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भारत में NavIC का विस्तार: अंतरिक्ष विभाग ने बढ़ाया उपयोग और अपनाने की रफ्तार

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अंतरिक्ष विभाग (DoS) विभिन्न क्षेत्रों में NavIC के उपयोग को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। इस दिशा में, विभाग ने कई गतिविधियाँ शुरू की हैं, जिनमें पायलट परियोजनाएँ, भारतीय उद्योग को तकनीक हस्तांतरण, तकनीकी सहायता, परीक्षण सहायता, और उपयोग कार्यक्रम शामिल हैं।

DoS ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उद्योग मानकों में NavIC को शामिल करने के लिए भी प्रयास किए हैं, ताकि उत्पादों और समाधानों में NavIC को आसानी से और प्रभावी रूप से अपनाया जा सके। वर्तमान में विभिन्न कंपनियों के 60 से अधिक स्मार्टफोन NavIC को समर्थन प्रदान करते हैं।

NavIC आधारित पायलट परियोजनाएँ

  1. रीयल-टाइम ट्रेन ट्रैकिंग
    – 10,000 से अधिक ट्रेनों में NavIC आधारित ट्रैकिंग डिवाइस लगाए गए हैं।

  2. मछली पकड़ने वाले जहाजों (Fishing Vessels) की ट्रैकिंग
    – 30,000+ नौकाएँ NavIC सक्षम ट्रांसपोंडर्स से लैस हैं।

  3. सार्वजनिक और वाणिज्यिक वाहनों की ट्रैकिंग
    – 140 से अधिक मॉडल प्रमाणित किए गए हैं और
    – 15 लाख से अधिक वाहनों में NavIC आधारित उपकरण लगाए गए हैं।

  4. NavIC समय प्रसारण द्वारा भारत में सामान्य IST प्रसारित करने के लिए सेकेंडरी टाइमस्केल स्थापित करना।

अनिवार्यता की स्थिति

सरकार ने अभी तक NavIC को अनिवार्य नहीं किया है। इसे अनिवार्य बनाने की संभावना पर चर्चा जारी है।

NavIC का उपयोग

NavIC के नागरिक संकेत (civilian signals) सभी के लिए खुले हैं। NavIC कवरेज क्षेत्र में कोई भी उपयोगकर्ता इसका उपयोग स्थिति निर्धारण (positioning), नेविगेशन और समय निर्धारण (timing) के लिए कर सकता है।

अंतरराष्ट्रीय GNSS सेवा प्रदाता, NavIC के साथ इंटरऑपरेबिलिटी और सिग्नल समन्वय को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से सहयोग करते रहते हैं।


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