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अंतर्राष्ट्रीय भारत 6G संगोष्ठी 2025 में 6G को वैश्विक सार्वजनिक संपत्ति के रूप में विकसित करने की साझा प्रतिबद्धता व्यक्त की गई

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नई दिल्ली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय भारत6G संगोष्ठी 2025 के दौरान, विश्व के अग्रणी अनुसंधान गठबंधनों — भारत 6G, 6G Smart Networks and Services Industry Association (6G-IA), ATIS’ Next G Alliance, XGMF, 6G Forum, 6G Brazil, UKI-FNI, UK TIN, UK Federated Telecoms Hubs (CHEDDAR, HASC, JOINER & TITAN) और 6G Flagship — ने एक संयुक्त घोषणा पत्र (Joint Statement) जारी करते हुए 6G को “वैश्विक सार्वजनिक हित” के रूप में विकसित करने की अपनी साझा प्रतिबद्धता दोहराई।

साझा घोषणा में ‘6G by Design’ के लिए निम्नलिखित मार्गदर्शक सिद्धांतों का समर्थन किया गया —

🔹 विश्वसनीय और सुरक्षित (Trusted and Secure)
🔹 लचीला और भरोसेमंद (Resilient and Reliable)
🔹 खुला और अंतःप्रचालनीय (Open and Interoperable)
🔹 समावेशी और किफायती (Inclusive and Affordable)
🔹 सतत और वैश्विक रूप से जुड़ा हुआ (Sustainable and Globally Connected)

यह घोषणा नेटवर्क को विश्वसनीयता और सुरक्षा के साथ डिजाइन करने की आवश्यकता पर बल देती है। इसमें भरोसेमंद इकोसिस्टम, जोखिम न्यूनीकरण, और एआई-आधारित सुरक्षा उपायों के महत्व को रेखांकित किया गया।

6G नेटवर्क की मजबूती और गोपनीयता-संरक्षित संरचनाएं सुनिश्चित करेंगी कि अरबों उपकरणों और उपयोगकर्ताओं के लिए हमेशा कनेक्टिविटी बनी रहे।

घोषणा में कहा गया कि 6G को एक वैश्विक सार्वजनिक संपत्ति (Global Public Good) के रूप में विकसित किया जाना चाहिए, और इसके लिए खुले, पारदर्शी एवं समावेशी मानकीकरण (Standardisation) की आवश्यकता है।

इसमें खुले इंटरफेस, मल्टी-वेंडर इंटरऑपरेबिलिटी, और एआई-सक्षम नेटवर्क ऑर्केस्ट्रेशन को बढ़ावा देने पर बल दिया गया ताकि नवाचार और किफायत में तेजी लाई जा सके।

घोषणा में सततता (Sustainability) को 6G डिजाइन का केंद्र बताया गया — जिसमें ऊर्जा-कुशल, मरम्मत योग्य और पुनर्नवीनीकरण योग्य प्रणालियों के विकास पर बल दिया गया ताकि कार्बन उत्सर्जन में कमी लाते हुए 6G को सुलभ और किफायती बनाया जा सके।

इसके तहत स्थलीय (terrestrial) और गैर-स्थलीय (non-terrestrial) नेटवर्क — उपग्रह, उच्च ऊंचाई वाले प्लेटफॉर्म और भविष्य की अंतरिक्ष-आधारित प्रणालियों — के एकीकरण से भूमि, समुद्र, आकाश और अंतरिक्ष तक निर्बाध वैश्विक कवरेज का लक्ष्य रखा गया।

घोषणा में भविष्य की पीढ़ी को बदलते हुए दूरसंचार परिदृश्य के लिए तैयार करने की आवश्यकता पर भी बल दिया गया। साझेदार संगठनों ने हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और नेटवर्क मानकों में कुशल प्रतिभा विकसित करने की प्रतिबद्धता जताई।

अंत में, सभी सहभागी संगठनों ने — भारत 6G, 6G-IA, ATIS’ Next G Alliance, XGMF, 6G Forum, UK TIN, UK Federated Telecoms Hubs, 6G Flagship, 6G Brazil, और UKI-FNI — सरकारों, उद्योग, शिक्षाविदों और नागरिक समाज से इन साझा सिद्धांतों के इर्द-गिर्द एकजुट होने का आह्वान किया।

घोषणा में कहा गया —

“हम सुरक्षा, पारदर्शिता, लचीलापन, समावेशन, किफायत और सततता को केंद्र में रखकर ऐसा 6G नेटवर्क ताना-बाना बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो समाजों को सशक्त करे, डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं को गति दे और किसी को पीछे न छोड़े।”

अंतर्राष्ट्रीय भारत6G संगोष्ठी 2025 में जारी यह संयुक्त घोषणा 6G को सार्वभौमिक, विश्वसनीय और समावेशी बुद्धिमान नेटवर्क बनाने की दिशा में एक वैश्विक मील का पत्थर है।

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