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ईपीएफओ ने मनाया 73वां स्थापना दिवस — डॉ. मनसुख मांडविया ने नागरिक-केंद्रित बदलाव और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की दिशा में आह्वान किया

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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में अपना 73वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर श्रम एवं रोजगार तथा युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में श्रम एवं रोजगार सचिव वंदना गुर्नानी, केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (CPFC) रमेश कृष्णमूर्ति, केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) के सदस्य, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, EPFO अधिकारियों और अन्य गणमान्य अतिथियों ने भाग लिया।

अपने संबोधन में डॉ. मांडविया ने भारत के श्रमिकों के सामाजिक और आर्थिक कल्याण में EPFO की ऐतिहासिक भूमिका की सराहना की। उन्होंने संगठन से “जन-केंद्रित सेवा वितरण का एक नया अध्याय लिखने” का आह्वान किया, जो नए उद्देश्य और दृष्टिकोण से प्रेरित हो।

उन्होंने कहा, “EPFO केवल एक कोष नहीं है — यह भारत के श्रमिकों के सामाजिक सुरक्षा में विश्वास का प्रतीक है। इस स्थापना दिवस पर हमें नए उत्साह और नई ऊर्जा के साथ EPFO की यात्रा को संकल्प से सिद्धि तक पहुंचाने का संकल्प लेना चाहिए।”

डॉ. मांडविया ने कहा कि कुशलता, पारदर्शिता और सहानुभूति EPFO के परिवर्तन के स्तंभ बने रहें। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे अपनी सेवाओं में पेशेवरता और संवेदनशीलता बनाए रखें और EPFO को “विकसित भारत 2047” की दिशा में वैश्विक सामाजिक सुरक्षा मानकों का उदाहरण बनाने के लिए प्रेरित करें।

अपने संबोधन में वंदना गुर्नानी ने EPFO को एक अनुपालन-आधारित संस्था से जन-केंद्रित संस्थान में विकसित होने पर बधाई दी। उन्होंने कहा, “हर फाइल के पीछे एक श्रमिक, एक परिवार और एक सपना होता है। सामाजिक सुरक्षा केवल प्रणाली नहीं, बल्कि लोगों के सम्मान की बात है।”

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त 2025 को घोषित प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (PMVBRY) के क्रियान्वयन में EPFO की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह योजना 3.5 करोड़ नए रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य रखती है। उन्होंने कहा कि EPFO को “सामाजिक सुरक्षा से राष्ट्रीय समृद्धि तक की यात्रा” जारी रखनी चाहिए।

केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त रमेश कृष्णमूर्ति ने कहा कि EPFO ने केन्द्रित पेंशन भुगतान प्रणाली, आधार एवं फेस ऑथेंटिकेशन, और पुनर्निर्मित ECR प्रणाली जैसी पहलों के माध्यम से तकनीकी-सक्षम सेवा वितरण में उल्लेखनीय प्रगति की है।

उन्होंने बताया कि आगामी EPFO 3.0 प्लेटफॉर्म दक्षता और पहुंच को और बेहतर बनाएगा, जबकि Employee Enrollment Scheme 2025 कार्यबल के औपचारिककरण को बढ़ावा देगी। यह योजना 1 नवंबर 2025 से लागू होगी।

कार्यक्रम में डॉ. मांडविया ने कॉफी टेबल बुक, स्टेट प्रोफाइल 2025 और रीइमेजिनिंग गवर्नेंस का विमोचन किया तथा विशेष डाक आवरण (Special Postal Cover) जारी किया। इस अवसर पर EPFO ने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) और गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) के साथ समझौता ज्ञापन (MoUs) पर हस्ताक्षर किए।

कार्यक्रम के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए भविष्य निधि पुरस्कार 2025 (Bhavishya Nidhi Awards 2025) भी प्रदान किए गए।

समारोह में 700 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें EPFO और श्रम मंत्रालय के अधिकारी, बहुपक्षीय संस्थाओं, बैंकों और मीडिया के प्रतिनिधि शामिल थे। कार्यक्रम का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि EPFO अपनी सेवाओं को और अधिक सरल, पारदर्शी और तकनीकी-सक्षम बनाकर विकसित भारत 2047 के निर्माण में अपना योगदान जारी रखेगा।

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