पाकिस्तान के कराची में शुक्रवार को एक भीषण हादसा हुआ है। जहां केमिकल फैक्ट्री में आग लगने से 16 लोगों की मौत हो गई है। पाकिस्तान के अखबार डॉन के मुताबिक जिन्ना पोस्टग्रेजुएट मेडिकल सेंटर (JPMC) के अतिरिक्त पुलिस सर्जन डॉ सुमैय्या सैयद ने कहा कि अब तक 16 शवों को अस्पताल लाया जा चुका है और भी शव निकाले जाने उम्मीद की जा रही है। उन्होंने कहा कि 12 शवों की पहचान कर ली गई है और उन्हें परिजन ले गए हैं। जबकि चार की तत्काल पहचान नहीं हो सकी है। उन्होंने बताया कि सभी मृतकों की उम्र 18 से 38 साल के बीच है। मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।
पाकिस्तानी अखबार के मुताबिक कोरंगी के एसएसपी शाहजहां ने कहा कि पुलिस को सूचित किया गया था कि इमारत में अभी भी 25 लोग फंसे हुए हैं और उन्हें आशंका है कि उनकी मौत हो सकती है। पाकिस्तान रेंजर्स (सिंध) के एक प्रवक्ता के अनुसार कारखाने में आग लगने के बाद इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और रेंजर्स के जवान बचाव दल के साथ राहत कार्यों में लगे हुए हैं। प्रवक्ता ने कहा कि आग मेहरान टाउन में एक रासायनिक कारखाने में लगी थी, आग पर अब काबू पा लिया गया है और बचाव के प्रयास जारी हैं।
बाहर नहीं निकल पाए मजदूर
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आग सुबह 10 बजे लगी। फायर ब्रिगेड के कर्मचारी देर से मौके पर पहुंचे, इसलिए इतने अधिक लोग मारे गए हैं। बचाव में जुटे अधिकारियों को धुएं की वजह से भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। शवों को निकालकर जिन्ना अस्पताल पहुंचाया गया है। अभी तक कुछ शवों की ही पहचान हुई है। मृतकों में एक ही परिवार के चार लोग शामिल हैं। बचाव के दौरान तो दमकलकर्मी भी जख्मी हुए हैं। फायर ब्रिगेड के अधिकारियों का कहना है कि केमिकल का इस्तेमाल यहां कई उत्पादों को तैयार करने के लिए किया जाता था। आग इनमें से ही केमिकल के किसी ड्रम में लगी और इसने पूरी फैक्ट्री को चपेट में ले लिया। फैक्ट्री से बाहर निकलने का एक ही रास्ता था, जिस वजह से मजदूर बाहर नहीं निकल पाए।
सिंध CM ने घटना पर मांगी रिपोर्ट
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि एक ईधी वालंटियर 30 साल का सद्दाम भी आग बुझाने की कोशिश में घायल हो गया। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक सद्दाम को तीन अन्य घायलों के साथ जेपीएमसी ले जाया गया है। इस बीच सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह ने घटना का संज्ञान लिया और कराची आयुक्त और श्रम विभाग को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। उन्होंने सवाल किया कि आग लगने की घटना कैसे हुई और सुरक्षा के क्या उपाय किए जा रहे थे? उन्होंने अधिकारियों को घायलों को सर्वोत्तम संभव चिकित्सा उपचार और मृतकों के परिवारों को सहायता प्रदान करने का भी निर्देश दिया।