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उपराष्ट्रपति ने आगरा में तृतीय संसद खेल महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में सहभागिता की

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भारत के उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने आज उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक शहर आगरा में आयोजित तृतीय संसद खेल महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में सहभागिता की। इस आयोजन में युवा खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखने को मिली, जो जमीनी स्तर पर खेल संस्कृति के बढ़ते विस्तार को दर्शाती है।

सभा को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने संसद खेल महोत्सव का हिस्सा बनकर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने खेलों से अपने व्यक्तिगत जुड़ाव का उल्लेख करते हुए बताया कि वे स्कूल और कॉलेज के दिनों में सक्रिय खिलाड़ी रहे हैं। वे टेबल टेनिस में कॉलेज चैंपियन रहे, लंबी दूरी की दौड़ में भाग लिया तथा क्रिकेट और वॉलीबॉल जैसे खेलों का भी आनंद लिया। उन्होंने कहा कि खेलों से प्राप्त शारीरिक फिटनेस और मानसिक दृढ़ता ने उन्हें कठिन पदयात्राओं और लगभग 19,000 किलोमीटर की रथयात्रा जैसे अभियानों को सफलतापूर्वक पूरा करने में मदद की।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत की प्राचीन परंपरा में मन और शरीर के संतुलन पर हमेशा जोर दिया गया है। उन्होंने खेलों को केवल प्रतिस्पर्धा तक सीमित न मानते हुए, उन्हें चरित्र निर्माण का सशक्त माध्यम बताया, जो अनुशासन, धैर्य, टीम भावना और नियमों के सम्मान जैसे गुणों को विकसित करता है—जो व्यक्तिगत विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि संसद खेल महोत्सव जैसे आयोजन जमीनी स्तर पर इन मूल्यों के पोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

आयोजकों की सराहना करते हुए राधाकृष्णन ने कहा कि महानगरों से बाहर खेलों को बढ़ावा देना अत्यंत सराहनीय पहल है। उन्होंने पिछले ग्यारह वर्षों में भारत के खेल पारिस्थितिकी तंत्र में आए संरचनात्मक परिवर्तन का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में खेलो इंडिया, फिट इंडिया मूवमेंट और स्वदेशी खेलों को प्रोत्साहन जैसी पहलें राष्ट्रीय विकास के समग्र दृष्टिकोण को दर्शाती हैं।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि हाल के वर्षों में भारत की खेल उपलब्धियों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने महिलाओं की खेलों में भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे विशेष प्रयासों का भी उल्लेख किया, जिनमें ASMITA महिला लीग जैसी पहलें शामिल हैं।

युवाओं में नशे की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि खेल, नशा मुक्त भारत के निर्माण के सबसे प्रभावी साधनों में से एक हैं। उन्होंने युवाओं से “नशे को ना और खेल को हां” कहने का आह्वान करते हुए कहा कि स्वस्थ और सक्रिय युवा ही सशक्त राष्ट्र की नींव हैं।

माता-पिता और शिक्षकों से अपील करते हुए उन्होंने बच्चों और युवाओं को खेलों के लिए प्रोत्साहित करने को चरित्र निर्माण और मानसिक स्वास्थ्य में निवेश बताया तथा ऐसी संतुलित शिक्षा प्रणाली की वकालत की जिसमें शिक्षा और खेल—दोनों को समान महत्व दिया जाए।

उल्लेखनीय है कि संसद खेल महोत्सव का आयोजन आगरा में 21 से 25 दिसंबर तक किया जा रहा है, जिसमें पांच दिनों के दौरान 33 से अधिक टीम और व्यक्तिगत खेल प्रतियोगिताओं में हजारों नागरिक भाग ले रहे हैं।

इस अवसर पर केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी तथा पंचायती राज राज्य मंत्री एवं आगरा से सांसद प्रो. एस. पी. सिंह बघेल, उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।


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