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दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण नियंत्रण पर CAQM की सख्ती, राज्यों को कड़े निर्देश

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राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) एवं आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की सुरक्षा एवं प्रवर्तन उप-समिति ने 12 दिसंबर 2025 को दिल्ली–एनसीआर में वायु प्रदूषण नियंत्रण उपायों के कड़े प्रवर्तन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बैठक आयोजित की। उप-समिति की यह 23वीं बैठक थी, जिसमें एनसीआर के राज्य सरकारों/दिल्ली सरकार (GNCTD) द्वारा वायु प्रदूषण को कम करने के लिए किए गए क्षेत्र-विशिष्ट प्रवर्तन कार्यों की समीक्षा की गई, विशेष रूप से वर्तमान में लागू ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) की अवधि के दौरान।

GNCTD के लिए

अवलोकन:

दिल्ली सरकार को विभिन्न हॉटस्पॉट्स पर यातायात जाम, सड़क की धूल, नगर निगम ठोस अपशिष्ट (MSW) के निस्तारण और उसके जलने की समस्या से प्रभावी ढंग से निपटना होगा।

आयोग द्वारा दिए गए निर्देश:

  • चिन्हित हॉटस्पॉट्स पर यातायात जाम कम करने के लिए केंद्रित मासिक बैठकें आयोजित की जाएं।

  • पीएम2.5 और पीएम10 के स्तर को कम करने के लिए सड़कों की वैक्यूमिंग की जाए।

  • एमसीडी और एनडीएमसी द्वारा नगर निगम ठोस अपशिष्ट का समुचित संग्रहण और निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।

  • एमएसडब्ल्यू और बायोमास जलाने की घटनाओं पर रोक के लिए रात्रिकालीन गश्त को तेज किया जाए।

  • पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) कैमरों के माध्यम से प्रवर्तन को सख्त किया जाए।

हरियाणा के एनसीआर जिलों के लिए

अवलोकन:

हरियाणा का प्रदर्शन यातायात जाम, सड़क की धूल और एमएसडब्ल्यू निस्तारण से निपटने के मामले में संतोषजनक नहीं पाया गया।

आयोग के निर्देश:

  • विभिन्न एजेंसियों और विभागों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

  • वायु प्रदूषण में योगदान देने वाले विभिन्न क्षेत्रों में अचानक/गोपनीय निरीक्षण के लिए समर्पित टीमें गठित की जाएं।

  • गुरुग्राम में यातायात जाम कम करने के लिए एमसीजी को हॉटस्पॉट्स की पहचान की व्यवस्था मजबूत करनी होगी तथा वाहन प्रदूषण पर कड़ी कार्रवाई करनी होगी।

  • एमएसडब्ल्यू और बायोमास जलाने की रोकथाम हेतु रात्रिकालीन गश्त तेज की जाए।

  • पेट्रोल पंपों पर एएनपीआर कैमरों की स्थापना कर प्रवर्तन को और सख्त किया जाए।

उत्तर प्रदेश और राजस्थान के एनसीआर जिलों के लिए

अवलोकन एवं निर्देश:

उत्तर प्रदेश के एनसीआर जिलों का प्रदर्शन वायु प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में तुलनात्मक रूप से संतोषजनक पाया गया। हालांकि, विशेष रूप से वाहन क्षेत्र में केंद्रित कार्रवाई के लिए तय समयसीमा का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना होगा।

आयोग ने उत्तर प्रदेश और राजस्थान दोनों के एनसीआर जिलों के लिए वाहन एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सेवा प्रदाताओं और ई-कॉमर्स इकाइयों हेतु वेब पोर्टल विकसित करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 निर्धारित की है। इसके साथ ही राजस्थान को इन संस्थाओं की निगरानी के लिए अपनी नीति भी 31 दिसंबर 2025 तक अधिसूचित करनी होगी। किसी भी प्रकार की लापरवाही की स्थिति में संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी और सीएक्यूएम अधिनियम की धारा 14 के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

उप-समिति ने सभी एनसीआर राज्यों और दिल्ली सरकार को वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए निगरानी, विश्लेषण और प्रभावी शमन हेतु एआई आधारित और अन्य उन्नत तकनीकी समाधानों को तेजी से अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

बैठक में यह भी रेखांकित किया गया कि विशेष रूप से शीतकाल के दौरान दिल्ली–एनसीआर में वायु गुणवत्ता सुधार के लिए सभी संबंधित एजेंसियों के सामूहिक और समन्वित प्रयास आवश्यक हैं। सभी कार्यान्वयन एजेंसियों ने आश्वासन दिया कि वे वायु प्रदूषण नियंत्रण उपायों की नियमित समीक्षा करेंगी और विभिन्न क्षेत्रों में सख्त एवं प्रभावी कार्रवाई जारी रखेंगी।

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