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इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक और EPFO में समझौता — पेंशनधारकों को घर बैठे डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र सेवा का लाभ

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भारत सरकार के संचार मंत्रालय के तहत डाक विभाग की 100% स्वामित्व वाली संस्था इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO), श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी का उद्देश्य कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 (EPS’95) के तहत पेंशनधारकों को घर बैठे डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (DLC) सेवा उपलब्ध कराना है।

यह समझौता EPFO के 73वें स्थापना दिवस के अवसर पर IPPB के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ आर. विश्वेस्वरन और केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (CPFC)रमेश कृष्णमूर्ति के बीच संपन्न हुआ। इस अवसर पर डॉ. मनसुख मांडविया, केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा कार्य एवं खेल मंत्री मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। साथ ही वंदना गुर्नानी, सचिव (श्रम एवं रोजगार), केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) के सदस्य, EPFO, IPPB और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

इस सहयोग के तहत, IPPB अपने देशभर में फैले 1.65 लाख से अधिक डाकघरों और 3 लाख से अधिक डाक सेवकों (डाकिया और ग्रामीण डाक सेवक) के नेटवर्क का उपयोग करेगा, जो डिजिटल फेस ऑथेंटिकेशन और फिंगरप्रिंट बायोमेट्रिक तकनीक से सुसज्जित हैं। इससे पेंशनधारक अपने घर से ही डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकेंगे — उन्हें अब बैंक शाखा या EPFO कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी। यह सेवा EPFO द्वारा पूर्णतः निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।

IPPB के एमडी एवं सीईओ आर. विश्वेस्वरन ने कहा:

“EPFO के साथ यह साझेदारी IPPB के मिशन को और सशक्त बनाती है, जो हर भारतीय के दरवाजे तक आवश्यक वित्तीय और नागरिक सेवाएं पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह पहल विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के पेंशनधारकों के लिए सुविधाजनक और गरिमापूर्ण जीवन प्रमाणपत्र प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी। यह पहल भारत सरकार के ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘Ease of Living’ के विज़न को साकार करती है।”

पेंशनधारकों को बस इतना करना होगा कि वे अपने डाकिया या ग्रामीण डाक सेवक से संपर्क करें या अपने निकटतम डाकघर जाएं, अपना आधार नंबर और पेंशन विवरण दें और आधार-आधारित फेस या फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण के माध्यम से सत्यापन कराएं। प्रमाणपत्र बनने के बाद पेंशनधारक को SMS के माध्यम से सूचना प्राप्त होगी, और अगले दिन वह https://jeevanpramaan.gov.in/v1.0/ पर जाकर प्रमाणपत्र देख सकेंगे।

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के बारे में

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की स्थापना 1 सितंबर 2018 को भारत सरकार के स्वामित्व में की गई थी। बैंक का उद्देश्य देश के आम नागरिकों को सुलभ, सस्ती और विश्वसनीय बैंकिंग सेवाएं प्रदान करना है। इसका मुख्य लक्ष्य अविकसित और अर्द्ध-बैंकित आबादी तक वित्तीय समावेशन को पहुंचाना है, जिसके लिए यह ~1.65 लाख डाकघरों और ~3 लाख डाककर्मियों के नेटवर्क का उपयोग करता है।

IPPB का संचालन India Stack पर आधारित है — जो पेपरलेस, कैशलैस और प्रेज़ेंस-लेस बैंकिंग को सरल, सुरक्षित और ग्राहक के द्वार तक उपलब्ध कराता है। यह बैंक वर्तमान में 13 भाषाओं में सेवाएं प्रदान कर रहा है, और 5.57 लाख गांवों और कस्बों में 11 करोड़ से अधिक ग्राहकों तक पहुंच बना चुका है।

IPPB कम नकद अर्थव्यवस्था (Less Cash Economy) को प्रोत्साहित करने और डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। बैंक का आदर्श वाक्य है —

“हर ग्राहक महत्वपूर्ण है, हर लेनदेन मूल्यवान है, और हर जमा अमूल्य है।”



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