ग्लू ट्रेप से चूहे फंसाने या नुकीली छड़ी से जानवरों को हांकने और प्रहार करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। पशु क्रुरता निवारण नियमों के विभिन्न प्रावधानों के तहत इस तरह चूहे फंसाना या पशुओं को हांकने पर प्रतिबंध लगाया गया है। नेशनल B बोर्ड, नई दिल्ली के कार्यकारी निदेशक डॉ. बी.एल.सारस्वत से मिले निर्देश के बाद बलौदाबाजार कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने जिले में इस आशय सूचना जारी किया है।
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पशु क्रुरता निवारण नियम 1960 के मुताबिक कोई भी व्यक्ति किसी भी पशु की सवारी के लिए, हांकने के लिए, वाहन खींचने के लिए, अंकुश में रखने के लिए नुकीली पराली, कांटो वाली दट्टाधारी धूंसरी जैसे किसी भी आकार-प्रकार वाली उपसल या तीखी आंतरी या ऐसा साधन जिसमें पशु के शरीर पर निशान पड़े, घाव हो, सूजन हो या इनमें से किसी के होने की संभावना हो, उपयोग में नहीं लेगा। इसी प्रकार चूहों को पकड़ने के लिए ग्लू ट्रेप का उपयोग प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने पशु क्रुरता निवारण समिति के सदस्यों को पत्र लिखकर इस संबंध में समाज में जनजागरूकता लाने एवं नियमों का प्रचार-प्रसार करने में सहयोग का आग्रह भी किया है।
देवभोग के 15 ग्राम पंचायत सचिवों को नोटिस जारी
जिला पंचायत गरियाबंद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संदीप कुमार अग्रवाल ने जनपद पंचायत देवभोग अंतर्गत 14वें वित्त योजना से अनियमित और नियम विरूद्ध भुगतान करने के संबंध में 15 ग्राम पंचायत सचिवों को अनुशासनात्मक कार्रवाई का उल्लेख करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बता दें कि जनपद पंचायत देवभोग अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2019-20 आदर्श आचार संहिता के दरम्यान 14 वें वित्त की राशि नियम खिलाफ आहरण और भुगतान करने संबंधी शिकायत प्राप्त हुई थी।
3 दिन के अंदर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश
शिकायत की जांच जिला स्तरीय जांच समिति द्वारा की गई। 16 ग्राम पंचायतों के खिलाफ प्राप्त शिकायत में ग्राम पंचायत मुंगिया, करचिया और सितलीजोर में वित्तीय अनियमितता नहीं पाया गया, लेकिन नियमों के खिलाफ इनके द्वारा राशि भुगतान किया गया है। उप संचालक पंचायत ने बताया कि इसके अतिरिक्त ग्राम पंचायत घोघर, डुमरबहाल, डुमरपीटा, बरबहली, माहुलकोट, मुंगझर, डोहेल, घुमरगुड़ा, खुटगांव, सुकलीभाठा-पुराना, सेंदमुड़ा और लाटापारा के सरपंच और सचिवों के द्वारा नियमों के खिलाफ आधिक्य राशि भुगतान किया जाना पाया गया है। जांच अधिकारियों से मिली जांच प्रतिवेदन के मुताबिक मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत द्वारा सभी 15 सचिवों को नोटिस जारी कर 03 दिन के अंदर उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया है।