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कोहिमा में राज्य स्तरीय वाटरशेड महोत्सव 2025 और मिशन ‘वाटरशेड पुनरुत्थान’ का शुभारंभ

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भारत की जल सुरक्षा को सुदृढ़ करने और सतत ग्रामीण विकास को तेज़ गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ग्रामीण विकास एवं संचार राज्य मंत्री डॉ. पेम्मसानी चंद्र शेखर ने आज कोहिमा के नगा सॉलिडेरिटी पार्क में राज्य स्तरीय वाटरशेड महोत्सव 2025 का शुभारंभ किया।

यह कार्यक्रम जल-संकटग्रस्त क्षेत्रों को जल-सुरक्षित और जलवायु-लचीले परिदृश्यों में परिवर्तित करने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण चरण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में पूर्वोत्तर राज्यों को राष्ट्र के विकास पथ के केंद्र में रखा गया है, और यह पहल उसी दृष्टिकोण को आगे बढ़ाती है।

मिशन वाटरशेड पुनरुत्थान का शुभारंभ

कार्यक्रम के दौरान, मंत्री ने मिशन वाटरशेड पुनरुत्थान (Mission Watershed PUNARUTTHAN) की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि जल सुरक्षा ही राष्ट्रीय सुरक्षा है। यह मिशन पारंपरिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने, क्षरित भूमि को पुनर्स्थापित करने, जल संचयन तंत्र को मजबूत करने और एमजीएनआरईजीए जैसी योजनाओं के साथ अभिसरण के माध्यम से समुदाय-आधारित आजीविकाओं को सुदृढ़ करने पर केंद्रित है।

मंत्री ने कहा कि भविष्य उन लोगों का है जो अपनी प्राकृतिक नींवों को सुरक्षित रखते हैं। वाटरशेड विकास केवल जल प्रबंधन नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत की पारिस्थितिकी रीढ़ को पुनर्गठित करने, आजीविका सृजन करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए समृद्धि सुनिश्चित करने का प्रयास है।

नागालैंड: समुदाय-आधारित जल प्रबंधन का अग्रणी उदाहरण

डॉ. शेखर ने कहा कि नागालैंड अपनी समृद्ध पारिस्थितिक और सांस्कृतिक विरासत के साथ समुदाय-आधारित वाटरशेड प्रबंधन में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
झरनों का पुनर्जीवन, जल संचयन संरचनाओं का नवीनीकरण और भूमि संसाधनों का पुनरुत्थान सिर्फ पर्यावरणीय प्रयास नहीं—बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवनरेखा है।

उन्होंने कहा कि नागालैंड मानवीय संवेदना और सांस्कृतिक दृढ़ता का सशक्त प्रतीक है। इसकी विविध भाषाएँ, संगीत, शिल्प और उत्सव इसकी विरासत, साहस और गरिमा को दर्शाते हैं। नागालैंड यह बताता है कि कैसे एक समाज अपनी पहचान को संजोते हुए खुले मन से विश्व से जुड़ सकता है।

बीते दशकों में उत्तर-पूर्व को मुख्यधारा से दूर क्षेत्र माना गया था। आज के विकास दृष्टिकोण ने नागालैंड को भारत की विकास यात्रा का केंद्रबिंदु बना दिया है। बेहतर कनेक्टिविटी, मजबूत अवसंरचना और डिजिटल पहुंच ने इसे पर्यटन, व्यापार, कृषि और सांस्कृतिक आदान–प्रदान का उभरता केंद्र बना दिया है।

नागालैंड में पीएमकेएसवाई एवं वाटरशेड विकास की प्रमुख उपलब्धियाँ

  • राज्य में 14 वाटरशेड परियोजनाएँ स्वीकृत

  • ₹140 करोड़ स्वीकृत, जिनमें से ₹80 करोड़ जारी

  • 555 जल संचयन संरचनाओं का नवीनीकरण

  • 6,500 से अधिक किसान लाभान्वित

  • 120 झरनों का पुनर्जीवन — विशेषकर पहाड़ी एवं जनजातीय क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण

मंत्री ने बताया कि अन्य राज्यों के विपरीत, जहाँ केंद्र–राज्य फंडिंग अनुपात 60:40 है, वहीं पूर्वोत्तर राज्यों, जिनमें नागालैंड भी शामिल है, को 90% केंद्रीय सहायता मिलती है, जो सरकार के विशेष फोकस को दर्शाती है।

उन्होंने कहा कि भारत के पास विश्व के नवीकरणीय ताजे जल का केवल 4% है, जबकि वैश्विक जनसंख्या का 18% यहाँ निवास करता है। ऐसे में व्यवस्थित जल संरक्षण और संसाधन प्रबंधन अनिवार्य है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) और वाटरशेड कार्यक्रमों ने कृषि आय बढ़ाने, भूजल स्तर सुधारने और बहु-फसल चक्र संभव बनाने में परिवर्तनकारी भूमिका निभाई है।

राज्य नेतृत्व की सराहना

डॉ. शेखर ने नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो के नेतृत्व की सराहना की और अधिकारियों — डॉ. जी. हुकुघा सेमा (IRS) तथा जी. इकटो झिमोमी — के कार्यों की प्रशंसा की, जिन्होंने जमीनी स्तर पर उल्लेखनीय परिणाम सुनिश्चित किए।

जन भागीदारी का आह्वान

मंत्री ने जन भागीदारी के महत्व पर बल देते हुए नागरिकों से जल और भूमि संसाधनों की सुरक्षा और सतत उपयोग में सक्रिय भागीदारी का आग्रह किया।

यह कार्यक्रम केंद्र और राज्य के बीच सहकारी संघवाद की भावना का उत्कृष्ट उदाहरण है, जो प्रधानमंत्री के जल-सुरक्षित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


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