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मणिपुर के विकास रोडमैप पर तीसरी समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करने पर बल — ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया

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पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज मणिपुर के विकास रोडमैप पर तीसरी समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (MDoNER) और मणिपुर राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक का उद्देश्य चल रही परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना, समावेशी विकास के नए अवसरों की पहचान करना और राज्य की विकास प्राथमिकताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित “आत्मनिर्भर भारत” के दृष्टिकोण के साथ संरेखित करना था।

मणिपुर पोलो का पुनरुद्धार और खेल-पर्यटन को बढ़ावा

बैठक में विशेष रूप से मणिपुर पोलो के पुनरुद्धार पर चर्चा की गई, जिसे राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और आर्थिक अवसर दोनों के प्रतीक के रूप में देखा गया। सिंधिया ने कहा कि मणिपुर को एक बार फिर “भारत की पोलो राजधानी” के रूप में स्थापित करने के लिए विश्व-स्तरीय प्रशिक्षण संस्थानों और सुविधाओं का विकास किया जाएगा। यह पहल खेल-आधारित पर्यटन को प्रोत्साहित करेगी, स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाएगी और मणिपुर की सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक स्तर पर मजबूत करेगी।

शिल्पकारों और बुनकर समुदायों का सशक्तिकरण

मंत्री ने राज्य की पारंपरिक हस्तशिल्प और हैंडलूम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने 250 मिनी और 200 मेगा उत्पादन इकाइयों की स्थापना और स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को समर्थन देने की घोषणा की। सिंधिया ने कहा कि इससे न केवल पारंपरिक शिल्प को संरक्षित किया जाएगा, बल्कि नए रोजगार और उद्यमिता के अवसर भी पैदा होंगे।

अवसंरचना, कनेक्टिविटी और कृषि आधारित आजीविका

बैठक में एक इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क की स्थापना की रूपरेखा पर भी चर्चा हुई, जिसमें प्रौद्योगिकी और डिजाइन संस्थान शामिल होगा। मंत्री ने “वाइब्रेंट विलेजेज” को पीएम गति शक्ति ढांचे से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि ग्रामीण पर्यटन, लॉजिस्टिक्स और अंतिम छोर तक पहुंच को सुदृढ़ किया जा सके।

कृषि क्षेत्र में, उन्होंने अगले चार वर्षों में 10,000 हेक्टेयर में पाम ऑयल की खेती का लक्ष्य तय किया ताकि आत्मनिर्भर कृषि-आधारित आजीविका को बढ़ावा मिल सके।

तेज क्रियान्वयन और परिणामोन्मुख विकास

सिंधिया ने सभी परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में तेज क्रियान्वयन और परिणाम-आधारित प्रगति सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि MDoNER एक “सक्रिय सुगमकर्ता” की भूमिका निभाता रहेगा, ताकि मणिपुर का विकास समावेशी और सतत बना रहे।

निरंतरता और प्रतिबद्धता

यह तीसरी समीक्षा बैठक इस वर्ष पहले आयोजित दो बैठकों की श्रृंखला को आगे बढ़ाती है, जिनमें पर्यटन, खेल, पोलो सर्किट, लोकतक झील पुनर्जीवन, बुनाई क्लस्टर और वाइब्रेंट विलेजेज पर केंद्रित चर्चा हुई थी।

इन निरंतर प्रयासों के माध्यम से सिंधिया ने यह स्पष्ट किया कि अपनी समृद्ध संस्कृति, उद्यमशीलता भावना और सामुदायिक शक्ति के बल पर मणिपुर आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के तहत आत्मनिर्भरता और विकास का प्रतीक बन रहा है।

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