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भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ओडिशा विधानसभा को संबोधित किया

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भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज (27 नवंबर, 2025) भुवनेश्वर में ओडिशा विधानसभा के सदस्यों को संबोधित किया।

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में Assembly के पुराने दिनों की यादें साझा करते हुए कहा कि यहाँ बिताए वर्षों के दौरान उन्हें विधायक के रूप में प्रश्न पूछने और मंत्री के रूप में उत्तर देने का अनुभव प्राप्त हुआ।

राष्ट्रपति ने कहा कि ओडिशा ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह भूमि चंद्रशोक से धर्मशोक में परिवर्तन की गवाह रही है और यहाँ की आदिवासी समुदायों ने विदेशी शासन के खिलाफ संघर्ष कर देश के लिए उदाहरण प्रस्तुत किया है।

उन्होंने कहा कि ओडिशा में महिलाओं को सशक्त बनाने की प्राचीन परंपरा रही है। यह गर्व की बात है कि ओडिशा विधानसभा में सदैव महिलाओं का प्रतिनिधित्व रहा है। स्वतंत्रता से पहले और बाद में कभी भी ओडिशा में ऐसी विधानसभा नहीं रही जिसमें महिलाओं का प्रतिनिधित्व न हो। ओडिशा की महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर देश का नाम रोशन कर रही हैं।

राष्ट्रपति ने विधानसभा द्वारा पारित किए गए जनकल्याणकारी कानूनों की सराहना की। उन्होंने कहा कि 17वीं विधानसभा ने बहुत कम समय में कई उत्पादक बैठकें आयोजित की हैं और यहाँ संवाद की स्वस्थ परंपरा बनी हुई है।

उन्होंने कहा कि ओडिशा तेजी से प्रगति कर रहा है। राज्य सरकार की कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, आदिवासी और अन्य वंचित समूहों के विकास, आवास और आपदा प्रबंधन जैसी नई पहलों की उन्होंने सराहना की। साथ ही औद्योगिकीकरण की प्रक्रिया भी केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग से नई दिशा ले रही है।

राष्ट्रपति ने कहा कि ओडिशा प्राकृतिक रूप से समृद्ध है। यहाँ खनिज, वन, जल और मानव संसाधन प्रचुर मात्रा में हैं। यह कृषि, उद्योग और वाणिज्य के विकास के लिए अत्यंत अनुकूल है। इन सभी संसाधनों का सही उपयोग करके ओडिशा को देश का अग्रणी राज्य बनाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि ओडिशा की स्थापना की शताब्दी 2036 में मनाई जाएगी। यदि सभी हितधारक मिलकर 2036 तक समृद्ध ओडिशा बनाने में सहयोग करें, तो यह 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में ओडिशा का सबसे बड़ा योगदान होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी 'Nation First' के भाव के साथ कार्य करेंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि विधायक जनता के प्रतिनिधि हैं और जनता ने उनमें अपनी आशाएँ और भरोसा व्यक्त किया है। यह उनका कर्तव्य है कि वे नागरिकों की अपेक्षाओं को पूरा करें, उनके सपनों को साकार करें और उनके चेहरे पर मुस्कान लाएँ।

उन्होंने कहा कि यह तकनीकी युग है। विधायक के शब्द और आचरण अनुयायियों और प्रशंसकों के लिए मार्गदर्शन का काम करते हैं। उनका व्यवहार ऐसा होना चाहिए कि उनके अनुयायी उसका अनुसरण करके समाज और राज्य के निर्माण में योगदान दें।

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