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भारत सरकार की मत्स्य और दुग्ध विकास योजनाओं से गुजरात में मत्स्य और डेयरी क्षेत्र को मिली मजबूती

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नई दिल्ली- भारत सरकार के मत्स्य विभाग (DoF) और पशुपालन एवं डेयरी विभाग (DAHD) देश के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में मत्स्य और दुग्ध क्षेत्र के समग्र विकास के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू कर रहे हैं, जिनमें गुजरात भी शामिल है।

मत्स्य क्षेत्र में प्रमुख पहल:

मुख्य योजनाओं में ब्लू रिवोल्यूशन योजना (2015-16 से 2019-20), मत्स्य पालन में किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) का विस्तार (2018-19 से), Fisheries and Aquaculture Infrastructure Development Fund (FIDF) (2018-19 से 2025-26), प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) (2020-21 से 2024-26) और नया केंद्रीय उप-योजना प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह योजना (PM-MKSSY) (2023-24 से 2026-27) शामिल हैं। इन पहलों का मुख्य उद्देश्य मत्स्य उत्पादन बढ़ाना, मत्स्य अवसंरचना मजबूत करना, मत्स्यपालकों की आजीविका सुरक्षित करना और संसाधनों की स्थिरता सुनिश्चित करना है।

PMMSY के तहत, पिछले पांच वर्षों में गुजरात के 1200 मत्स्यपालकों को प्रशिक्षण दिया गया, जिसके लिए 10 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया गया। प्रशिक्षण में कृत्रिम रीफ स्थापित करना, सी-वीड फार्मिंग, रोग प्रबंधन, बेस्ट मैनेजमेंट प्रैक्टिस, झींगा पालन और मारीकल्चर जैसी सतत् प्रथाओं को बढ़ावा देना शामिल था।

साथ ही, गुजरात सरकार ने 2025–26 में तटीय एक्वाकल्चर कल्याण योजनाओं पर कुल ₹160 करोड़ का बजट खर्च किया। इस अवधि में कई प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन कामधेनु विश्वविद्यालय और ICAR-CIBA के सहयोग से किया गया।

डेयरी क्षेत्र में प्रमुख पहल:

राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) फरवरी 2014 से पूरे देश में लागू है। जुलाई 2021 में इसे पुनर्गठित किया गया, जिसके तहत दो प्रमुख घटक हैं:

  1. Component A: गुणवत्ता वाले दूध जांच उपकरण और प्राथमिक चिलिंग सुविधाओं के लिए अवसंरचना सृजन/मजबूती।

  2. Component B: सहकारी समितियों के माध्यम से डेयरीकरण।

NPDD के तहत गुजरात में 9 परियोजनाओं को मंजूरी मिली, जिनमें कुल 55,613.66 लाख रुपये का प्रावधान किया गया। इसके अलावा, डेयरी प्रसंस्करण अवसंरचना विकास कोष (DIDF) अब पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (AHIDF) में समाहित किया गया है। SDCFPO योजना के तहत, 12 दूध संघों को 31 अक्टूबर 2025 तक 559.78 करोड़ रुपये का ब्याज सब्सिडी लाभ प्रदान किया गया।

यह जानकारी लोकसभा में मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह (लल्लन सिंह) द्वारा दी गई।

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