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राष्ट्रीय नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (NPG) की 102वीं बैठक में सड़क, परिवहन और राजमार्ग परियोजनाओं का मूल्यांकन

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राष्ट्रीय नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (NPG) की 102वीं बैठक आज आयोजित की गई, जिसमें सड़क, परिवहन और राजमार्ग विभाग (MoRTH) की परियोजनाओं के साथ-साथ रेलवे परियोजनाओं का मूल्यांकन किया गया। बैठक का मुख्य उद्देश्य पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (PMGS NMP) के अनुरूप मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स दक्षता को बढ़ाना था।

बैठक में तीन परियोजनाओं का मूल्यांकन किया गया, जिनमें एक सड़क/हाईवे परियोजना और दो रेलवे परियोजनाएं शामिल थीं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य इंटीग्रेटेड मल्टीमॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर, आर्थिक एवं सामाजिक नोड्स तक अंतिम मील कनेक्टिविटी और ‘Whole of Government’ दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है। ये परियोजनाएं लॉजिस्टिक्स दक्षता बढ़ाने, यात्रा समय घटाने और परियोजना क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देने की संभावना रखती हैं।

परियोजनाओं का संक्षिप्त विवरण:

रेल मंत्रालय (MoR):

  1. पुनरख – कीउल स्टेशन के बीच तीसरी और चौथी लाइन (बिहार)

    • लंबाई: लगभग 49.57 किमी

    • क्षेत्र: पटना और लखीसराय जिले

    • महत्व: राज्य के प्रमुख औद्योगिक और कृषि गलियारों में रेलवे क्षमता और लॉजिस्टिक्स दक्षता बढ़ाना

    • लाभार्थी: Ultratech Cement Plant, ACC Cement, NTPC Barauni, NTPC Super Thermal Power Plant, Carriage Repair Workshop, SJVN Power Plant और अन्य छोटे और मध्यम उद्योग

    • अतिरिक्त लाभ: पर्यटन स्थलों (बापू टॉवर, महावीर मंदिर, गांधी संग्रहालय, खुदा बक्स़ लाइब्रेरी, कुम्हार पार्क, तख़त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब, गोल घर, बिहार संग्रहालय) की पहुंच में सुधार

  2. सिलघाट – डेकर्गाओं नई BG लाइन (असम)

    • लंबाई: लगभग 27.50 किमी

    • महत्व: ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे स्थित प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ना

    • लाभ: राष्ट्रीय राजमार्ग NH-15 और NH-715 के साथ मजबूत मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी

    • उद्देश्य: क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाना, औद्योगिक गतिविधियों, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देना

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH):

  1. ओल्ड पुणे नाका से बोरमानी नाका तक 4-लेन एलिवेटेड कॉरिडोर (NH-65, महाराष्ट्र)

    • लंबाई: लगभग 9.66 किमी

    • परियोजना: भरतमाला परियोजना (चरण-I) के तहत

    • उद्देश्य: शहरी ट्रैफिक कम करना, यात्रा समय घटाना, सड़क सुरक्षा बढ़ाना और वाहनों के उत्सर्जन को कम करना

    • लाभ: क्षेत्रीय कनेक्टिविटी मजबूत करना, आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना और धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन को प्रोत्साहित करना

बैठक की अध्यक्षता संयुक्त सचिव, लॉजिस्टिक्स, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) ने की। बैठक में परियोजनाओं की संभावित सामाजिक-आर्थिक प्रभाव और कनेक्टिविटी में सुधार पर विशेष चर्चा हुई।

ये पहलें पीएम गति शक्ति के तहत भारत में एकीकृत और दक्ष लॉजिस्टिक्स नेटवर्क बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।

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