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प्रधानमंत्री मोदी ने हैदराबाद में स्काईरूट के इन्फिनिटी कैंपस का उद्घाटन किया

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हैदराबाद- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारतीय स्पेस स्टार्टअप स्काईरूट के इन्फिनिटी कैंपस का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत आज अंतरिक्ष क्षेत्र में अभूतपूर्व अवसरों का साक्षी है, और निजी क्षेत्र की भागीदारी से देश का अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र तेजी से प्रगति कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने स्काईरूट के इन्फिनिटी कैंपस को भारत की नई सोच, नवाचार और युवा शक्ति का प्रतीक बताया। उन्होंने संस्थापक पवन कुमार चंदाना और नागा भरत ढाका को युवा अंतरिक्ष उद्यमियों के प्रेरक उदाहरण के रूप में सराहा। उन्होंने कहा कि इन दोनों ने खुद पर विश्वास किया, जोखिम उठाने से नहीं हिचकिचाए, और आज पूरा देश उनके सफलता पर गर्व महसूस कर रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत सीमित संसाधनों से हुई, लेकिन महत्वाकांक्षाओं की कोई सीमा नहीं थी, बताते हुए कहा कि “रॉकेट पार्ट्स को साइकिल पर लेकर ISRO की विश्वसनीय लॉन्च क्षमताओं तक, भारत ने यह साबित किया कि सपनों की ऊँचाई संसाधनों से नहीं, बल्कि संकल्प से तय होती है।” उन्होंने ISRO की भूमिका की भी सराहना करते हुए कहा कि दशकों से यह भारत की अंतरिक्ष यात्रा को नई ऊँचाई पर ले जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बदलते समय में अंतरिक्ष क्षेत्र का विस्तार स्पष्ट है, क्योंकि यह संचार, कृषि, समुद्री निगरानी, शहरी नियोजन, मौसम पूर्वानुमान और राष्ट्रीय सुरक्षा का आधार बन गया है। इसी कारण से सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार लागू किए और निजी नवाचार के लिए इसे खोला। उन्होंने बताया कि IN-SPACe की स्थापना स्टार्टअप और उद्योग को ISRO की सुविधाओं एवं तकनीक तक पहुँच प्रदान करने के लिए की गई।

प्रधानमंत्री ने भारत की जनरेशन-Z युवा शक्ति की सराहना की, जिन्होंने सीमित संसाधनों के साथ भी 300 से अधिक अंतरिक्ष स्टार्टअप्स को गति दी है। उन्होंने कहा कि यही युवा भारत में निजी अंतरिक्ष क्रांति को जन्म दे रहे हैं, और रॉकेट प्रणालियों, उपग्रह प्लेटफॉर्म्स और कंपोजिट मैटीरियल जैसे क्षेत्रों में नए नवाचार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि छोटे उपग्रहों की मांग और लॉन्च आवृत्तियाँ दुनिया भर में बढ़ रही हैं, और अंतरिक्ष अब एक रणनीतिक संपत्ति बन गया है। प्रधानमंत्री ने भारत की अंतरिक्ष क्षमता को विश्वसनीय और लागत-प्रभावी बताते हुए कहा कि वैश्विक कंपनियाँ भारत में उपग्रह निर्माण और लॉन्च सेवाओं में निवेश करना चाहती हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि भारत अब केवल ऐप्स और सेवाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि डीप-टेक, निर्माण और हार्डवेयर नवाचार की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में किए गए ऐतिहासिक कदमों का उदाहरण देते हुए कहा कि यह भारत के तकनीकी भविष्य की नींव मजबूत कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार युवाओं, स्टार्टअप्स, वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और उद्यमियों के हर कदम पर उनके साथ है। उन्होंने स्काईरूट टीम को बधाई दी और सभी को प्रेरित किया कि वे 21वीं सदी को भारत की सदी बनाएं, चाहे वह पृथ्वी पर हो या अंतरिक्ष में।

पृष्ठभूमि:

स्काईरूट का इन्फिनिटी कैंपस लगभग 2,00,000 वर्ग फीट में फैला अत्याधुनिक सुविधा केंद्र है, जहाँ हर महीने एक आर्बिटल रॉकेट का निर्माण किया जा सकता है। स्काईरूट, भारत की प्रमुख निजी अंतरिक्ष कंपनी है, जिसे IIT के पूर्व वैज्ञानिक पवन चंदाना और भरत ढाका ने स्थापित किया है। नवंबर 2022 में, स्काईरूट ने अपना सब-ऑर्बिटल रॉकेट विक्रम-S लॉन्च किया, जिससे यह भारत की पहली निजी कंपनी बनी जिसने रॉकेट को अंतरिक्ष में भेजा।


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