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मत्स्य पालन एवं जलीय कृषि में निवेश अवसरों पर लक्षद्वीप में निवेशक सम्मेलन का आयोजन

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भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय (MoFAH&D) के अंतर्गत मत्स्य पालन विभाग द्वारा लक्षद्वीप केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के सहयोग से “लक्षद्वीप द्वीपसमूह के मत्स्य एवं जलीय कृषि क्षेत्र में निवेश अवसर” विषय पर एक निवेशक सम्मेलन का आयोजन 13 दिसंबर 2025 को बंगाराम द्वीप, लक्षद्वीप में किया जा रहा है।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह, राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल, जॉर्ज कुरियन, तथा लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल पटेल सहित कई गणमान्य अतिथि शामिल होंगे।

निवेशकों के लिए अवसर

यह कार्यक्रम निवेशकों को लक्षद्वीप में मत्स्य व जलीय कृषि क्षेत्र के विकास की संभावनाओं को समझने व सहयोग के अवसर तलाशने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा। एक विशेष इंटरैक्टिव सत्र में निवेशक अपने अनुभव और चुनौतियाँ साझा करेंगे, जिससे नीतिगत सुधारों की दिशा तय होगी।

प्रतिभागी

इस कार्यक्रम में मत्स्य पालन विभाग, NFDB, MPEDA, EIC, CMFRI, CIFT, CIFNET, NCDC, NCEL, FSI, UT प्रशासन लक्षद्वीप, स्थानीय मत्स्य समितियों के अधिकारी तथा लगभग 35 प्रमुख निवेशक भाग ले रहे हैं। ये निवेशक टूना, सीवीड, डीप-सी फिशिंग, वेस्ट मैनेजमेंट और ऑर्नामेंटल फिशरी जैसे क्षेत्रों से जुड़े हैं।

लक्षद्वीप में निवेश की संभावनाएँ

लक्षद्वीप द्वीपसमूह में मत्स्य और जलीय कृषि क्षेत्र में अपार संभावनाएँ हैं—

  • कुल कैच का 75% टूना

  • 4200 वर्ग किमी लैगून क्षेत्र

  • समृद्ध ऑर्नामेंटल फिश बायोडायवर्सिटी

संभावित निवेश क्षेत्र:

  • डीप-सी टूना फिशिंग

  • टूना प्रोसेसिंग और कोल्ड-चेन सुविधाएँ

  • सीवीड खेती और समुद्री कृषि (Mariculture)

  • ऑर्नामेंटल फिश प्रोडक्शन यूनिट्स

इन निवेशों से स्थानीय आजीविका को बढ़ावा मिलेगा और ब्लू इकॉनमी को मजबूती मिलेगी। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत 1 लाख करोड़ रुपये के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

मुख्य फोकस

  • टूना फिशिंग में पूर्ण hook-to-plate ट्रैसेबिलिटी

  • स्वच्छ लैगूनों में उच्च गुणवत्ता वाले सीवीड की खेती

  • ऑर्नामेंटल फिशरी के लिए समृद्ध प्राकृतिक संसाधन

मत्स्य क्षेत्र की पृष्ठभूमि

  • मत्स्य क्षेत्र देश के 3 करोड़ लोगों की आजीविका का आधार

  • भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक

  • 2015 के बाद से सरकार द्वारा कुल ₹38,572 करोड़ के निवेश स्वीकृत

  • कुल मछली उत्पादन बढ़कर 197 लाख टन

  • समुद्री उत्पादों का निर्यात मूल्य ₹62,400 करोड़

  • लक्ष्य: 2030 तक ₹1 लाख करोड़ का समुद्री निर्यात

सरकार के प्रयास

  • 16 डीप-सी फिशिंग वेसल्स की स्वीकृति

  • सितंबर 2024 में लक्षद्वीप को समर्पित सीवीड क्लस्टर के रूप में अधिसूचित

  • ऑर्नामेंटल फिशरी के 300 प्रजातियों के साथ प्रबल संभावनाएँ

निष्कर्ष

यह निवेशक सम्मेलन लक्षद्वीप की मत्स्य क्षमता को उजागर करने तथा इसे विकसित भारत 2047 के विज़न की दिशा में अग्रसर करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।


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