Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

पेशेवर सेवाओं के वैश्विक विस्तार के लिए सुधार और समन्वय जरूरी: वाणिज्य सचिव

Document Thumbnail

वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने भारतीय पेशेवर सेवाओं के लिए वैश्विक बाजारों को खोलने हेतु हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय, घरेलू इकोसिस्टम में सुधार और विभिन्न मुक्त व्यापार समझौतों (FTAs) के तहत पेशेवर सेवाओं पर कानूनी रूप से बाध्यकारी प्रतिबद्धताओं के महत्व पर जोर दिया। वे पेशेवर सेवाओं पर आयोजित एक चिंतन शिविर का उद्घाटन कर रहे थे।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत वाणिज्य विभाग (DoC) ने भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान (ICAI) और सेवा निर्यात संवर्धन परिषद (SEPC) के सहयोग से “वैश्विक क्षितिज का विस्तार: भारतीय पेशेवरों के लिए अवसर” विषय पर यह चिंतन शिविर 23 दिसंबर 2025 को वाणिज्य भवन, नई दिल्ली में आयोजित किया। इस अवसर पर वाणिज्य सचिव ने भारत की आर्थिक वृद्धि में सेवा व्यापार के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि वस्तु निर्यात की तुलना में घरेलू मूल्य संवर्धन में सेवाओं का योगदान कहीं अधिक है।

अग्रवाल ने कहा कि भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश वैश्विक स्तर पर पेशेवर सेवाओं की बढ़ती मांग को पूरा करने की अपार क्षमता रखता है। इस क्षमता को साकार करने के लिए वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना और पेशेवरों को बदलती वैश्विक बाजार आवश्यकताओं तथा तकनीकी विकास के अनुरूप उन्नत कौशल से सुसज्जित करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में पेशेवर सेवाओं के लिए अधिक खुलापन भारत की अर्थव्यवस्था की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगा। उन्होंने पेशेवर निकायों से अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के आयोजन और उनमें भागीदारी के माध्यम से ज्ञान साझा करने तथा सहयोग के नए मंच विकसित करने का आह्वान किया।

वाणिज्य विभाग के संयुक्त सचिव दर्पण जैन ने चिंतन शिविर की पृष्ठभूमि प्रस्तुत की। क्षेत्रीय दृष्टिकोण ICAI के अध्यक्ष सीए चरणजोत सिंह नंदा, भारतीय नर्सिंग परिषद (INC) के अध्यक्ष डॉ. टी. दिलीप कुमार तथा काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर (CoA) के अध्यक्ष प्रो. अभय विनायक पुरोहित द्वारा रखे गए। ICAI के उपाध्यक्ष सीए प्रसन्न कुमार डी और SEPC की अध्यक्ष डॉ. उपासना अरोड़ा ने भी उद्घाटन सत्र में प्रतिभागियों को संबोधित किया।

चिंतन शिविर को चार सत्रों में विभाजित किया गया:

(क) वैश्विक स्तर पर सक्षम पेशेवरों का निर्माण,
(ख) एमआरए और एमओयू के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय गतिशीलता को सुदृढ़ करना,
(ग) नेटवर्क का विकास – विदेशों में पेशेवर अध्यायों का गठन और विस्तार,
(घ) पेशेवर सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने हेतु एफटीए का उपयोग।

इस चिंतन शिविर ने पेशेवर निकायों को वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं और भारत में अपनाई जा रही प्रक्रियाओं पर विचार-विमर्श का अवसर प्रदान किया। उन क्षेत्रों की पहचान की गई जहां पेशेवर निकायों द्वारा पेशेवर अभ्यास से जुड़े मौजूदा नियमों और विनियमों की पुनः समीक्षा कर प्रशिक्षण और कौशल उन्नयन कार्यक्रमों में आवश्यक बदलाव किए जा सकते हैं, ताकि वे कृत्रिम बुद्धिमत्ता और तकनीक में हो रहे बदलावों के अनुरूप हों।

इस संदर्भ में ICAI के प्लेबुक की व्यापक सराहना की गई, जिसमें अध्यायों, अंतरराष्ट्रीय निदेशालय और प्रौद्योगिकी व एआई पर केंद्रित प्रमाणन पाठ्यक्रमों सहित मजबूत और बाजारोन्मुख बुनियादी ढांचे का उल्लेख किया गया। अन्य पेशेवर निकायों को भी अपने-अपने क्षेत्रों में इस मॉडल को अपनाने की संभावनाओं पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। भारतीय नर्सिंग परिषद द्वारा भारतीय नर्सों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक बेहतर पहुंच दिलाने के प्रयासों की सराहना की गई, विशेषकर स्वास्थ्य क्षेत्र में विकसित देशों की नियामक चुनौतियों को देखते हुए। उच्च गुणवत्ता वाले सिमुलेशन लैब, उत्कृष्टता केंद्र और भाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम जैसी अच्छी प्रथाओं की भी प्रशंसा की गई।

म्यूचुअल रिकग्निशन एग्रीमेंट्स (MRAs) पर चर्चा के दौरान एमआरए में प्रवेश से जुड़ी चुनौतियों और मौजूदा एमआरए के प्रभावी उपयोग पर विशेष ध्यान दिया गया। एमआरए की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए स्पष्ट परिणाम आधारित मानकों की आवश्यकता पर जोर दिया गया। इसके साथ ही, भारत के क्षेत्रीय नियामक ढांचे को ‘रिकग्निशन-रेडी’ बनाने की आवश्यकता पर भी चर्चा हुई। डिजिटल सेवाओं और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स के तेजी से विस्तार के संदर्भ में भारत की भविष्य की पेशेवर सेवा निर्यात रणनीति में एमआरए की भूमिका पर भी विचार किया गया।

एफटीए के उपयोग पर चर्चा में पेशेवर सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी को भविष्य के अनुरूप बनाने, पेशेवरों की गतिशीलता से जुड़े प्रावधानों तथा योग्यता आवश्यकताओं और प्रक्रियाओं से संबंधित घरेलू नियमों पर ध्यान केंद्रित किया गया। भारत में विदेशी पेशेवरों के लिए अधिक खुलापन अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया ताकि सभी के लिए लाभकारी परिणाम सुनिश्चित किए जा सकें। डेटा गोपनीयता और संरक्षण से जुड़े मुद्दों तथा भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों की शाखाएं स्थापित होने से उत्पन्न अवसरों पर भी चर्चा हुई।

चिंतन शिविर में हुई चर्चाओं के आधार पर, वाणिज्य विभाग संबंधित हितधारकों के सहयोग से चिन्हित कार्य बिंदुओं को आगे बढ़ाएगा, ताकि भारतीय पेशेवर सेवाओं को वैश्विक स्तर पर विस्तार के लिए आवश्यक प्रोत्साहन मिल सके।

Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.