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नामरूप में चौथे उर्वरक संयंत्र की आधारशिला से पहले केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने तैयारियों की समीक्षा की

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 नई दिल्ली — केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री (MoPSW) सर्बानंद सोनोवाल ने आज असम के डिब्रूगढ़ जिले स्थित नामरूप उर्वरक परिसर का दौरा किया। उन्होंने 21 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित यात्रा से पहले जमीनी तैयारियों की समीक्षा की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नामरूप में चौथे उर्वरक संयंत्र की आधारशिला रखेंगे।

नया ब्राउनफील्ड अमोनिया-यूरिया संयंत्र ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइज़र कॉरपोरेशन लिमिटेड (BVFCL) के मौजूदा परिसर में स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना पर ₹10,000 करोड़ से अधिक का निवेश किया जाएगा। इसे असम के औद्योगिक आधार को सशक्त बनाने और पूर्वोत्तर तथा पूर्वी भारत में उर्वरक उपलब्धता सुधारने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।

दौरे के दौरान सोनोवाल ने लॉजिस्टिक व्यवस्थाओं, सुरक्षा तैयारियों और प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से जुड़ी समग्र तैयारियों का आकलन किया। उन्होंने प्रारंभिक कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की और अधिकारियों के साथ समन्वय कर यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि आधारशिला कार्यक्रम की सभी तैयारियां समयबद्ध और सुचारु रूप से पूरी हों।

सोनोवाल ने कहा, “यह परियोजना असम के लोगों की एक लंबे समय से चली आ रही आकांक्षा की पूर्ति है।” उन्होंने उल्लेख किया कि नामरूप में चौथे उर्वरक संयंत्र की मांग दशकों से की जा रही थी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा इस परियोजना को स्वीकृति देना पूर्वोत्तर के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता और भारत की कृषि एवं औद्योगिक पारिस्थितिकी को मजबूत करने के संकल्प को दर्शाता है।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी और निर्णायक नेतृत्व में असम के लोगों की दशकों पुरानी मांग आज पूरी हुई है। नामरूप का चौथा उर्वरक संयंत्र पूर्वोत्तर के प्रति प्रधानमंत्री की गहरी प्रतिबद्धता और भारत की कृषि एवं औद्योगिक आत्मनिर्भरता को सुदृढ़ करने के उनके संकल्प का प्रतीक है।”

परियोजना के चालू होने के बाद, यह नया उर्वरक संयंत्र पूर्वोत्तर क्षेत्र में यूरिया और संबंधित उत्पादों की आपूर्ति श्रृंखला को काफी मजबूत करेगा, दूर-दराज के उत्पादन केंद्रों पर निर्भरता कम करेगा और किसानों को समय पर उर्वरक उपलब्ध कराने में मदद करेगा। अधिकारियों के अनुसार, इस संयंत्र की वार्षिक उत्पादन क्षमता लगभग 12.5 लाख मीट्रिक टन होगी और इससे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

सोनोवाल ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में असम और पूरे पूर्वोत्तर में हो रहे व्यापक विकास कार्यों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने संपर्क, बुनियादी ढांचे और औद्योगिक क्षमता में किए गए बड़े निवेशों का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे क्षेत्र के युवाओं, किसानों और श्रमिकों के लिए नए अवसर सृजित हुए हैं।

निरीक्षण के दौरान केंद्रीय मंत्री के साथ वरिष्ठ राज्य मंत्री, स्थानीय विधायक, जिला प्रशासन के अधिकारी और विभिन्न नागरिक एवं विकास संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे आपसी समन्वय के साथ कार्य करें ताकि प्रधानमंत्री की यात्रा और आधारशिला कार्यक्रम का सफल आयोजन सुनिश्चित किया जा सके।

सोनोवाल ने कहा, “21 दिसंबर को प्रधानमंत्री की नामरूप यात्रा असम के लिए गर्व का क्षण है। हम पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य कर रहे हैं ताकि आधारशिला कार्यक्रम त्रुटिरहित रूप से संपन्न हो और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिवर्तनकारी विकास एजेंडे तथा पूर्वोत्तर पर उनके विशेष फोकस को प्रतिबिंबित करे।”

नामरूप परियोजना से असम के औद्योगिक विकास में एक नया अध्याय शुरू होने, पूर्वोत्तर में उर्वरक सुरक्षा को मजबूती मिलने और कृषि उत्पादकता तथा किसानों की आय बढ़ाने के राष्ट्रीय लक्ष्य को गति मिलने की उम्मीद है।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री के साथ असम सरकार के मंत्री प्रशांत फुकन और जोगेन मोहन; विधायक तरंगा गोगोई, बिनोद हजारिका, चक्रधर गोगोई, तेराश गोवाला, भास्कर शर्मा और धर्मेश्वर कोनवार; असम पर्यटन विकास निगम (ATDC) के अध्यक्ष ऋतुपर्णा बरुआह; डिब्रूगढ़ नगर निगम (DMC) के मेयर सैकत पात्रा और उप-मेयर उज्ज्वल फुकन; डिब्रूगढ़ विकास प्राधिकरण (DDA) के अध्यक्ष असीम हजारिका; सोनवाल कचारी स्वायत्त परिषद (SKAC) के मुख्य कार्यकारी सदस्य टंकश्वर सोनोवाल; तथा डिप्टी कमिश्नर विक्रम कैरी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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