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भारतीय महिलाओं की ब्लाइंड क्रिकेट टीम का ऐतिहासिक कारनामा: पहली T20 वर्ल्ड कप विजेता बनी भारत की शेरनियाँ

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महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने आज एक विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया, जिसमें भारतीय महिला नेत्रहीन क्रिकेट टीम को नवंबर 2025 में आयोजित प्रथम T20 विश्व कप जीतने की ऐतिहासिक उपलब्धि पर सम्मानित किया गया।

महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने खिलाड़ियों को सम्मानित किया और उनकी ऐतिहासिक जीत तथा प्रेरणादायी यात्राओं के लिए बधाई दी।

इस अवसर पर मीनाक्षी लेखी, पूर्व विदेश राज्य मंत्री और एसबीआई प्रथम महिला T20 विश्व कप क्रिकेट फॉर द ब्लाइंड की विश्व आयोजन समिति की अध्यक्ष, भी उपस्थित रहीं।

भारतीय महिला नेत्रहीन क्रिकेट टीम, जिसकी कप्तान दीपिका टी.सी. (कर्नाटक) और उप-कप्तान गंगा एस. कदम (महाराष्ट्र) थीं, ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए अजेय रहने का गौरव हासिल किया। टीम ने बेहतरीन सामंजस्य, धैर्य और उत्कृष्टता प्रदर्शित की।

23 नवंबर 2025 (रविवार) को कोलंबो में खेले गए रोमांचक फाइनल मुकाबले में भारत ने नेपाल को सात विकेट से हराकर खिताब अपने नाम किया। भारत ने नेपाल को 114/5 पर रोका और लक्ष्य को सिर्फ 12.1 ओवर में हासिल कर लिया। इस जीत में टीम की सामूहिक शानदार प्रदर्शन अहम रहा।

  • फूला सरेन ने 27 गेंदों पर 44 रनों की निर्णायक पारी खेलकर प्लेयर ऑफ द मैच पुरस्कार हासिल किया।

  • कप्तान दीपिका टी.सी. ने पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन ऑल-राउंड प्रदर्शन किया, जिसमें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी यादगार 91 (58 गेंद) की पारी शामिल है।

  • करुणा पांगी कुमारी, जो विशाखापट्टनम की कक्षा 10 की छात्रा हैं, ने फाइनल में संयमित 42 रन बनाकर सबका ध्यान आकर्षित किया।

  • दुर्गा येवले (जन्म 2003), जो एक छोटे शहर से राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचीं, ने अपनी मेहनत और लगन से सभी को प्रेरित किया।

टीम को संबोधित करते हुए,अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि यह उपलब्धि “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की भावना को साकार करती है और ऐसे भारत की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करती है जो हर बेटी को सपने देखने, आगे बढ़ने और सफल होने का अवसर देता है।”
उन्होंने कहा कि ऐसे ऐतिहासिक क्षण भारत की बेटियों की क्षमता को दर्शाते हैं, जो देश को विकसित भारत की दिशा में आगे बढ़ा रही हैं, जहाँ अवसर समावेशी और सभी के लिए सुलभ हों।

मीनाक्षी लेखी ने टीम की सराहना करते हुए कहा कि खिलाड़ियों ने बाधाओं को तोड़ते हुए नए मानदंड स्थापित किए हैं। यह जीत दृढ़ निश्चय, प्रतिभा और राष्ट्रीय गौरव का प्रेरणादायी उदाहरण है।

मंत्रालय ने टीम की ऐतिहासिक सफलता पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी यह उपलब्धि न केवल महिला नेत्रहीन क्रिकेट के इतिहास में महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत की लैंगिक समानता और समावेशी विकास की यात्रा में भी एक अहम मील का पत्थर है।


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