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अमेरिका में पत्नि को प्रताड़ित करने वाले पति के वीजा को निरस्त करने महिला आयोग लिखेगा US दूतावास को पत्र


छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक (Kiranmayi Nayak, President of Chhattisgarh State Women Commission) ने शुक्रवार को विभिन्न जिलों की महिलाओं द्वारा दिए गए आवेदनों की रायपुर के जल विहार स्थित आयोग कक्ष में जन सुनवाई की। प्रस्तुत प्रकरण शारीरिक शोषण, मानसिक प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, सम्पत्ति विवाद से संबंधित थे।





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प्रकरण की सुनवाई करते हुए नायक ने कहा कि शासकीय काम नियमों के तहत संचालित होते है। इन कार्यों में किसी तरह का व्यवधान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। ऐसा एक मामला शुक्रवार को राज्य महिला आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इस प्रकरण में जिला स्तरीय अधिकारी को फोन पर काम करने के लिए अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा था।





शासकीय काम में दखल नहीं देने की समझाइश





काम नहीं किए जाने पर तबादला करवा देने की भी बात कही जाती थी। इस पर गंभीर नाराजगी व्यक्त करते हुए अध्यक्ष किरणमयी नायक ने अनावेदक पक्षकार को संबंधित अधिकारी के शासकीय काम में दखल नहीं देने की समझाइश दी। व्यक्ति ने अपनी गलती स्वीकार की और महिला अधिकारी से माफी मांगते हुए भविष्य में इस प्रकार की गलती नहीं दोहराने की बात कही।





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वहीं एक महिला ने आयोग के समक्ष शिकायत की कि अमेरिका में रहने वाले उसके पति द्वारा उसे कई तरह से मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना दी जाती थी। अमेरिका में उस पर अत्याचार कर असहाय स्थिति में छोड़ दिया था। अभी पति अमेरिका में ही कार्यरत है। पत्नि ने आयोग के समक्ष न्याय के लिए आवेदन किया। प्रकरण की सुनवाई में पति और उसके परिजन अनुपस्थित रहे। इस पर अध्यक्ष नायक ने पत्नि को पति से संबंधित वीजा, पासपोर्ट और अन्य आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा, ताकि US दूतावास को पति का वीजा निरस्त करने पत्र प्रेषित किया जा सके।





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सुनवाई के दौरान एक अन्य प्रकरण में महिला प्रधान पाठिका को परेशान करने वाले अधीनस्थ शिक्षक के प्रकरण में बीईओ उपस्थित हुए। अध्यक्ष के निर्देशानुसार संबंधित शिक्षक को स्कूल से अन्यत्र किसी अन्य स्कूल में संलग्न करने एक महीने का समय मांगा। अधीनस्थ शिक्षक ने प्रधान पाठिका से की गई गलतियों के लिए माफी भी मांगा। साथ ही भविष्य में फिर से गलती नहीं करने की बात कही।





आयोग की सुनवाई में अनुपस्थिति पड़ेगी भारी





एक अन्य प्रकरण मे एक करोड़ रूपये विधवा महिला से लूटने वाले व्यक्ति को बार-बार आयोग के समक्ष उपस्थिति से बचने के लिए झूठा आवेदन दिया जाना भारी पड़ा। अध्यक्ष ने इस तरह आयोग की कार्रवाई को नजरअंदाज करने को गंभीर माना और अगली सुनवाई में पुलिस के माध्यम से आयोग के समक्ष उपस्थित करने कहा।





सोशल डिस्टेंसिंग का किया गया पालन





अन्य प्रकरण में अपने अधीनस्थ महिला चिकित्सा अधिकारी को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने पर अध्यक्ष ने जांच समिति गठन करने की बात कही। चिकित्सकीय काम और उससे संबंधित प्रताड़ना के कारण इस समिति में वरिष्ठ चिकित्सकों को शामिल किया गया है। आयोग में कोरोना संक्रमण से बचाव के दिशा-निर्देश, सोशल डिस्टेंसिंग और फिजीकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कार्रवाई की गई।


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