नईदिल्ली/रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीतिक घमासान पर तीन घंटे की बैठक के बाद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला। अगले हप्ते राहुल गांधी रायपुर आएंगे। छत्तीसगढ़ का तीन दिवसीय दौरा कर ढाई साल के विकास का आंकलन खुद करेंगे। जानकारी के अनुसार वे बस्तर क्षेत्र से दौरा शुरू कर सरगुजा संभाग तक का दौरा करेंगे।
दिल्ली कूच कर गए 54 विधायकों और मंत्रियों से राहुल गांधी की मुलाकात नहीं हुई। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी कार्यालय में विधयकों की एकजुटता से तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे। इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की राहुल गांधी के साथ बंद कमरे में मैराथन बैठक हुई। बैठक में छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया, कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल, प्रियंका गांधी विशेष रूप से उपस्थित थे।
घमासान अभी थमने वाला नहीं !
तीन घंटे की मैराथन बैठक के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीतिक घमासान पर कोई निष्कर्ष नहीं निकला। इससे यह माना जा रहा है कि ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री के कथित फार्मूला पर घमासान अभी थमने वाला नहीं है। अब सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के समर्थक अपने-अपने स्तर पर लॉबिंग करेंगे। राहुल गांधी के समक्ष शक्ति प्रदर्शन की तैयारी करेंगे। इससे छत्तीसगढ़ की राजनीति में आयी भूचाल अभी थमेगा, ऐसा नहीं लग रहा है।
परिणति पर टिकी है सबकी निगाहें
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी हाईकमान छत्तीसगढ़ की राजनीति को लेकर गम्भीर हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में भूपेश-सिंहदेव की जोड़ी ने एकजुटता के साथ जो परफार्मेंस किया था। उसमें अब दरार पड़ चुका है। स्पष्ट बहुमत होने के बावजूद मुख्यमंत्री चयन में तब भी बहुत खींचतान हुई थी। कभी ताम्रध्वज साहू, कभी टीएस सिंहदेव का नाम शीर्ष पर आते-आते अंततः भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री घोषित किया गया था।
सुर्खियों में ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री का फार्मूला
सरकार के कार्यकाल को दो साल बीतते-बीतते, ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री का फार्मूला सुर्खियों में आया। राजनीतिक पंडितों का ऐसा मानना है कि हाई कमान ने तत्समय जरूर ऐसा कमिटमेंट किया होगा। अन्यथा ऐसी स्थिति निर्मित नहीं होती। इस बीच विधायक वृहस्पति सिंह द्वारा टीएस सिंहदेव पर गम्भीर आरोप लगाने और विधानसभा में इस पर गतिरोध से मामला तूल पकड़ा। जो अब गहरी खाई में तब्दील हो चुकी है। इसकी परिणति पर सबकी निगाहें टिकी हुई है।