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​​​​​​छत्तीसगढ़ को धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति देने की मांग

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने निवास कार्यालय से केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में वर्चुअल रूप से शामिल हुए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय वित्त मंत्री से राज्य के कई वित्तीय मामलों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य ने केंद्र सरकार द्वारा प्रथम और द्वितीय तिमाही में निर्धारित पूंजीगत व्यय के 35 प्रतिशत लक्ष्य को पूरा कर लिया है। 

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य धान का कटोरा कहा जाता है, यहां विपुल मात्रा में धान का उत्पादन होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते दो-तीन सालों से राज्य सरकार द्वारा धान से बॉयो एथेनॉल निर्माण की अनुमति देने का आग्रह किया जा रहा है। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री से आग्रह किया कि अगर केंद्र सरकार अनुमति दे दे तो राज्य सरकार सरप्लस धान का उपयोग एथेनॉल बनाने में कर सकेगी। 

एथेनॉल प्लांट लगाने के लिए 12 कंपनियों से MoU 

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे राज्य को और किसानों को लाभ होने के साथ ही पेट्रोलियम पदार्थों के आयात पर भारत सरकार द्वारा खर्च की जाने वाली विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी। मुख्यमंत्री बघेल ने केंद्रीय वित्त मंत्री को बताया कि राज्य में धान से एथेनॉल बनाने की तैयारी राज्य सरकार द्वारा कर ली गई है। धान से एथेनॉल प्लांट लगाने के लिए 12 कंपनियों से MoU भी किया गया है। 

61.65 लाख मीट्रिक टन चावल लेने की सहमति

उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में गन्ना और मक्का से एथेनॉल बनाने की अनुमति मिली है। धान से एथेनॉल के निर्माण की अनुमति दिलाए जाने का आग्रह उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री से किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार के खाद्य मंत्रालय द्वारा साल 2021-22 में छत्तीसगढ़ राज्य से 61.65 लाख मीट्रिक टन चावल लेने की सहमति दी गई है। 

 उसना चावल न लेने का फैसला 

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य से उसना चावल न लेने का फैसला केंद्र सरकार ने लिया है। केंद्र सरकार का ये फैसला राज्य यहां के मिलर्स और श्रमिकों के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 500 उसना मिले हैं, जिनकी उत्पादन क्षमता 5 लाख मीट्रिक टन प्रति माह है। इस फैसले से मिले बंद हो जाएंगी। मिलों में काम करने वाले मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले केंद्र सरकार द्वारा राज्य से उसना चावल लिया जाता रहा है। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री से केंद्र सरकार के इस फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह भी किया। 

कोल पेनॉल्टी की राशि 4140 करोड़ रूपए

मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री का ध्यान केंद्र सरकार के सेंट्रल पूल में जमा छत्तीसगढ़ राज्य के हिस्से की कोल पेनॉल्टी की राशि 4140 करोड़ रूपए की ओर आकर्षित किया और छत्तीसगढ़ राज्य को इस राशि को लौटाएं जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि कोल पेनाल्टी की इस राशि को लौटाए जाने के संबंध में केंद्रीय कोयला मंत्री ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। छत्तीसगढ़ के हिस्से की इस राशि को लौटाने की कार्रवाई भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा की जानी है। 

CM ने दिया सेस कम करने का सुझाव

मुख्यमंत्री ने पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले सेस को कम करने का सुझाव भी दिया, ताकि इनकी कीमतों में और कमी हो तथा इसका लाभ आम जनता को मिले। CM बघेल ने बताया कि पेट्रोल-डीजल की एक्साइज ड्यूटी में कमी करने से छत्तीसगढ़ राज्य को हर साल लगभग 500 करोड़ रूपए का घाटा हो रहा है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 15वें वित्त आयोग के राजस्व घाटे को अनुदान के रूप में परिवर्तित करने का अनुरोध करते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में 17 राज्यों को एक लाख 18 हजार 552 करोड़ रूपए का अनुदान बीते सालों में राजस्व घाटे की पूर्ति के लिए दिया जा रहा है। 

फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह

ये अनुदान कोविड-19 के बाद राज्यों की प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहायता देने के लिए साल 2021-22 से 2024-25 तक राजस्व घाटे को आधार मानकर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड के कारण जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई इससे नहीं होगी। बीते सालों में जो घाटा हुआ, उसका अनुदान दिया जा रहा है। बेहतर होता कि कोविड-19 के कारण से जो राज्य प्रभावित हुए है, उनको अनुदान दिया जाता तो इससे कोविड-19 महामारी से हुई क्षति की भरपाई होती। उन्होंने कहा कि जो राज्य वित्तीय व्यवस्था ठीक से नहीं रख पाए, उनको अनुदान मिलेगा और जिन राज्यों में वित्तीय व्यवस्था बनाकर रखी है, उनको कुछ नहीं मिलेगा, यह स्थिति उचित नहीं है। इस पर पुनर्विचार करना चाहिए। 

बैठक में ये अधिकारी रहे उपस्थित

बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव उद्योग मनोज पिंगुआ, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, वित्त सचिव अलरमेल मंगई डी, सहकारिता विभाग के सचिव हिमशिखर गुप्ता, खाद्य विभाग के सचिव टी.के. वर्मा, राजस्व विभाग के सचिव एनएन एक्का, विशेष सचिव ऊर्जा अंकित आनंद, संचालक उद्योग अनिल टुटेजा, मार्कफेड की एमडी किरण कौशल, संचालक वित्त शारदा वर्मा समेत वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। 

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