी है। 

उन्होंने कहा कि धान खरीदी से पहले सभी संभागों में तैयारियों की समीक्षा कर कमियों को दूर कर लिया जाए, ताकि किसानों को धान विक्रय करने में कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में अन्य राज्यों से अवैध धान परिवहन की शिकायतें मिलती हैं। ऐसे में अभी से सीमावर्ती इलाकों में इसके लिए कड़ी निगरानी सुनिश्चित की जाए। 

बारदानों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश

मंत्री  भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान है। किसानों से सुगम धान खरीदी के लिए पर्याप्त बारदाना उपलब्ध होना चाहिए। उन्होंने धान खरीदी से पहले बारदाने की उपलब्धता की जानकारी ली। उन्होंने बारदाने की नियमित आपूर्ति हेतु जूट कमीश्नर से सतत समन्वय बनाए रखने, राइस मिलरों से बारदानों की व्यवस्था, प्रदेश के उचित मूल्य की दुकानों से मिलने वाले बारदाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है। इसके अलावा बारदाने की कमी होने की स्थिति में ओपन टेंडर के माध्यम से एचडीपी बारदानों की भी व्यवस्था सुनिश्चित कर लिया जाए। 

नोडल अधिकारियों की जवाबदेही तय

मंत्री भगत ने कहा कि धान खरीदी केंद्रो में धान बेचने आने वाले किसानों के लिए पानी, बिजली और बैठने की व्यवस्था दुरूस्त कर ली जाए। प्राथमिक उपचार पेटी की व्यवस्था भी हो। खरीदी केंद्रो में कम्प्यूटर ऑपरेटर, इंटरनेट और कर्मचारियों की पर्याप्त व्यवस्था कर ली जाए। आस-पास के धान संग्रहण केंद्रो की जानकारी सभी को होना चाहिए। धान खरीदी केंद्रो के देखरेख के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों द्वारा नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित हो। गड़बड़ी और लापरवाही के लिए नोडल अधिकारियों की जवाबदेही तय हो।

10 नवंबर तक बढ़ाई गई थी तिथि

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में लगभग 2311 से ज्यादा सहकारी समिति केंद्रों के माध्यम से समर्थन मूल्य पर किसानों से 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का अनुमान है। इस साल लगभग 2 लाख नए किसानों ने पंजीयन कराया है। धान विक्रय के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या लगभग 22 लाख 66 हजार से ज्यादा हो गई हैं। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप नए किसानों के लिए पंजीयन की तिथि 10 नवंबर तक बढ़ाई गई थी। पंजीयन संबंधी कुछ तकनीकी दिक्कतें हैं, जिसे जल्द दूर कर लिया जाएगा। 

उसना चावल खरीदने के लिए अनुमति नहीं 

अधिकारियों ने बताया कि अनुमानित 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने के लिए लगभग सवा पांच लाख गठान से ज्यादा बारदाने की आवश्यकता पड़ेगी। इसके लिए मिलर्स, पीडीएस, जूट कमिश्नर से बारदानों की उपलब्धता की जा रही है। इन माध्यमों से अभी तक लगभग डेढ़ लाख गठान बारदानों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। अधिकारियों ने बताया कि खरीफ विपणन साल 2021-22 के लिए केंद्र सरकार द्वारा 61.65 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदने के लिए सहमति प्रदान कर दी गई है, लेकिन उसना चावल खरीदने के लिए अनुमति नहीं है। 

ये रहे उपस्थित

मंत्री  भगत ने कहा कि केंद्रीय पूल में उसना चावल नहीं खरीदने की स्थिति में मिलों के बंद होने और संकट पैदा होने की आशंका है। ऐसे में केंद्र सरकार से नियमित समन्वय बनाकर उसना चावल खरीदने के लिए आग्रह के साथ प्रयास किया जाए। बैठक में खाद्य विभाग के सचिव टोपेश्वर वर्मा, छत्तीसगढ़ खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक निरंजन दास, सहकारिता विभाग के विशेष सचिव हिमशिखर गुप्ता, विशेष सचिव मनोज कुमार सोनी, संयुक्त सचिव खाद्य विभाग और छत्तीसगढ़ वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के प्रबंध संचालक अभिनव अग्रवाल संयुक्त सचिव जी.एस सिकरवार सहित कृषि, राजस्व, एनआईसी और खाद्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जिले के 49 उपार्जन केंद्रों में होगी खरीदी

राज्य शासन के निर्देशानुसार कोरबा जिले में किसानों से समर्थन मूल्य पर एक दिसंबर से धान खरीदी की जाएगी। जिले में 41 सहकारी समितियों द्वारा 49 धान उपार्जन केन्द्रों में धान की खरीदी की जाएगी। धान खरीदने के लिए धान उपार्जन केन्द्रों में तैयारियां जोरों पर है। साल 2021-22 में कुल 38 हजार 222 किसानों का पंजीयन धान खरीदी के लिए हुआ है। बीते साल की तुलना में इस साल पांच हजार 631 ज्यादा किसानों ने पंजीयन कराया है। साल 2020-21 में 32 हजार 591 किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था। 

एक लाख मिलर बारदाना प्राप्त होना अनुमानित

कोरबा जिले में इस साल एक लाख 54 हजार 344 मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है। धान खरीदी के लिए 12 लाख 89 हजार 838 नग बारदाना दो हजार 580 गठानों में उपलब्ध है। आगामी माह में दिसंबर तक लगभग तीन लाख नग पीडीएस बारदाना और एक लाख मिलर बारदाना प्राप्त होना अनुमानित है। खरीदी केंद्रों में आवश्यकतानुसार बारदानों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।

कर्मचारियों की उपलब्धता पर्याप्त 

जिला विपणन अधिकारी जान्हवी जिल्हारे ने बताया कि जिले के सभी धान उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी के लिए सभी जरूरी तैयारियां सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने बताया कि सभी तैयारियां जल्द ही पूरी कर ली जाएगी। चेकलिस्ट मुताबिक आवश्यक तैयारियां जैसे उपार्जन केन्द्र स्थल का चयन, इंटरनेट व्यवस्था, अस्थायी विद्युत व्यवस्था, कंप्यूटर की व्यवस्था और जनरेटर की व्यवस्था की गई है। जिला विपणन अधिकारी ने बताया कि धान उपार्जन केंद्रों के लिए आवश्यक कर्मचारियों की उपलब्धता पर्याप्त है। 

साफ-सफाई और फेंसिंग का काम

खरीदी केंद्र में आर्द्रता मापी यंत्र का कैलिब्रेशन और कांटा बाट का सत्यापन भी करा लिया गया है। धान खरीदी केंद्र के फड़ मे साफ-सफाई और फेंसिंग का कार्य एक सप्ताह के भीतर पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले में 49 उपार्जन केंद्र हैं और सात नए धान खरीदी खोलने के प्रस्ताव भेजे गए हैं। शासन से स्वीकृति के बाद  यहां भी खरीदी के पहले सभी व्यवस्थाएं कर ली जाएगी। धान खरीदी के बाद धान को सीधे मिलरों द्वारा उठाव कर कस्टम मिलिंग की जाएगी। डीएमओ ने बताया कि कृषि उपज मण्डी समिति के द्वारा धान के अवैध परिवहन के रोकथाम के लिए बीते साल की तरह इस साल भी कृषि उपज मंडी, पुलिस, खनिज विभाग और वन विभाग के द्वारा विभागीय चेकपोस्ट जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में लगाए जाएंगे।

अवैध धान खरीदी को लेकर जिला प्रशासन सख्त

मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन द्वारा धान खरीदी से पहले सभी जिला कलेक्टरों को सीमावर्ती क्षेत्रों से अवैध धान की आवक पर निगरानी रखने के साथ ही कड़ी कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था। जिसके बाद सरगुजा कलेक्टर गौरव कुमार सिंह के निर्देशन और जिला पंचायत सीईओ राहुल देव के मार्गदर्शन में जिले की मध्यप्रदेश से लगने वाली अंतर्राज्यीय सीमा के प्रवेशमार्ग में तीन स्थानों पर निगरानी के लिए बैरियर स्थापित कराया गया है, ताकि अन्य राज्य से जिले में अवैध धान की आवक पर रोक लग सके। इसके अलावा जिला प्रशासन द्वारा अन्य राज्य से अवैध धान परिवहन, कोचियों, बिचौलियों द्वारा अवैध धान खरीदी और भंडारण की सूचना देने के लिए टोल फ्री नंबर 9111033446, 9340353607 भी जारी किए गए हैं। 

4 पिकअप से 132 बोरी धान जब्त

कलेक्टर के दिशा निर्देश में अवैध धान का परिवहन तथा भंडारण करने वाले कोचियों, बिचौलियों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में जिला खाद्य अधिकारी विजय किरण, उप पंजीयक, सहकारी संस्थाएं जी एस शर्मा, मंडी सचिव आर डी भगत, मंडी स्टाफ सिन्हा, खाद्य निरीक्षक नीतीश कुमार की टीम द्वारा औचक निरीक्षण में ब्लॉक ओड़गी के बेदमी में अनीश जायसवाल,  लांजीत, रवि गुर्जर,  बेदमी, पिंटू गुर्जर  लांजीत, संदीप यादव भंवरखोह द्वारा बिना मंडी लाइसेंस के नियम विरुद्ध तरीके से ग्रामीणों से धान की खरीदी कर चार पिकअप वाहन द्वारा परिवहन करना पाया गया, जिसमे मंडी अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। साथ ही चारों पिकअप वाहनों को जब्त कर 132 बोरी के साथ पुलिस थाना ओड़गी को सौंपा गया। 

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