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शहादत दिवस पर राज्यपाल, सीएम बघेल सहित पूर्व सीएम रमन ने किया शहीद वीरनारायण सिंह को नमन

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रायपुर : छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद वीरनारायण सिंह (Chhattisgarh first freedom fighter Shaheed Veeranarayan Singh) का आज शहादत दिवस (Martyrdom Day) है।शहीद वीरनारायण के शहादत दिवस पर राज्यपाल अनुसुइया उइके (Governor Anusuiya Uike), मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel), मंत्री टीएस सिंहदेव(T.S. Singhdeo) सहित पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (Former Chief Minister Raman Singh) ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए नमन किया है।






https://twitter.com/bhupeshbaghel/status/1336880165175980033





https://twitter.com/bhupeshbaghel/status/1336880167193493507




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बता दें कि आज ही के दिन यानी 10 दिसंबर 1857 को अंग्रेजों ने रायपुर के जयस्तंभ चौक पर वीरनारायण सिंह (Veeranarayan Singh) को फांसी दे दी थी। इसके बाद उन्हें तोप से उड़ा दिया था।तब से लेकर आज तक 10 दिसंबर को पूरे छत्तीसगढ़ में शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।






https://twitter.com/GovernorCG/status/1336853765354188800





https://twitter.com/drramansingh/status/1336859103608487936




शहीद वीरनारायण सिंह के शहादत दिवस पर पीएम बघेल आज सोनाखान जाएंगे।वे दोपहर 12:30 बजे रायपुर के पुलिस ग्राउण्ड हेलीपेड से हेलीकॉप्टर में रवाना होकर दोपहर 1 बजे सोनाखान जाएंगे।जहां सीएम दोपहर 1:10 बजे से 2:10 बजे तक सोनाखान में आयोजित शहीद वीर नारायण सिंह के शहादत दिवस कार्यक्रम में शामिल होंगे।इसके बाद सीएम बघेल दोपहर 2:55 बजे रायपुर वापस लौट आएंगे।






https://twitter.com/TS_SinghDeo/status/1336887741762572293




शहीद वीरनारायण सिंह की वीरता की गाथा





जानकारों के मुताबिक सोनाखान के युवराज नारायण सिंह घोड़े पर सवार होकर अपनी रियासत का भ्रमण किया करते थे।भ्रमण के दौरान एक बार युवराज को किसी व्यक्ति ने जानकारी दी कि सोनाखान क्षेत्र में एक नरभक्षी शेर कुछ दिनों से आतंक मचा रहा है।






https://twitter.com/tamradhwajsahu0/status/1336900415254712321




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प्रजा की सेवा करने में तत्पर नारायण सिंह ने तत्काल तलवार हाथ में लिए नरभक्षी शेर की ओर दौड़ पड़े।उन्होंने कुछ ही देर में शेर को मार गिराया।उनकी इस बहादुरी के लिए ब्रिटिश सरकार ने उन्हें वीर की पदवी से सम्मानित किया था।इस सम्मान के बाद से युवराज वीरनारायण सिंह बिंझवार के नाम से प्रसिद्ध हुए।






https://twitter.com/amitjogi/status/1336896254580682753




मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया शहीद वीरनारायण सिंह को याद





मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) उन्हें याद करते हुए कहा कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के गौरवशाली इतिहास में छत्तीसगढ़ के वीर सपूत शहीद वीर नारायण सिंह के बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि शहीद वीरनारायण सिंह छत्तीसगढ़ महतारी के सच्चे सपूत थे।






https://twitter.com/RamvicharNetam/status/1336905776502362114




वीर नारायण सिंह ने साल 1857 में देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में छत्तीसगढ़ की जनता में देशभक्ति की भावना जगाई थी।वहीं साल 1856 के भयानक अकाल के दौरान गरीबों को भूख से बचाने के लिए उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ कठिन संघर्ष किया और अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। शहीद वीर नारायण सिंह के देश की आजादी, मातृभूमि के प्रति समर्प और बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा।









शहादत दिवस पर छत्तीसगढ़ी फीचर फिल्म का प्रदर्शन





बता दें कि शहीद वीरनारायण सिंह के शहादत दिवस के मौके पर रायपुर नगर निगम द्वारा जरा याद करो कुर्बानी के अंतर्गत स्मरणांजलि कार्यक्रम में कला दर्पण कृत शहीद वीर नारायण सिंह छत्तीसगढ़ी फीचर फिल्म का प्रदर्शन किया गया है।यह कार्यक्रम आज शाम को 4 बजे होगा। निगम मुख्यालय भवन के चतुर्थ तल पर स्थित सामान्य सभा सभागार में यह कार्यक्रम रखा गया है। कार्यक्रम में महापौर एजाज ढेबर , सभापति प्रमोद दुबे की अध्यक्षता और नगर निगम लोककर्म विभाग अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा और संस्कृति विभाग अध्यक्ष आकाश तिवारी के उपस्थिति में होगा । मंच में कार्यक्रम का संचालन अनुराधा दुबे द्वारा किया जाएगा।





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शहीद वीरनारायण सिंह का जन्म साल 1795 को छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के कसडोल विकासखंड के एक छोटे से गांव सोनाखान में हुआ था।उस वक्त वीरनारायण सिंह के पिता गांव के जमींदार हुआ करते थे।जानकारों के मुताबिक सोनाखान में वीरनारायण सिंह के पूर्वजों की 300 गांवों की जमींदारी थी।










https://twitter.com/umeshpatelcgpyc/status/1336895826883272711




शहीद वीरनारायण सिंह का अपनी प्रजा के प्रति अटूट लगाव और प्रेम था।बता दें कि साल 1856 को सोनाखान में भीषण अकाल पड़ा था।उस समय सोनाखान की जनता दाने-दाने के लिए मोहताज हो गई थी।लोग भूख से मरने लगे थे।भूख से मर रही जनता का दुख वीरनारायण सिंह से देखा नहीं गया और उन्होंने कसडोल के साहूकारों का अनाज गोदाम लूटकर अपनी भूखी जनता में बंटवा दिया था।


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