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CCPA की सख्त कार्रवाई — Dikshant IAS और Abhimanu IAS पर ₹8 लाख का जुर्माना, भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ बड़ा कदम

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केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने Dikshant IAS और Abhimanu IAS को भ्रामक विज्ञापन, अनुचित व्यापार प्रथाओं और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन के लिए दोषी पाया है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत दोनों संस्थानों पर ₹8,00,000-₹8,00,000 का जुर्माना लगाया गया है।


यह निर्णय उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा और यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया कि किसी भी वस्तु या सेवा के संबंध में गलत या भ्रामक विज्ञापन जारी न किए जाएँ, जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 का उल्लंघन करते हों।

Dikshant IAS का मामला

CCPA को मिनी शुक्ला (AIR 96, UPSC CSE 2021) की शिकायत प्राप्त हुई थी, जिन्होंने बताया कि उनके नाम और फोटो का उपयोग संस्था ने उनकी सहमति के बिना अपने विज्ञापनों में किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे Dikshant IAS से कभी जुड़ी नहीं थीं और केवल एक मॉक इंटरव्यू में शामिल हुई थीं, जो बाद में उन्हें पता चला कि Chahal Academy के साथ संयुक्त रूप से आयोजित हुआ था।

जाँच में पाया गया कि Dikshant IAS ने “200+ Results in UPSC CSE 2021” का दावा किया था, परंतु संस्था इसे प्रमाणित करने में असमर्थ रही। केवल 116 नामांकन फॉर्म प्रस्तुत किए जा सके। साथ ही, चहल एकेडमी के साथ किसी औपचारिक समझौते या विद्यार्थियों की जानकारी साझा करने के प्रमाण नहीं मिले।
प्राधिकरण ने पाया कि संस्था ने संभावित छात्रों को भ्रमित करने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी छिपाई, जिससे ऐसा प्रतीत हुआ मानो सभी सफल उम्मीदवार उनकी पूर्ण तैयारी का हिस्सा थे।

Abhimanu IAS का मामला

नताशा गोयल (AIR 175, UPSC CSE 2022) ने शिकायत की कि उनके नाम और फोटो का उपयोग Abhimanu IAS ने बिना अनुमति के किया। संस्थान ने झूठा दावा किया कि वे उसकी छात्रा थीं, जबकि उन्होंने केवल एक प्रश्न बैंक साझा किया था और मॉक इंटरव्यू कभी हुआ ही नहीं।

CCPA की जांच में पाया गया कि संस्था ने “2200+ Selections since Inception”, “10+ Selections in IAS Top 10” और “1st Rank in HCS/PCS/HAS” जैसे दावे किए, परंतु इन दावों को साबित करने के लिए कोई विश्वसनीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया।
कई चयन 2001–2012 के बीच हुए थे, परंतु विज्ञापनों में इस अवधि का उल्लेख नहीं किया गया, जिससे यह झूठा प्रभाव उत्पन्न हुआ कि संस्था हाल ही में भी शीर्ष परिणाम दे रही है।

CCPA का रुख

CCPA ने पाया कि इन दोनों संस्थानों ने धारा 2(28) और धारा 2(47) का उल्लंघन किया है — यानी भ्रामक विज्ञापन जारी करना और उपभोक्ताओं से महत्वपूर्ण जानकारी छिपाना।
शिक्षा क्षेत्र में इस प्रकार की गलत जानकारी छात्रों को भ्रमित करती है, जो अपनी मेहनत, समय और धन निवेश करते हैं।

अब तक CCPA ने 57 कोचिंग संस्थानों को ऐसे भ्रामक विज्ञापनों के लिए नोटिस जारी किए हैं और 27 संस्थानों पर ₹98.6 लाख से अधिक का जुर्माना लगाया है।
CCPA ने सभी सफल उम्मीदवारों से आग्रह किया है कि यदि किसी कोचिंग संस्थान ने उनके नाम या फोटो का गलत उपयोग किया हो तो वे तत्काल शिकायत दर्ज कराएं।


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