महासमुंद। विशेष पिछड़ी जनजाति में शुमार कमार आदिवासी (Kamar tribal) परिवारों के 3 साल से 6 साल तक के बच्चों और 1 साल से 49 साल तक के बच्चियों और महिलाओं को अब आगामी 1 मार्च से हफ्ते में तीन दिन अंडा दिया जाएगा। इस पर होने वाला व्यय जिला खनिज न्यास निधि से किया जाएगा।
अंडा पहुंचाने की व्यवस्था करने के निर्देश
कलेक्टर डोमन सिंह (Mahasamund Collector Doman Singh) ने सोमवार को जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी मनोज सिन्हा को पूरी कार्ययोजना बनाकर आगामी 1 मार्च से कमार जाति परिवारों के 3 साल से 6 साल तक के बच्चों और 1 साल से 49 साल तक की बच्चियों और महिलाओं को उनके घर अंडा पहुंचाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
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महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने इसके लिए कार्ययोजना बनानी शुरू कर दी है और आगामी 1 मार्च से दिए गए निर्देशानुसार बच्चे, बच्चियों और महिलाओं को अंडा मुहैय्या कराया जाएगा। इस जनजाति को भारत सरकार द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति का दर्जा दिया गया है। बता दें कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत महासमुंद जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में 01 फरवरी से कुपोषित बच्चों और 15 से 49 साल के चिन्हांकित एनीमिक महिलाओं को हफ्ते में तीन दिन गुणवत्तापूर्ण गरम पौष्टिक भोजन देने की शुरूआत हुई। इसके लिए भी राशि जिला खनिज न्यास निधि उपलब्ध कराई जा रही है।
कलेक्टर ने किया था कमार जनजाति से मुलाकात
कलेक्टर डोमन सिंह (Collector Doman Singh) की जिले इस महीने की 05 तारीख को विकासखंड बागबाहरा के भोथा गांव के गुलझर पारा पहुंचकर कमार जनजाति के बच्चों-परिवारों से मुलाकात कर कुशलक्षेम पूछा था। कलेक्टर का जाति के लोगों ने बांस से बनी हुई टोपी और टुकली माला पहनाकर उनका आत्मीय स्वागत भी किया था। उन्होंने इस मौके पर व्यक्तिगत, सामुदायिक वनाधिकार और सामुदायिक वन संसाधन पट्टों और बच्चों को जाति प्रमाण पत्र वितरित किए थे। इसके अलावा कमार जाति के स्कूली बच्चों को अपने महासमुंद के सरकारी निवास पर भी आमंत्रित किया था।
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जानकारी के मुताबिक महासमुंद सहित बागबाहरा और पिथौरा में कमार जाति (Kamar tribal) के परिवार निवासरत है। इनमें सबसे ज्यादा परिवार बागबाहरा विकासखंड में है। पूर्व वर्षों की सर्वे के मुताबिक जिले के 70 गांवों में कमार जनजाति के 671 परिवार थे। तब संयुक्त परिवारों में पुरूष की संख्या 1428 दर्ज है।
सर्वे कराने के निर्देश
तब अवयस्क रहे लड़के भी अब वयस्क होकर अलग परिवार के रूप में रह रहे हैं। मौजूदा आंकड़ों में इजाफा हो सकता है। कलेक्टर ने कहा कि इसका सर्वे कराया जाए। ताकि कमार जनजाति परिवारों की सही-सही जानकारी मिल सके और हितग्राहियों को राज्य सरकार की सभी हितग्राही मूलक योजनाओं का उन्हें पूरा-पूरा लाभ दिलाया जा सके।
इन जिलों में रह रहे हैं कमार जनजाति
बता दें कि कमार जनजाति (Kamar tribal) गरियाबंद जिले के कुछ इलाकों सहित धमतरी जिले के साथ ही महासमुंद,बागबाहरा और पिथौरा विकासखंड में कुछ परिवार निवासरत है। ये जाति मुख्यत वनोपज संग्रहण और कुटीर कार्य, कृषि, मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले कमार जनजाति पिछड़े हुए गरीबी और अशिक्षा से घिरे हुए हैं।